सीएमएचओ और बीएमओ की हुई सांठ गांठ,सीएमएचओ नहीं लगा रहे हाईकोर्ट मे जवाबदावा

सीएमएचओ और बीएमओ की हुई सांठ गांठ,सीएमएचओ नहीं लगा रहे हाईकोर्ट मे जवाबदावा

छतरपुर :बड़ामलहरा के पर्व बीएमओ डॉ केपी सिंह द्वारा हाईकोर्ट मे झूठ बोल के स्थगन आदेश लेने के मामले में सीएमएचओ डॉ आरपी गुप्ता हाईकोर्ट में जवाबदावा लगाने से बच रहे है जबकि उक्त केस की सुनवाई दो मई को होना है।

दरअसल बड़ामलहरा के बीएमओ के पद से हटाए पूर्व प्रभारी बीएमओ डॉ केपी सिंह ने अपने वकील के द्वारा हाईकोर्ट में झूठे तथ्य रख के कोर्ट को गुमराह कर स्थगन आदेश ले लिया था। स्थगन आदेश का हाई कोर्ट में बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ 

वायरल हुए वीडियो में डॉ केपी सिंह के वकील जज से कहते हुए दिखाई पड़ रहे है कि केपी सिंह की नियुक्ति एमपीपीएससी द्वारा बीएमओ बड़ा मलहरा के पद पर हुई थी और इनको हटाकर डॉक्टर हरगोविंद राजपूत को बीएमओ का प्रभार दे दिया जिसकी वजह से डॉक्टर केपी सिंह कहीं काम नहीं कर पा रहे हैं इस बहस के बाद हाई कोर्ट जज ने केपी सिंह को स्टे आदेश दे दिया था जिसके बाद डॉ केपी सिंह को सीएमएचओ डॉ आरपी गुप्ता ने ये जानकर भी की झूठ बोल के स्थगन आदेश लिया है उसके बाद भी कलेक्टर पार्थ जयसवाल को सत्यता बताए बगैर अनुमोदन कराके बीएमओ के पद पर ज्वाइन करा लिया

अब इस केस की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है सात अप्रैल को भी सुनवाई थी लेकिन सीएमएचओ ने कोर्ट में कोई जवाब सरकारी वकील के माध्यम से दाखिल नहीं किया अब अगली सुनवाई दो मई को होना है जिसके लिए अभी तक सीएमएचओ ने सरकारी वकील को झूठे स्टे को बनेकाकब करने वाले दस्तावेज देने जबलपुर नहीं गए जबकि एक सप्ताह पूर्व ही सरकारी वकील की दस्तावेज देना अवश्य होते हैं जिससे वो सही समय पर जवाब दावा कोर्ट में प्रस्तुत कर सके

जूनियर की वजह से हटाया था बीएमओ का प्रभार

सीएमएचओ डॉ आरपी गुप्ता ने डॉ केपी बामोरिया को हटाकर डॉ केपी सिंह जी बड़ामलहरा बीएमओ का प्रभार दिया जिससे उनसे वरिष्ठ चिकित्सक नाराज थे और ओर जूनियर के अधीन काम करने से मना कर रहे था साथ ही अस्पताल की व्यस्था भी केपी सिंह के आने के बाद बिगड़ गई थी जिसे सीएमएचओ द्वारा संज्ञान में लेकर दिनांक 6 मार्च 2025 को सीनियर डॉ हरगोबिंद राजपुत को बीएमओ का प्रभार दे दिया ओर दिनांक 12 मार्च 20205 को केपी सिंह को वापस मूल पदस्थापना रामटोरिया में काम करने का आदेश जारी किया

वरिष्ठता के आधार पर सीएमएचओ ने डॉ हरगोबिंद राजपूत को बीएमओ को प्रभार दिया जिसके बाद केपी सिंह हाईकोर्ट की शरण में गए और झूठ बोल के स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था लेकिन अब अब डॉ केपी सिंह सीएमएचओ हाईकोर्ट में जवाब लगाने से बच रहे है जिससे डॉ केपी सिंह बीएमओ के पद पर बने रहे