GST काउंसिल की 56वीं बैठक में टेक्सटाइल एवं गारमेंट सेक्टर की दरों में युक्तिकरण की माँग, CAIT टेक्सटाइल एंड गारमेंट कमेटी ने वित्त मंत्री को भेजा पत्र:- चम्पालाल बोथरा(CAIT)

भारत के करोड़ों कपड़ा व्यापारियों, कारीगरों और MSME उद्यमियों को राहत देने हेतु कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की टेक्सटाइल एंड गारमेंट कमेटी के राष्ट्रीय चेयरमैन चम्पालाल बोथरा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। उन्होंने आगामी 56वीं GST परिषद बैठक में तीन प्रमुख माँगें रखी हैं: रेडीमेड वस्त्रों पर मूल्य भेदभाव के बिना 5% GST दर, अनस्टिच्ड फैब्रिक को ‘फैब्रिक’ की श्रेणी में स्पष्ट करना और पूरे टैक्स ढांचे को सरल बनाना। बोथरा ने कहा कि टैक्स की अस्पष्टता व्यापारियों के लिए संकट बन चुकी है। ये सुधार MSME सशक्तिकरण, पारदर्शिता और राजस्व वृद्धि में मददगार होंगे।

GST काउंसिल की 56वीं बैठक में टेक्सटाइल एवं गारमेंट सेक्टर की दरों में युक्तिकरण की माँग,  CAIT टेक्सटाइल एंड गारमेंट कमेटी ने वित्त मंत्री को भेजा पत्र:-  चम्पालाल बोथरा(CAIT)

CAIT ने रेडीमेड गारमेंट्स पर समान 5% GST, अनस्टिच्ड फैब्रिक को 'फैब्रिक' श्रेणी में शामिल करने और टैक्स ढाँचा सरल बनाने की माँग की

सूरत,भारत के करोड़ों टेक्सटाइल व्यापारियों, कारीगरों और MSME उद्यमियों से जुड़े टेक्सटाइल एवं गारमेंट सेक्टर में लंबे समय से GST दरों की असमानता और जटिलता गंभीर समस्या बनी हुई है। इन मुद्दों को लेकर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की टेक्सटाइल एंड गारमेंट कमेटी के राष्ट्रीय चेयरमैन श्री चम्पालाल बोथरा ने माननीया वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को एक विस्तृत पत्र प्रेषित किया है।

पत्र में आगामी 56वीं GST परिषद बैठक में निम्नलिखित तीन अहम माँगें रखी गई हैं:

1.रेडीमेड गारमेंट पर एक समान 5% GST दर लागू की जाए – मूल्य चाहे ₹1000 से कम हो या अधिक।

2.अनस्टिच्ड फैब्रिक जैसे लेहंगा कट, ड्रेस मटेरियल आदि को स्पष्ट रूप से “फैब्रिक” की श्रेणी में रखा जाए, और उन पर 5% की ही दर लागू हो — ताकि राज्यों द्वारा की जा रही गलत व्याख्या, रेड और नोटिस जैसी कार्रवाइयों पर रोक लगे।

3.पूरे टैक्स ढाँचे को सरल एवं स्पष्ट बनाया जाए, जिससे व्यापारी टैक्स भ्रम और कानूनी उलझनों से मुक्त हो सकें।

बोथरा ने कहा:

“GST लागू हुए 7 वर्ष हो चुके हैं, पर रेडीमेड एवं अनस्टिच्ड गारमेंट्स पर दरों की अस्पष्टता अभी भी व्यापारियों व उपभोक्ताओं के लिए गंभीर समस्या बनी हुई है। अब समय आ गया है कि सरकार इस रोजगारजनक एवं परंपरागत उद्योग को टैक्स सरलीकरण द्वारा राहत प्रदान करे।”

इन प्रस्तावित सुधारों से सरकार को लंबी अवधि में राजस्व वृद्धि, व्यापारिक पारदर्शिता और MSME सशक्तिकरण में भी मदद मिलेगी।

CAIT टेक्सटाइल एंड गारमेंट कमेटी आशा व्यक्त करता है कि वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी एवं जीएसटी काउंसलिंग इस गंभीर विषय पर शीघ्र निर्णय लेंगे और देशभर के लाखों कपड़ा व्यापारियों को राहत प्रदान करेंगे।