MP के पुलिसकर्मी अब सांसद-विधायक को करेंगे सैल्यूट, DGP ने जारी किया आदेश , PCC चीफ बोले-डीजीपी का आदेश वर्दी का अपमान

प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पुलिस अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच चल रही खींचतान के बीच पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना ने एक अहम आदेश जारी किया है। अब पुलिस अधिकारियों को मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ सांसदों और विधायकों को भी सलामी देनी होगी।

MP के पुलिसकर्मी अब सांसद-विधायक को करेंगे सैल्यूट, DGP ने जारी किया आदेश , PCC चीफ बोले-डीजीपी का आदेश वर्दी का अपमान

MP Police Salute Order-मध्यप्रदेश में अब सीएम और मंत्रियों के साथ-साथ सांसद-विधायकों को भी पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को सैल्यूट करना होगा. डीजीपी कैलाश मकवाना ने इसे लेकर आदेश जारी करते हुए कहा है कि किसी भी जनप्रतिनिधि के साथ शिष्ट व्यवहार में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आनी चाहिए. साथ ही अगर सांसद और विधायक मिलने के लिए पहुंचे तो पुलिस अफसरों को प्राथमिकता के साथ मुलाकर कर उनकी बात सुननी होगा. 

डीजीपी की ओर से यह निर्देश 24 अप्रैल को जारी किए गए हैं.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि पुलिस को जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कहा जाए न कि सत्ता के घमंड में पुलिस का मनोबल तोड़ने का काम कराया जाए।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शनिवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि जिस समय राज्य की कानून व्यवस्था रसातल में पहुंच चुकी हो, पुलिस खुद अपराधियों के निशाने पर हो, ऐसे समय में राज्य सरकार पुलिस को न्याय दिलाने की बजाय सत्ता के प्रतीकों के सामने झुकने का फरमान सुना रही है। यह आदेश जनतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों और संविधान की आत्मा जनता सर्वोच्च है का भी अपमान है। पटवारी ने कहा कि प्रदेशभर में रेत, शराब, भू-माफिया और ट्रांसपोर्ट सिंडिकेट खुलेआम पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। पिछले 6 महीने में पुलिस पर हमले की दर्जनों घटनाएं, थानों पर हमले, जवानों को पीटना, राजनीतिक संरक्षण में अपराधियों को बचाना जैसी अनेक घटनाओं ने पुलिस की साख पर सवाल खड़े किए हैं। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं, बच्चों और दलितों के खिलाफ अपराध में मध्य प्रदेश टॉप पर है।

पटवारी ने भाजपा सरकार के निर्णय से असहमति जताते हुए कहा कि पुलिस का मनोबल पहले ही कमजोर है। वह एक ओर अपराधियों से लड़ रही है, तो दूसरी तरफ भाजपा नेताओं के दबाव से जूझ रही है। और अब यह आदेश उन्हें और भी कमजोर, झुका हुआ और भयभीत बना सकता है। पुलिस की निडर और निष्पक्ष कार्यप्रणाली में सत्ता दल के नेताओं का दखल बढ़ सकता है!

सैल्यूट करेंगे पुलिसकर्मी

डीजीपी कैलाश मकवाना ने इसके निर्देश प्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों को जारी कर इसका पालन करने के लिए कहा है. सभी सांसद, विधायकों को सरकारी कार्यक्रम या सामान्य मुलाकात के दौरान उनका अभिवादन वर्दीधारी अधिकारी और कर्मचारी सैल्यूट करके करेंगे.

प्राथमिकता से करनी होगी मुलाकत

डीजीपी की तरफ से कहा गया है कि सांसद-विधायकों के पत्रों का जवाब अधिकारी-कर्मचारी को हस्ताक्षर के साथ समय-सीमा में देना होगा. जब भी कोई सांसद-विधायक मिलने के लिए दफ्तर आएं तो उनसे सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ मुलाकात करनी होगी. 

ध्यान से बात सुनें, शिष्टता से जवाब दें

डीजीपी ने कहा कि कि सांसदों, विधायकों द्वारा जब भी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों से मोबाइल या फोन पर जन समस्या को लेकर संपर्क किया जाता है तो अधिकारी-कर्मचारी की जिम्मेदारी होगी कि संवाद के दौरान ध्यान से उनकी बात सुनेंगे और शिष्टता के साथ जवाब देंगे.

पुराने निर्देशों का दिया हवाला

डीजीपी ने सांसदों-विधायकों के सम्मान को लेकर जारी निर्देश में 8 अलग-अलग परिपत्रों का जिक्र किया है। ये सर्कुलर पुलिस अफसरों के लिए 23 जनवरी 2004, 18 मई 2007, 22 मार्च 2011, 24 अक्टूबर 2017, 19 जुलाई 2019, 11 दिसंबर 2019, 12 नवंबर 2021 और 4 अप्रैल 2022 को शासन की ओर से जारी किए गए हैं.