बालाघाट में एनकाउंटर, पुलिस और नक्सलियों में मुठभेड़, देर रात हुई फायरिंग, सर्चिंग अभियान जारी

पुलिस लगातार नई रणनीतियां अपना रही है। गांव-गांव समस्या निवारण शिविर, रोजगार के अवसर और सामाजिक संवाद जैसी पहलें की जा रही हैं। पुलिस ग्रामीणों से अपील कर रही है कि वे माओवादियों को समझाएं कि हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटें।

बालाघाट में एनकाउंटर, पुलिस और नक्सलियों में मुठभेड़, देर रात हुई फायरिंग, सर्चिंग अभियान जारी

बालाघाट के कटेझिरिया जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच देर रात मुठभेड़ हुई, नक्सली भागे, सर्चिंग जारी।

Balaghat Naxal Encounter: मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में सोमवार (03 नवंबर) देर रात पुलिस और नक्सलियों (Naxalites) के बीच मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ रूपझर थाना क्षेत्र के कटेझिरिया जंगल (Kate Jhiriya Forest) में हुई, जहां सर्चिंग के दौरान सुरक्षाबलों को नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। रात करीब 11 से 12 बजे के बीच पुलिस की टीम को जंगल में पांच संदिग्ध नक्सली दिखाई दिए। उन्होंने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों ने भी जवाबी गोलीबारी (Firing) की।

अंधेरे का फायदा उठाकर नक्सली भागे

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मुठभेड़ के बाद नक्सली घने जंगल और अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। घटना के बाद पुलिस ने इलाके में सर्चिंग अभियान (Search Operation) तेज कर दिया है और आसपास के गांवों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

पहले भी नक्सली गतिविधियों का रहा है इतिहास

गौरतलब है कि इसी कटेझिरिया जंगल में 14 जून को सुरक्षाबलों ने चार कुख्यात नक्सलियों को ढेर किया था, जिन पर 14-14 लाख रुपए का इनाम घोषित था। मारे गए नक्सलियों में रीता उर्फ तुब्बी, रवि, तुलसी उर्फ विमला और सुमन शामिल थे। वहीं हाल ही में 1 नवंबर को तीन राज्यों में मोस्ट वांटेड 14 लाख की इनामी नक्सली सुनीता आयाम ने बालाघाट पुलिस के सामने सरेंडर किया था। पुलिस का कहना है कि क्षेत्र में बचे हुए नक्सली सक्रिय हैं और उन्हें पकड़ने के लिए लगातार अभियान जारी रहेगा

छग मॉडल पर आगे बढ़ रही बालाघाट की पुलिस

 जानकारी के अनुसार, 90 के दशक से नक्सली हिंसा की आग में बालाघाट झुलस रहा है। मुखबिरी के शक में यहां सैकड़ों निर्दोष ग्रामीणों की जानें गई हैं। अब हिंसा की जड़ों को समाप्त करने के लिए बालाघाट पुलिस ने नया फॉर्मूला अपनाया है। पुलिस ने नक्सल प्रभावित इलाकों में एक नई पहल की है। छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण कर चुके टॉप माओवादी नेताओं के फ्लैक्स लगवाकर सक्रिय नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इन फ्लैक्स में बस्तर क्षेत्र के सुझाता उर्फ कोपुरा, रूपेश उर्फ वासुदेव राय और भूपति जैसे टॉप माओवादी नेताओं की तस्वीरें शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण किया है। इनमें यह भी बताया गया है कि अब तक 2100 से अधिक माओवादी हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौट चुके हैं।