मुझे डराने की कोशिश…’ CBI छापेमारी के बाद दुर्गेश पाठक का दावा :विदेशी फंडिंग मामले में एक्शन

आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व विधायक दुर्गेश पाठक के घर गुरुवार को CBI ने छापेमारी की है। CBI अधिकारियों के मुताबिक, यह कार्रवाई विदेशी फंडिंग से जुड़े मामले को लेकर हो रही है। CBI ने बुधवार को AAP के खिलाफ फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) के तहत केस दर्ज किया।
CBI की FIR के मुताबिक- विदेशों में रहने वाले 155 लोगों ने 55 पासपोर्ट नंबरों का इस्तेमाल कर 404 बार में पार्टी को कुल ₹1.02 करोड़ का डोनेशन दिया। कई डोनर्स ने एक ही पासपोर्ट नंबर का इस्तेमाल किया, जिससे फर्जीवाड़े का संदेह है।
AAP ने जवाब में कहा- 201 विदेशी नागरिकों ने पार्टी को डोनेशन दिया। 51 ईमेल आईडी के जरिए 639 बार में ₹2.65 करोड़ का दान किया। सभी डोनेशन पारदर्शी तरीके से हुए हैं और उनके पास पूरा रिकॉर्ड है।
AAP नेता मनीष सिसोदिया ने कहा- गुजरात चुनाव 2027 की जिम्मेदारी मिलते ही दुर्गेश पाठक के घर CBI रेड हुई है। ये कोई इत्तफाक नहीं, बल्कि भाजपा की साजिश है। BJP जानती है कि गुजरात में अब सिर्फ AAP ही उन्हें चुनौती दे सकती है।
CBI की रेड पर AAP नेताओं की बयान:
आतिशी- आम आदमी पार्टी ने जैसे ही गुजरात चुनाव की तैयारी शुरू की, गुजरात के सह-प्रभारी दुर्गेश पाठक के घर CBI रेड करने पहुंच गई। गुजरात में AAP ही भाजपा को चुनौती दे सकती है और यह रेड इनकी बौखलाहट दिखा रही है। इतने सालों में भाजपा को समझ नहीं आया कि हम उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं।
सौरभ भारद्वाज- पिछले गुजरात चुनाव की वजह से भाजपा की केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार करना शुरू किया था। अब दुर्गेश पाठक को गुजरात की जिम्मेदारी मिली है तो आज CBI ने उनके घर छापा मार दिया है ।
संजय सिंह- BJP का गंदा खेल फिर शुरू हो गया है। गुजरात के सहप्रभारी दुर्गेश पाठक के घर CBI पहुंची है। मोदी सरकार ने हमारी पार्टी को खत्म करने का हर हथकंडा अपना कर देख लिया, लेकिन फिर भी उनको चैन नहीं। गुजरात में BJP की हालत पतली है। जैसे ही पाठक को गुजरात का सहप्रभारी बनाया गया उनको धमकाने के लिए CBI भेज दी।
दुर्गेश पाठक ने गुरुवार को केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार पर हमला बोलते हुए उन पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को “डराने” के लिए छापेमारी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह जांच एजेंसियों का पूरा सहयोग करेंगे लेकिन डरेंगे नहीं।
उन्होंने कहा कि उनके आवास पर तलाशी वारंट लेकर आई केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अधिकारियों को कुछ नहीं मिला और उन्होंने उन्हें मामले से अवगत भी नहीं कराया। पाठक ने कहा, “सीबीआई की टीम ने मेरे दो कमरों के घर में तीन से चार घंटे तक पूरी तरह से जांच की। उन्होंने हर कोने को खंगाला। अगर उन्हें कोई किताब मिली, तो उन्होंने हर पन्ना पलटा। उन्होंने सब कुछ चेक किया लेकिन कुछ नहीं मिला। वापस जाते समय, उन्होंने उन लोगों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी ली जो विधायक रहते हुए मेरे पास अपने काम के संबंध में सहायता के लिए आते थे।