नाइट शिफ्ट और डबल वेतन :योगी सरकार का ऐतिहासिक फैसला, नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए नई शर्तें लागू, ओवरटाइम में डबल सैलरी
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महिलाओं के हित में बड़ा फैसला लेते हुए महिलाओं की नाइट शिफ्ट के लिए नए नियम लागू कर दिये हैं. जिसमें महिलाओं की सुरक्षा, ओवरटाइम में डबल सैलरी और सहमति समेत कई नियम शामिल हैं.
बेटियों से लेकर घर की महिलाएं तक जब भी नौकरी के लिए बाहर होती हैं, तो घरवाले चिंतित रहते हैं. जब तक वो सुरक्षित घर नहीं लौट आतीं, तब तक परिवार के लोग बेचैन रहते हैं। लेकिन, यूपी की योगी सरकार ने केवल एक फ़ैसले से प्रदेश की करोड़ों महिलाओं और 5 करोड़ से ज़्यादा परिवारों को चिंतामुक्त कर दिया है।
लखनऊ : बेटियों से लेकर घर की महिलाएं तक जब भी नौकरी के लिए बाहर होती हैं, तो घरवाले चिंतित रहते हैं, जब तक वो सुरक्षित घर नहीं लौट आतीं, तब तक परिवार के लोग बेचैन रहते हैं, लेकिन यूपी की योगी सरकार ने केवल एक फैसले से प्रदेश की करोड़ों महिलाओं और 5 करोड़ से ज़्यादा परिवारों को चिंतामुक्त कर दिया है। अब यूपी में कामकाजी बेटियां हों या परिवार चलाने के लिए काम करने वाली महिलाएं, सबको घर से लेकर दफ्तर तक योगी सरकार ने सबसे बड़ा सुरक्षा कवच दिया है। नाइट शिफ्ट में महिलाओं को काम करने का अधिकार कई मायनों में एक सकारात्मक और ठोस पहल है.
अपनी शर्तों पर नाइट ड्यूटी और दोगुनी मज़दूरी का अधिकार
योगी सरकार के फैसले के मुताबिक अब नाइट शिफ्ट में शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक काम करने के लिए यूपी की महिलाओं की सहमति लेना अनिवार्य है। यानी महिलाएं जब अपनी सहमति देंगी, तभी उनसे नाइट शिफ्ट में काम कराया जा सकेगा। इसके अलावा कारखानों में सुरक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन सुविधाएं, साथ ही CCTV निगरानी और सुरक्षा गार्डों की तैनाती अनिवार्य की गई है। इस फैसले से महिलाओं और बेटियों में वर्कप्लेस पर सुरक्षा का भाव प्रभावी होगा। इतना ही नहीं महिला कर्मचारी अपनी सहमति से लगातार 6 घंटे तक बिना किसी अंतराल के कार्य कर सकती हैं। महिलाओं के लिए ओवरटाइम की सीमा 75 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही की गई है, जिसका भुगतान दोगुनी मज़दूरी दर से किया जाएगा। यानी नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए सुरक्षा की भावना से लेकर दोगुनी मज़दूरी तक सबकुछ मिलेगा। इससे यूपी की महिलाओं में अपने करियर को लेकर आत्मविश्वास बढ़ेगा और साथ ही नाइट शिफ्ट जैसी मुश्क़िल ड्यूटी करने में भी उन्हें सहूलियत हो सकेगी।
योगी सरकार के फैसले के बाद महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट समानता के भरपूर अवसर लेकर आया है। ये निर्णय सिर्फ वादों में नहीं है, बल्कि इसके तहत यूपी में कॉरपोरेट से लेकर कारखानों तक हर स्तर पर करने वाली महिलाएं नीतिगत सुधार, प्रशासनिक दृढ़ता और कानूनी प्रावधानों के तहत काम कर सकेंगी। योगी जैसे सख़्त छवि वाले मुख्यमंत्री के इस फ़ैसले ने महिलाओं के लिए वर्क प्लेस पर सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का ऐसा वातावरण बनाया है, जो देश में सभी राज्यों के लिए एक मिसाल है। महिलाओं को औद्योगिक क्षेत्र में समान अवसर देने और श्रम व्यवस्था को आधुनिक परिस्थितियों के अनुरूप ढालने के लिए योगी सरकार ने यह ऐतिहासिक संशोधन लागू किया है।
29 श्रेणियों के खतरनाक उद्योगों में कार्य करने की अनुमति
योगी सरकार ने महिलाओं को सभी 29 श्रेणियों के खतरनाक उद्योगों में कार्य करने की अनुमति दी है. जबकि पहले महिलाओं को केवल 12 ख़तरनाक श्रेणी वाले कार्य करने की सीमित छूट थी। योगी सरकार का ये फैसला औद्योगिक विस्तार और तकनीकी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। महिला कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम और सुरक्षा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए महिला कर्मियों की लिखित सहमति श्रम विभाग में पंजीकृत करानी होगी, जिससे पूरी तरह पारदर्शिता बनी रहती है।
सुरक्षित माहौल ने बढ़ाई महिला कर्मियों की भागीदारी
भारत में कामकाजी महिलाओं का प्रतिशत 40-42% है, वहीं यूपी में काम करने वाली महिलाओं का प्रतिशत लगभग 36% है. यानी यूपी में स्वयं सहायता समूह से लेकर कारखानों तक में महिलाओं की भागीदारी निरंतर बढ़ रही है. यूपी में 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 1 करोड़ से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भरता की दिशा में कार्यरत हैं। महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को बैंकिंग सुविधा, प्रशिक्षण, विपणन, सार्वजनिक सहयोग समेत हर स्तर पर सहायता प्रदान की जा रही है।
कारखाने से लेकर थाने तक सबकुछ महिला केंद्रित
योगी सरकार ने महिलाओं को लेकर चौतरफ़ा ऐसा वातावरण तैयार कर दिया है कि सुरक्षा का भाव हर जगह साफ देखा जा सकता है। महिला पावर लाइन 1090 और हेल्पलाइन 112 का सेंट्रलाइज़्ड संचालन किया जा रहा है। 44,177 महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं, जो देश का सबसे बड़ा महिला पुलिस बल है। 1694 एंटी रोमियो स्क्वाड्स निरंतर सक्रिय हैं, जो बेटियों और महिलाओं को किसी भी तरह के अपराधों से सड़क पर सुरक्षित करते हैं। सेफ सिटी प्रोजेक्ट 17 मंडल मुख्यालयों में लागू किया गया है, जिसमें सर्विलांस, स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग और रैपिड रिस्पॉन्स सिस्टम शामिल हैं। 9172 स्वतंत्र महिला बीट प्रणाली कार्यरत हैं।
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस