प्रतापपुरा मौरंग खंड में जिला खनिज अधिकारी की सरपरस्ती में जालौन की सीमा से हो रहा अवैध मौरंग खनन

प्रतापपुरा मौरंग खंड में जिला खनिज अधिकारी की सरपरस्ती में जालौन की सीमा से हो रहा अवैध मौरंग खनन

उरई । झांसी की गरौठा तहसील के प्रतापपुरा मौरंग खंड की स्वीकृत हुआ था जिसका विभाग व ठेकेदार के बीच जो अनुबंध हुआ था उसमें कुछ शर्तें विभाग और ठेकेदार के बीच होती है जिसका पालन ठेकेदार को करना होता है.

लेकिन ठेकेदार के गुर्गों द्वारा शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है जिसके चलते जालौन के राजस्व को चोरी से चूना लगाया जा रहा है । खनन झांसी की सीमा और निकासी भी झांसी की सीमा से होनी चाहिए जबकि ये दोनों ही जालौन की सीमा से की जा रही है ।जिले में वेतवा नदी के अस्तित्व को मिटाने पर मौरंग माफिया तुले हुए है झांसी के अवैध ठेकेदार जालौन के हिस्से की वेतवा नदी की मौरंग खनिज अधिकारी की मिली भगत से निकालने में लगे हुए है जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने माफियागिरी पर लगाम लगाने का काम किया है लेकिन जालौन में माफियाओं का बोलबाला बढ़ता चला जा रहा है यहां अजब मौरंग के खेल में गजब नजारे देखने को मिल रहे है । झांसी से स्वीकृत पट्टा जो मौरंग निकालने के लिए दिया गया है जिसको झांसी जिले की सीमा से संचालित करने का फरमान जिला प्रशासन ने पट्टेधारक को दिया था पट्टाधारक ने अपने स्वीकृत मौरंग खंड प्रतापपुरा को झांसी से संचालित करने की बजाए जालौन की सीमा से संचालित करने का मन बनाया जिसमें वह हद तक सफल दिखाई दे रहा है जालौन की सीमा से मौरंग उठाने का इस्तेमाल तो कर ही रहा है साथ ही जालौन की सीमा में आने वाली मौरंग भी उठा रहा है। इस अवैध कार्य को बहुत ही आसानी से कर रहा है । नियमानुसार जालौन की सीमा का उपयोग तभी किया जा सकता है जब जालौन के जिला प्रशासन की अनुमति लिखित में पट्टेधारक को दी हो लेकिन पट्टेधारक ने माफिया का रूप अख्तियार कर लिया है जिसके चलते बुंदेलखंड के दो जिलों के प्रशासन को खुला चैलेंज देता नजर आ रहा है । वैसे भी बुंदेलखंड के मौरंग में माफियागिरी अधिक बढ़ जाने के कारण स्थानीय सांसद नारायणदास अहिरवार में एक वाजिब प्रश्न लोकसभा में उठाया था उन्होंने वेतवा नदी में हो रहे अवैध खनन से आने वाले दिनों में पानी का भीषण संकट होने का खतरा बढ़ रहा है क्योंकि अत्यधिक गहराई तक पोकलैंड मशीनों से खनन किया जा रहा है जिसके चलते वेतवा नदी के किनारे बसे एक सैकड़ा से अधिक गांव कुछ समय बाद पानी से जूझते नजर आएंगे । वहीं झांसी जिले के प्रतापपुरा मौरंग खंड जिसको कोटरा व सिकरी व्यास के बीचों बीच से संचालित किया जा रहा है जहां दोनों जिलों की मौरंग का एक विशालकाय पहाड़ है जिसको माफिया हैवी मशीनों से खुदाई कर ट्रकों के माध्यम से विक्री कर रहे है विक्री जायज हो तो बात बनती है लेकिन टोटल अवैध खनन कहीं न कहीं खनिज विभाग पर मिली भगत का संदेह प्रकट करती है कुछ दिनों पूर्व जिला प्रशासन ने मौरंग खंड प्रतापपुरा की जांच की तो वास्तव में अवैध खनन पाया गया जिस पर जिला प्रशासन ने एक करोड़ का अवैध खनन ठोक दिया गया लेकिन पट्टेधारक द्वारा फिर वहीं कार्य प्रारंभ कर दिया गया जिस पर पूर्व में अवैध खनन लगा था । वहीं अपर जिलाधिकारी संजय कुमाए का कहना कि किसी दूसरे जिले से स्वीकृत मौरंग पट्टे को जालौन से संचालित नहीं होने दिया जाएगा उन्होंने कहा कि जानकारी नहीं थी संज्ञान में आया है मौके पर खनिज विभाग की टीम भेजी जाएगी यदि नियम विरुद्ध खनन होता पाया गया तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी ।