जलभराव से सूरत के व्यापार को करोड़ों का नुकसान, कैट चेयरमैन चम्पालाल बोथरा ने जताई चिंता,स्मार्ट ड्रेनेज से लेकर बीमा नीति तक, CAIT ने सुझाए व्यापार बचाव के उपाय
कैट की टेक्सटाइल एवं गारमेंट समिति ने सूरत महानगरपालिका को निम्नलिखित महत्वपूर्ण सुझाव दिए
सूरत: मानसून में कपड़ा बाजार बेहाल, CAIT ने की स्मार्ट समाधान की वकालत
Surat,कैट (CAIT) की टेक्सटाइल एवं गारमेंट समिति के राष्ट्रीय चेयरमैन, चम्पालाल बोथरा ने आज सूरत के कपड़ा बाज़ार और अन्य व्यापारिक क्षेत्रों में मानसून के दौरान होने वाले गंभीर जलभराव और इससे व्यापारिक समुदाय को हो रहे भारी नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सूरत महानगरपालिका कमिश्नर श्री को पत्र लिखकर इस समस्या के त्वरित और दीर्घकालिक समाधान के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।
बोथरा ने कहा, "सूरत, जिसे गर्व से भारत का 'टेक्सटाइल कैपिटल' कहा जाता है, और जिसका कपड़ा बाज़ार एशिया के सबसे बड़े बाज़ारों में से एक है, हर साल मानसून में जलभराव की समस्या से जूझता है। इस साल की पहली बारिश में ही कपड़ा बाज़ार, रिंग रोड, सारोली, सलाबतपुरा, सहारा दरवाज़ा और लाल दरवाज़ा जैसे प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में पानी भर गया, जिससे हमारे व्यापारी भाइयों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि यह समस्या अब केवल 'सफाई' या 'ड्रेनेज' की नहीं, बल्कि सूरत की आर्थिक साख और व्यापारिक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है।
कैट की टेक्सटाइल एवं गारमेंट समिति ने सूरत महानगरपालिका को निम्नलिखित महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:
* आपदा प्रबंधन निरीक्षण दल का गठन: जलभराव से प्रभावित कपड़ा बाज़ार और आस-पास के क्षेत्रों की पहचान और त्वरित राहत के लिए एक विशेष दल बने।
* स्मार्ट ड्रेनेज सिस्टम का कार्यान्वयन: आधुनिक तकनीक पर आधारित स्मार्ट ड्रेनेज सिस्टम को लागू किया जाए, विशेषकर कपड़ा बाज़ार के पास की खाड़ियों को इसमें शामिल किया जाए।
* मानसून पूर्व ड्रेनेज व नाला सफाई रिपोर्ट सार्वजनिक करें: पारदर्शिता के लिए सफाई संबंधी रिपोर्ट जनता के सामने लाई जाए।
* व्यापारिक बीमा/मुआवजा नीति की मांग: जलभराव से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए बीमा या मुआवजा नीति बनाई जाए।
* जल निकासी योजना का पुनर्गठन: शहर की मौजूदा जल निकासी प्रणाली का आधुनिक जरूरतों के अनुरूप पुनर्गठन हो।
* बैरोमीट्रिक अलर्ट सिस्टम व मोबाइल ऐप: व्यापारियों को समय पर सूचना देने के लिए अलर्ट सिस्टम और एक समर्पित मोबाइल ऐप विकसित किया जाए।
* शहर स्तरीय 'टेक्सटाइल इंफ्रास्ट्रक्चर मॉनिटरिंग समिति' का गठन: कपड़ा बाज़ार के बुनियादी ढांचे की निगरानी और सुधार के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाए, जिसमें व्यापारिक प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए।
बोथरा ने महानगरपालिका से अपील की कि वह 'हर साल पानी भरता है' जैसी पुरानी सोच से बाहर निकलकर, व्यवस्थित, टेक्नोलॉजी-आधारित और दीर्घकालिक समाधानों पर गंभीरता से काम करे। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर शीघ्र विचार कर व्यापारियों को राहत प्रदान करेगा और सूरत की आर्थिक गति को बनाए रखने में मदद करेगा।