संसद में दिग्विजय सिंह और अमित शाह में क्यों हुई तकरार, ' इनको मेरा हौवा ऐसा है कि हर जगह मैं ही दिखाई देता हूं'

संसद में दिग्विजय सिंह और अमित शाह में क्यों हुई तकरार, ' इनको मेरा हौवा ऐसा है कि हर जगह मैं ही दिखाई देता हूं'

Waqf Bill Debates Rajya Sabha: गुरुवार रात वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में उस समय माहौल गरमा गया जब भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी अपनी बात रख रहे थे. भाजपा प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी वक्फ बिल पर अपनी बातें रख ही रहे थे, तभी विपक्षी सांसदों ने उनके बयान की आलोचना शुरू की. फिर सभापति से सुधांशु त्रिवेदी की बातों को एक्सपंज करने की मांग भी की गई. इसी दौरान कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह और अमित शाह में तकरार शुरू हो गई. दिग्विजय सिंह ने सुधांशु की बात पर आपत्ति जताई, जिसपर अमित शाह ने पलटवार किया. 

वक्फ बिल पर भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- हमारी सरकार ने पहली बार मुस्लिम समाज के अंदर सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने का काम किया है. ताजमहल पर भी वक्फ ने दावा किया. तब सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट में कहा कि शाहजहां के समय का फरमान लेकर आइए जिसमें ताजमहल को वक्फ किया गया.

मामला उस समय गरम हो गया जब..

असल में यह मामला उस समय गरम हो गया जब बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने मुस्लिम समाज के ऐतिहासिक प्रतिनिधित्व और वर्तमान छवि को लेकर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि पहले मुस्लिम समाज के प्रतीक बिस्मिल्लाह खां, कैफी आजमी जैसे लोग हुआ करते थे. लेकिन आज समाज को अतीक अहमद और याकूब मेनन जैसे नामों से जोड़ा जा रहा है. इस पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने त्रिवेदी के बयान को निंदनीय बताया.

इसके बाद दिग्विजय चुप हो गए..

दिग्विजय सिंह ने इसके बाद गुजरात दंगों की बात उठाते हुए अमित शाह पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गुजरात में जब दंगे हुए अमित शाह उस वक्त गृह मंत्री थे. उन्हें बताना चाहिए कि उस समय उनकी क्या भूमिका थी. इस पर अमित शाह ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह को मेरे नाम का ऐसा हौवा है कि उन्हें हर जगह मैं ही दिखता हूं. जब गुजरात में दंगे हुए मैं गृह मंत्री नहीं था. मैं 18 महीने बाद इस पद पर आया था. इसके बाद दिग्विजय चुप हो गए.

इससे पहले बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में पास किया गया था. लगभग 12 घंटे लंबी चर्चा के बाद इसे देर रात दो बजे 288 सांसदों के समर्थन और 232 के विरोध के साथ पारित किया गया. अब राज्यसभा में भी यह पास हो गया है