मूंग क्रय केंद्रों की धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी सख्त — अब तक केवल 580.250 क्विंटल की खरीद, लापरवाहों पर होगी कार्रवाई, किसानों को लाभ पहुंचाना सर्वोच्च प्राथमिकता — डीएम
जालौन में जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने मूंग क्रय केंद्रों की समीक्षा बैठक में धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। उन्होंने लापरवाह क्रय केंद्र प्रभारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई और केंद्रों के निरस्तीकरण की चेतावनी दी। जनपद में 17 क्रय केंद्र संचालित हैं, फिर भी अब तक सिर्फ 260.700 क्विंटल मूंग की खरीद हो सकी है। जिलाधिकारी ने किसानों को एमएसपी का लाभ दिलाने, बिचौलियों को रोकने और पारदर्शिता के लिए सीसीटीवी, मूल दस्तावेज़ों की जांच व बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में सभी एसडीएम, एडीसीओ और कृषि अधिकारी मौजूद रहे।

मूंग क्रय में लापरवाही पर सख्त जिलाधिकारी: लापरवाह केंद्र होंगे निरस्त, बिचौलियों पर कसेगा शिकंजा
जालौन,जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत जनपद में संचालित मूंग क्रय केंद्रों की समीक्षा बैठक की। जिलाधिकारी ने धीमी प्रगति पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि लापरवाह क्रय केंद्र प्रभारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए और आवश्यकता पड़ने पर केंद्रों के निरस्तीकरण की संस्तुति भेजी जाए। उन्होंने जानकारी दी कि जनपद में कुल 17 मूंग क्रय केंद्र संचालित हो रहे हैं, जिनमें बी-पैक्स लिमिटेड, क्रय विक्रय समिति, काशी एग्रो परपज कोऑपरेटिव, श्री गुरुकृपा कृषि मंडी समिति, स्वर जनधन समिति, सेल्टर एग्रो टेक, बुलंदशहर एग्रो, एग्रो एनोवेट, अमृत ग्रीन फार्मर कंपनी, एवीएन मल्टी स्टेट तथा न्यू जेनरेशन एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी शामिल हैं। बावजूद इसके, अब तक केवल 260.700 क्विंटल मूंग की ही खरीद हो सकी है, जो लक्ष्य की तुलना में अत्यंत कम है। जिलाधिकारी ने कहा कि मूल्य समर्थन योजना का उद्देश्य किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपज का सीधा लाभ दिलाना है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सशक्त हो सके। उन्होंने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने क्षेत्रों में मूंग उत्पादक किसानों का पंजीकरण कराएं, खसरा-खतौनी से मिलान कर वास्तविक कृषकों की पहचान सुनिश्चित करें और उन्हें क्रय केंद्रों पर बुलाकर तेजी से खरीद कार्य कराएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिचौलियों की संलिप्तता किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कोई किसान दूसरों की खतौनी लेकर क्रय केंद्र पर आता है, तो उसका सत्यापन उप जिलाधिकारी से कराया जाए। इससे पात्र किसान को ही लाभ मिल सकेगा और बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी।जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि प्रत्येक क्रय केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से सक्रिय रहें, और पूरी खरीद प्रक्रिया निगरानी में की जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और भविष्य में किसी प्रकार की शिकायत का सटीक समाधान किया जा सके। सभी क्रय केंद्रों पर छाया, पेयजल, बैठने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि जहां कहीं भी लापरवाही या उदासीनता पाई गई, वहां संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्यवाही की जाएगी।
इस अवसर पर समस्त उप जिलाधिकारी, एडीसीओ, कृषि अधिकारी गौरव यादव सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।