वैश्विक उथल-पुथल के बीच आशा की किरण बन रहा है भारत : आशीषकुमार चौहान, एमडी और सीईओ, एनएसई

अस्थिर स्थिति में उम्मीद की किरण बनकर उभर रहा है भारत": आशीषकुमार चौहान, एमडी और सीईओ, एनएसई

वैश्विक उथल-पुथल के बीच आशा की किरण बन रहा है भारत : आशीषकुमार चौहान, एमडी और सीईओ, एनएसई

भोपाल, अप्रैल 2025: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) के एमडी और सीईओ श्री आशीष कुमार चौहान ने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों, निवेशकों की सोच और भविष्य की संभावनाओं के बीच भारतीय बाजार के प्रदर्शन पर इंडिया ग्लोबल फोरम, मुंबई एनएक्सटी25 में अपने विचार साझा किए। 

अपने उच्चतम स्तर से 1.5 ट्रिलियन डॉलर नीचे आने के बावजूद भारतीय कैपिटल मार्केट में लॉन्ग-टर्म ग्रोथ ट्रेजेक्टरी पर जोर देते हुए श्री चौहान ने कहा, "2014 में भारत का मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर से कम था, और आज यह लगभग 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। यह बताता है कि देश में बड़ी मात्रा में संपत्ति का निर्माण हुआ है।"  

विदेशी निवेशकों के बाहर निकलने को लेकर उन्होंने कहा कि ये ट्रेंड वैश्विक ब्याज दरों में बदलाव और उभरते बाजार में 'जोखिम से बचने' की भावना की वजह से देखा जा रहा है। लेकिन भारत की निर्यात संरचना कुछ ऐसी है, जिसकी वजह से यह ग्लोबल टैरिफ तनावों से काफी हद तक सुरक्षित है।

उन्होंने बताया कि भारतीय बाजार की मजबूती का एक बड़ा कारण घरेलू रिटेल निवेशक हैं। 6 करोड़ से ज्यादा भारतीय हर महीने सिर्फ 250 रुपए जैसी छोटी राशि से सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) करते हैं। इससे हर महीने बाजार में करीब 2.5-3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की स्थायी आमदनी होती है। यह दिखाता है कि भारतीय अब देश के बिज़नेस और एंटरप्रेन्योरशिप पर भरोसा करने लगे हैं।

फाइनेंशियल इनक्लूजन (वित्तीय समावेशन) पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि छोटे निवेशों से भी मार्केट का आकर बढ़ रहा है। बाजार में उतार-चढ़ाव के समय भी हो रहे, ये डायरेक्ट इंवेस्टमेंट्स इन्वेस्टर की मैच्योर सोच के बारे में बताते हैं।

आईपीओ को लेकर उन्होंने बताया कि आईपीओ में स्थिति मजबूत बनी हुई है, केवल मार्च के अंत तक 50 से ज्यादा कंपनियों ने आईपीओ फाइल किये, और 2024 में एनएसई ने कुल 268 आईपीओ की मेजबानी की, जिनसे 19.6 बिलियन डॉलर जुटाए गए, जो दुनिया में अब तक का सबसे अधिक आईपीओ फंड रहा। इनमें से 178 आईपीओ छोटे और मीडियम उद्योगों (एसएमई) से जुड़े थे। कुल मिलाकर एनएसई के जरिए 209 बिलियन डॉलर से ज्यादा का फंड जुटाया गया।

हाल के ऑपरेशन संबंधी बदलावों पर बोलते हुए, श्री चौहान ने डेरिवेटिव एक्सपायरी में बदलाव को स्पष्ट किया और बताया कि डेरिवेटिव्स की एक्सपायरी डेट को गुरुवार से सोमवार करना एक नियमित प्रक्रिया है और हम आगे के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं, उसके बाद ही कोई और बदलाव किया जाएगा। 

अपने संबोधन का संतुलित निष्कर्ष देते हुए, उन्होंने कहा, “भारत वैश्विक अस्थिरता के बीच सोच-समझकर आगे बढ़ रहा है। हमारे फंडामेंटल्स अच्छी स्थिति में हैं, और हमारे रेगुलेटर्स तथा सरकार एक स्थिर नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं।”