बेटे ने पूर्व कुलपति को घर से निकाला, पत्नी के साथ गुहार लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे, संपत्ति के दस्तावेजों पर जबरन कराए हस्ताक्षर
इंदौर में कलेक्टर की जनसुनवाई में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ने अपने बेटे की क्रूरता को लेकर शिकायत की है.
कलेक्टर की जनसुनवाई में मंगलवार को डीएवीवी के पूर्व कुलपति नरेंद्र धाकड़ ने अपने बेटे पर मारपीट करने और घर से निकालने का आरोप लगाया, जिस पर कलेक्टर ने कार्रवाई का आश्वासन दिया।
इंदौर: लंबे समय तक देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति रहे डॉ. नरेंद्र धाकड़ इन दिनों अपने बेटे अमित की क्रूरता के शिकार हैं. स्थिति यह है कि मंगलवार को पत्नी के साथ जनसुनवाई में पहुंचकर उन्हें अपने ही बेटे के खिलाफ न्याय की फरियाद करनी पड़ी. इस मामले में कलेक्टर शिवम वर्मा ने उनके बेटे को बुलाकर समझाने का फैसला किया है.
बेटे की शिकायत लेकर जनसुनवाई में पहुंचे पूर्व कुलपति
बीते कई दिनों से अपने बेटे अमित धाकड़ की मनमानी और संपत्ति में हक की मांग को लेकर नरेंद्र धाकड़ प्रताड़ित हो रहे थे, हालांकि वह मंगलवार को अचानक अपनी पत्नी और बेटी के साथ कलेक्टर शिवम वर्मा की जनसुनवाई में पहुंचे, इस दौरान वहां मौजूद सभी अधिकारी उस समय हैरान रह गए, जब डॉ. धाकड़ ने अपने ही बेटे अमित धाकड़ पर चौंकाने वाले आरोप लगाए.
बेटे ने संपत्ति के दस्तावेजों पर जबरन कराए हस्ताक्षर
डॉ. नरेंद्र धाकड़ ने कलेक्टर शिवम वर्मा से चर्चा करते हुए बताया कि बेटे अमित ने न केवल उनके साथ मारपीट की, बल्कि संपत्ति के दस्तावेजों पर जबरन हस्ताक्षर भी करा लिए और मोबाइल फोन छीनकर घर से बाहर निकाल दिया. डॉ. धाकड़ ने कलेक्टर से गुहार लगाते हुए कहा कि "बेटे का व्यवहार पिछले कुछ समय से आक्रामक है और उसने माता-पिता के साथ अमानवीय बर्ताव किया है."
परिजनों की काउंसलिंग कराने के निर्देश
पूरे परिवार की मौजूदगी में किए गए इस खुलासे ने प्रशासनिक गलियारे में भी हलचल मचा दी है. धाकड़ ने इस बारे में मीडिया से कोई चर्चा नहीं की और शिकायत कर रवाना हो गए. कलेक्टर शिवम वर्माने मामले को पारिवारिक विवाद बताते हुए पहले परिजनों की काउंसलिंग कराने के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने कहा कि "यदि बेटा सुलह के लिए तैयार नहीं होता, तो पुलिस के माध्यम से कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस पूरे घटनाक्रम ने शहर में चर्चा का माहौल बना दिया है, क्योंकि एक शिक्षाविद और प्रतिष्ठित परिवार के भीतर पारिवारिक विवाद का मामला जनसुनवाई में पहुंचा है."
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस