सागर में 10 लाख के जेवर चोरी का सनसनीखेज मामला: पुलिस की घोर लापरवाही या बड़ी सांठगांठ?
सागर के सिविल लाइन स्थित कीवी ब्यूटी सैलून से भोपाल की महिलाओं के 10 लाख रुपए मूल्य के जेवर चोरी होने के मामले में पुलिस की लापरवाही और संदिग्ध भूमिका सामने आई है। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि थाने में शिकायत देने के बावजूद उचित एफआईआर दर्ज नहीं की गई और चोरी गए गहनों की कीमत जानबूझकर घटाकर सिर्फ 3 लाख दिखाई गई। सैलून संचालक की पुलिस में ऊंची पहुंच का भी संदेह जताया गया। मामले में कांग्रेस नेताओं ने एसपी से मिलकर उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की
कीवी ब्यूटी सैलून में 10 लाख के जेवर चोरी पर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल, पीड़ितों ने उच्च स्तरीय जांच और एफआईआर में फेरबदल का लगाया आरोप
सागर। शहर के सिविल लाइन में स्थित कीवी ब्यूटी सैलून से 30 नवंबर को भोपाल की महिलाओं के हुए 10 लाख रुपये से अधिक मूल्य के जेवर चोरी मामले ने पुलिस की भूमिका पर गहरा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। पीड़ित पक्ष ने 4 दिसंबर को थाने में घटना की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन सिविल लाइन थाना प्रभारी आनंद सिंह ठाकुर द्वारा पुलिस की संवेदनहीनता और मामूली धारा में मामला दर्ज करने की कार्रवाई से विवाद और बढ़ गया है।
पीड़ित महिलाओं ने बताया कि वे 30 दिसंबर को शादी समारोह में भोपाल से सागर आई थी। जहां सिविल लाइंस स्थित कीवी ब्यूटी सैलून हैं में ब्यूटी ट्रीटमेंट के दौरान जेवर हटाकर बैग में रख दिए थे, जिन्हें उसी दौरान चोरी कर लिया गया। चोरी का पता चलने के बाद जब उन्होंने सैलून संचालक से वीडियो फुटेज दिखाने को कहा तो अभद्रता और जानकारी छुपाने का सामना करना पड़ा। शिकायत के बावजूद अभी तक चोरी की उचित एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, साथ ही पुलिस ने चोरी गए गहनों की कीमत महज 3 लाख रुपए आंकी है, जबकि वास्तविक कीमत करीब 10 लाख रुपए बताई जा रही है।
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि ब्यूटी सैलून संचालक ने पुलिस विभाग के किसी रिश्तेदार की आड़ लेकर पुलिस पर दबाव बनाया है, जिससे पुलिस ने चोरी की एफआईआर दर्ज करने से साफ मना कर दिया। इस बात को लेकर पुलिस विभाग में सांठगांठ की आशंका भी जताई जा रही है।
पुलिस के इस संदिग्ध रवैये को लेकर जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष भूपेंद्र मुहासा और प्रदेश कांग्रेस महासचिव रेखा चौधरी ने पुलिस अधीक्षक विकास शाहवाल से मुलाकात कर मामले में जल्द जांच और कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस नेताओं ने इस मामले में उच्च स्तर की जांच कर तत्काल संदेहियों पर कार्रवाई कर कीवी ब्यूटी पार्लर संचालक और स्टाफ समेत पुलिस के संदेहित अधिकारियों के खिलाफ विशेष जांच दल गठित करने व चोरी के जेवरात बरामद कर पीड़ितों को तुरंत सौंपने की मांग की। उन्होंने पुलिस विभाग को जवाबदेह ठहराकर भरोसेमंद और ईमानदार बनाने का रास्ता निकालने की अपेक्षा व्यक्त की।
एसपी से शिकायत के बाद 8 दिसंबर को सिविल लाइन पुलिस ने आनन फानन में दिखावटी एफआईआर तो दर्ज कर ली है लेकिन चोरी गए जेवर की कीमत को तीन लाख रुपए ही आंका गया।
सागर में बढ़ती चोरी की घटनाओं के बीच पुलिस के इस व्यवहार से यह पूरा घटनाक्रम दर्शाता है कि पुलिस विभाग इस मामले में किस हद तक लिप्तता और मिलीभगत की साजिश में फंसा हुआ है। ऐसे में पुलिस की निष्पक्षता और ईमानदारी पर गहरा संकट मंडरा रहा है।

प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस