दलित समाज के लोगों को अंतिम संस्कार से रोका:प्रशासन के दखल के बाद हुआ अंतिम संस्कार,कलेक्टर ने अतिक्रमण हटाने के दिए निर्देश

जबलपुर के ग्राम चपोद में दबंगों ने वर्षों से अंतिम संस्कार के लिए उपयोग की जा रही सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया। जब ग्रामीण वहां दाह संस्कार के लिए पहुंचे, तो दबंगों ने विवाद करते हुए उन्हें रोक दिया।
जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने अपनी मौजूदगी में अंतिम संस्कार संपन्न कराया और कब्जा की गई जमीन को मुक्त करवाया। अब जल्द ही इस भूमि पर मुक्तिधाम बनाया जाएगा।
यह घटना 25 मार्च की है। चपोद गांव के 70 वर्षीय बुजुर्ग शिवप्रसाद अहिरवार के निधन के बाद, परिवारजन उनका अंतिम संस्कार करने जा रहे थे। लेकिन गांव के पटेल परिवार, जो इस जमीन पर खेती कर रहे थे, ने यह कहते हुए विरोध किया कि दाह संस्कार से उनकी फसल जल सकती है। इस कारण उस दिन अंतिम संस्कार नहीं हो सका।
26 मार्च को जब ग्रामीण और परिवारजन फिर से शव लेकर पहुंचे, तो पटेल परिवार ने उन्हें फिर से रोक दिया और कहीं और अंतिम संस्कार करने को कहा। इस पर अहिरवार समाज के लोग अड़ गए कि वर्षों से यही पर अंतिम संस्कार होता आया है, तो अब भी यहीं होगा।
प्रशासन की कार्रवाई
विवाद बढ़ने पर तहसीलदार दिलीप हनवत पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और शव का अंतिम संस्कार करवाया। इसके साथ ही, कलेक्टर के निर्देश पर सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई।
ग्रामीणों का आरोप है कि पटेल परिवार पहले भी दलित समाज के अंतिम संस्कार को रोक चुका है। उन्होंने प्रशासन से कई बार श्मशान भूमि आवंटित करने की मांग की थी, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
तहसीलदार ने बताया कि पटेल परिवार को पहले भी नोटिस और जुर्माना किया गया था, लेकिन उन्होंने दोबारा जमीन पर कब्जा कर लिया। अब कलेक्टर के निर्देश पर जमीन को स्थायी रूप से खाली करवाने की प्रक्रिया जारी है, और जल्द ही गांव में नया मुक्तिधाम बनाया जाएगा