पहलगाम आतंकी हमले में इंदौर के सुशील कुमार नथानिया की गई जान, बेटी के पैर में लगी गोली

पहलगाम आतंकी हमले में इंदौर के सुशील कुमार नथानिया की गई जान, बेटी के पैर में लगी गोली

इंदौर : जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने इंदौर के एक क्रिश्चियन परिवार पर भी गोलियां बरसाईं. इस हमले में इंदौर के वीणा नगर इलाके के रहने वाले सुशील कुमार नथानियल की मौत हो गई है. सुशील की बेटी आकांक्षा के पैर पर भी आतंकियों ने गोली मारी है, वहीं उनकी पत्नी जेनिफर बाल-बाल बची हैं. सुशील मूल रूप से जोबट के रहने वाले थे और आलीराजपुर एलआईसी की सैटेलाइट शाखा में कार्यरत थे. वे पत्नी जेनिफर, 30 साल की बेटी आकांक्षा और 21 साल के बेटे ऑस्टिन के साथ कश्मीर घूमने गए थे.

बेटी का चल रहा इलाज

हादसे में जान गंवाने वाले इंदौर के सुशील कुमार नथानियल की बेटी के पैर में गोली लगने के बाद सुरक्षा बलों ने उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट किया है. उनकी बेटी आकांक्षा सूरत में रहकर बैंक में जॉब करती है. वहीं सुशील की पत्नी जेनिफर खातीपुरा के एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं. उनकी पत्नी और बेटा ऑस्टिन इस हमले में बाल-बाल बचे हैं. गौरतलब है कि मंगलवार को पहलगाम में हुए इस हमले में 27पर्यटकों की मौत हो गई है. इस हमले में 17 लोग घायल भी हुए हैं.

आतंकियों ने कलमा पढ़ने को कहा, फिर गोलियों से भूना सुशील नथानियल के भाई विकास ने बताया- आतंकवादियों ने पहले सुशील को घुटनों पर बैठाया, फिर उन्हें कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया। जब उन्होंने अपना धर्म ईसाई बताया, तब आतंकवादियों ने उन्हें गोलियों से भून दिया। आकांक्षा को पैर में गोली लगी है। घटना से पहले सुशील ने अपनी पत्नी को छिपा दिया था और स्वयं आतंकवादियों के सामने खड़े हो गए थे।

जेनिफर खातीपुरा के सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। घायल आकांक्षा सूरत में बैंक ऑफ बड़ौदा में फर्स्ट क्लास ऑफिसर जबकि ऑस्टिन गोल्डी बैडमिंटन खिलाड़ी है। परिवार मूल रूप से जोबट का रहने वाला है।

जेनिफर-आकांक्षा अस्पताल में भर्ती सेना ने इंदौर पुलिस को पहलगाम हमले के मृतकों और घायलों की लिस्ट भेजी है। इसके आधार पर एडिशनल पुलिस कमिश्नर (कानून एवं व्यवस्था) अमित सिंह ने बताया- अंकिता को पैर में गोली लगी है जबकि जेनिफर भागते समय गिरने से घायल हुई। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

शव को श्रीनगर से दिल्ली, फिर इंदौर लाया जाएगा सुशील के छोटे भाई विकास की पत्नी जैमा ने बताया- सुशील और उनका परिवार बाहर रहता है। घूमने के लिए पहलगाम गया था। बेटे ऑस्टिन का फोन आने पर हमें पता लगा। हमारा पूरा परिवार यहां इकट्‌ठा हो गया है। भाभी से भी बात हुई। वे बहुत दु:खी हैं। शव को श्रीनगर से दिल्ली और वहां से इंदौर लाया जा रहा है।

जैमा ने कहा- ऐसे आतंकियों को गोली मार देनी चाहिए। भारत के लोगों को वहां पर्याप्त सुरक्षा मिलनी चाहिए।

धारा 370 हटने के बाद से ही जाने का प्लान बना रहे थे सुशील के मामा के बेटे संजय कुमरावत ने बताया- 22 अप्रैल हमारे लिए बहुत बुरा दिन साबित हुआ। हमें बताया होता तो हम जाने ही नहीं देते। सुशील की हमेशा सरप्राइज देने की आदत थी। वह सरप्राइज देकर ही हमसे विदा हो गया।

हम काका-मामा-बुआ के 10-12 भाई-बहन हैं। हमेशा साथ ही पिकनिक मनाते हैं। घूमने भी साथ ही जाते हैं। धारा 370 हटने के बाद हमने कई बार प्लान किया था कि कश्मीर जाना चाहिए। सुशील ने सरप्राइज देने के चक्कर में समय गलत चुन लिया।

संजय ने कहा- यदि आज सूर्यास्त के पहले शव आ जाता है तो आज ही अंतिम संस्कार करेंगे। नहीं तो कल सुबह कब्रिस्तान ले जाएंगे।

विधायक रमेश मेंदोला भी मिलने पहुंचे हादसे की जानकारी लगने के बाद विधायक रमेश मेंदोला भी विकास के परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उनके साथ एमआईसी सदस्य राजेंद्र राठौर भी थे।

कलेक्टर ने कहा- शव को एयरलिफ्ट कर इंदौर लाएंगे कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा- हम श्रीनगर के स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं। परिवार के दूसरे सदस्य ठीक हैं। उन्हें प्राथमिक चिकित्सा दी गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव भी लगातार अपडेट ले रहे हैं। शव को एयरलिफ्ट करके इंदौर लाया जाएगा।