प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने संगठन को पुनर्गठित करने एवं जमीनी कार्यकर्ताओं को निर्णायक भूमिका में लाने का संकल्प दोहराया

सागर में कांग्रेस का भव्य कार्यकर्ता सम्मेलन सम्पन्न.

प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने संगठन को पुनर्गठित करने एवं जमीनी कार्यकर्ताओं को निर्णायक भूमिका में लाने का संकल्प दोहराया

सागर जिले में आज मध्यप्रदेश कांग्रेस द्वारा आयोजित एक विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी की जमीनी ताकत का जीवंत प्रदर्शन देखने को मिला। इस आयोजन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रभारी श्री हरीश चौधरी और मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी ने विशेष रूप से भाग लिया। इस सम्मेलन में जिलेभर से आए हज़ारों कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि प्रदेश में बदलाव की बयार अब ज़ोर पकड़ रही है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेश नेतृत्व के प्रति दिखाई गई आत्मीयता, सम्मान और जोश ने पूरे आयोजन को नई ऊर्जा से भर दिया। कार्यकर्ताओं का अपार उत्साह इस बात का प्रतीक है कि वे आने वाले समय में संगठन को नए शिखर पर पहुँचाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री जीतू पटवारी ने कहा, “अब वह समय आ गया है जब कांग्रेस को फिर से उस ऊंचाई पर ले जाने के लिए जमीनी कार्यकर्ताओं को निर्णायक भूमिका में लाना होगा। बूथ, वार्ड और पंचायत स्तर पर जो साथी दिन-रात पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, वही हमारे असली नायक हैं। हमें सत्ता नहीं, समाज बदलने की लड़ाई लड़नी है।”

उन्होंने आगे कहा कि आज जब देश में संविधान के मूल स्तंभों पर सीधा प्रहार हो रहा है, तो उसे बचाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी कांग्रेस पर ही है — वही कांग्रेस जिसने इस राष्ट्र को लोकतंत्र, समानता और न्याय की बुनियाद दी। आज हमें संगठन को हर गांव, हर गली, हर घर तक ले जाना है, ताकि हमारी विचारधारा लोगों की आवाज़ बन सके।

 पटवारी ने खासतौर पर बुंदेलखंड के हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा के दो दशक से अधिक समय के शासन के बावजूद बुंदेलखंड आज भी गरीबी, पलायन और बेरोजगारी से सबसे अधिक प्रभावित है। आखिर क्यों? क्या यही ‘नया भारत’ है, जिसकी बातें प्रधानमंत्री मोदी करते हैं? बुंदेलखंड की पीड़ा अब और बर्दाश्त नहीं की जा सकती। कांग्रेस इस क्षेत्र के लिए विशेष नीति और संघर्ष के साथ मैदान में उतरेगी।”

सम्मेलन के दौरान यह महत्वपूर्ण घोषणा भी की गई कि अब सागर जिले से संबंधित सभी संगठनात्मक निर्णय स्थानीय स्तर पर लिए जाएंगे। श्री चौधरी ने कहा कि, “दिल्ली या भोपाल से निर्णय थोपने का युग अब समाप्त हो चुका है। अब सागर का नेतृत्व सागर से ही होगा। स्थानीय कार्यकर्ताओं की भागीदारी से ही संगठन मजबूत और आत्मनिर्भर बनेगा।”

प्रदेश प्रभारी ने कहा कि कांग्रेस अब जनसंघर्ष और जनसंवाद के नए मॉडल पर काम कर रही है। प्रत्येक कार्यकर्ता को यह विश्वास दिलाया गया कि आने वाले चुनावों में टिकट से लेकर नीति निर्धारण तक, प्राथमिकता ज़मीनी कार्यकर्ताओं को दी जाएगी। संगठन के पुनर्गठन की यह प्रक्रिया केवल सत्ता के लिए नहीं बल्कि न्याय और समावेशी विकास के लिए है।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री पटवारी ने आगे कहा, “हमारे लिए महत्वपूर्ण व्यक्ति वह नहीं है जो किसी ऊंचे पद पर बैठा हो, बल्कि वह है जो अपने बूथ, वार्ड, मोहल्ले या पंचायत में कांग्रेस की मशाल जलाए रखे हुए है। यही लोग हैं जो इस संगठन की असली रीढ़ हैं।”

कार्यकर्ता सम्मेलन के अंत में 'मिशन मध्यप्रदेश' के तहत कांग्रेस द्वारा आगामी रणनीति की रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई, जिसमें युवाओं को जोड़ना, महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना, और हर विधानसभा क्षेत्र में संवाद यात्रा निकालना प्रमुख बिंदु रहे। यह सम्मेलन कांग्रेस के पुनर्जागरण की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है, जिसने कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया है।