विधायक पूजा पाल सपा से निष्कासित,योगी की तारीफ MLA पूजा पाल को पड़ी भारी, अखिलेश ने सपा से दिखाया बाहर का रास्ता

कौशांबी की चायल सीट से समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल को गुरुवार को अखिलेश यादव ने पार्टी से निष्कासित कर दिया। पूजा पाल को ऐसे समय सपा से निकाला गया है जब विधानसभा में उन्होंने सीएम योगी की जमकर तारीफ की है।

विधायक पूजा पाल सपा से निष्कासित,योगी की तारीफ MLA पूजा पाल को पड़ी भारी, अखिलेश ने सपा से दिखाया बाहर का रास्ता

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विधायक पूजा पाल को पार्टी से बर्खास्त कर दिया। पूजा पाल ने गुरुवार को विधानसभा सत्र के दौरान सीएम योगी की तारीफ में कहा था- उन्होंने माफिया अतीक अहमद को मिट्‌टी में मिलाया। पूजा की इस स्पीच के बाद ही उनको पार्टी से निकालने का आदेश जारी किया गया।

लखनऊः समाजवादी पार्टी ने भले ही अब विधायक पूजा पाल को बाहर का रास्ता दिखाया है, लेकिन इसके संकेत महीनों पहले मिल चुके थे. पूजा पाल की बागवती तेवर तभी दिख गए थे, जब यूपी में राज्यसभा का चुनाव हुआ था और उन्होंने क्रॉस वोटिंग करते हुए बीजेपी को वोट दिया था. हालांकि ऐसा करने वाली पूजा पाल ही अकेली नहीं थीं. पूजा पाल के अलावा समाजवादी पार्टी के 7 विधायक और थे, जिन्होंने क्रॉस वोटिंग की थी. पार्टी ने उन सात विधायकों में से चार को कुछ महीनों पहले निष्कासित किया था और अब पूजा पाल पर यह गाज गिरी है.

योगी सरकार की तारीफ के बदले मिला निष्कासन

यूपी के साथ ही प्रयागराज और कौशांबी की राजनीति में मजबूत दखल रखने वाली सपा विधायक पूजा पाल को समाजवादी पार्टी ने सीएम योगी की तारीफ करने पर पार्टी से निष्कासित किया है. पूजा पाल ने विधानसभा में योगी सरकार की जमकर तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि जिसने मेरे सिंदूर को मिटाया, उसे योगी सरकार ने मिट्टी में मिला दिया. उन्होंने कहा कि मेरी शादी को सिर्फ 9 दिन हुए थे और मेरे पति की हत्या कर दी गई थी. जब किसी ने मेरे आंसूओं को नहीं सुना. तब सीएम योगी ने सुना। अब कोई मां-बहन परेशान नहीं होती है. हालांकि सदन में बयान के बाद ही सपा विधायक पूजा पाल के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की गई है.

साल 2005 में राजू पाल की हुई थी हत्या

दरअसल पूजा पाल की कहानी संघर्षों से भरी हुई है. 25 जनवरी 2005 को पूजा पाल के पति बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर लगा था. इस मामले में पूजा पाल को ट्रायल कोर्ट से लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट और सीबीआई कोर्ट तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी. लेकिन पूजा पाल का मानना है कि उन्हें वास्तव में इंसाफ योगी सरकार में माफिया ब्रदर्स के खात्मे के बाद ही मिला. पिछले काफी समय से पूजा पाल की बीजेपी से नजदीकी भी बढ़ रही थी. पूजा पाल कई बार सीएम के मंचों पर भी नजर आई थीं. तो वहीं फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में भी उन्होंने भाजपा के लिए वोट मांगे थे

राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग का आरोप

पूजा पाल पर राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग का भी आरोप लगा था. इसके बाद से ही समाजवादी पार्टी ने पूजा पाल से दूरी बना ली थी. लेकिन समाजवादी पार्टी ने पूजा पाल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी. हालांकि समाजवादी पार्टी ने सपा नेता मनोज पांडेय, राकेश सिंह और अभय सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. उस वक्त भी यह कयास लगाए जा रहे थे कि आखिर पूजा पाल के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई क्यों नहीं की गई. समाजवादी पार्टी ने यह कार्रवाई अब सदन में सीएम योगी की तारीफ के बाद की है. ‌अब यह देखना है कि सपा की इस कार्रवाई के बाद विधायक पूजा पाल का अगला सियासी कदम क्या होता है.

बसपा से दो बार विधायक रहीं पूजा पाल

हम आपको बता दें कि पति बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के बाद 2005 में हुए उपचुनाव में बसपा सुप्रीमो मायावती ने पूजा पाल को प्रत्याशी बनाया था. लेकिन वह शहर पश्चिमी विधानसभा सीट से उपचुनाव हार गईं. इसके बाद बसपा सुप्रीमो ने 2007 में दोबारा आम चुनाव में टिकट दिया, जिसके बाद शहर पश्चिमी विधानसभा सीट से पूजा पाल 2007 और 2012 में लगातार दो बार बसपा से विधायक चुनी गई. हालांकि 2017 में बीजेपी लहर में पूजा पाल शहर पश्चिमी विधानसभा सीट से चुनाव हार गई और उन्हें तीसरे स्थान पर रहना पड़ा. हालांकि इसके बाद ही एक विवादित वीडियो सामने आने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था..

2019 में सपा का थामा था दामन

इसके बाद 2019 में पूजा पाल ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा. सपा ने पूजा पाल को 2022 के विधानसभा चुनाव में कौशांबी की चायल विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. इस चुनाव में पूजा पाल ने जीत दर्ज की और मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी की विधायक हैं. लेकिन अब उनके पार्टी से निकाले जाने के बाद पूजा पाल के सियासी सफर को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है. सपा से निकाले जाने के बाद पूजा पाल लखनऊ में मौजूद हैं. प्रयागराज के धूमनगंज के जयंतीपुर में स्थित उनके आवास पर सन्नाटा पसरा हुआ है. हालांकि घर के अंदर परिवार के कुछ सदस्य जरूर मौजूद हैं. वहीं घर के बाहर पुलिस एस्कॉर्ट की एक गाड़ी भी खड़ी है