खरतरगच्छ के इतिहास में दर्ज हो रहा स्वर्णिम अध्याय! अजमेर में गूँजी 'राम मंदिर' जैसी कलश यात्रा

गुरु भगवंतों का वाक्षेप और श्रद्धालुओं की आस्था – मिलकर बना रहे हैं स्वर्णिम अध्याय

खरतरगच्छ के इतिहास में दर्ज हो रहा स्वर्णिम अध्याय! अजमेर में गूँजी 'राम मंदिर' जैसी कलश यात्रा

अजमेर में खरतरगच्छ का इतिहास रचने जा रही भव्य कलश यात्रा

सूरत,अजमेर दादाबाड़ी के भव्य जीर्णोद्धार महोत्सव की तैयारियों में, देशभर में खरतरगच्छ के साधु-साध्वी संघों के बीच कलश यात्रा ने आस्था का महासागर बहा दिया है। यह यात्रा इतनी विशाल और प्रभावशाली है कि इसकी तुलना अयोध्या के राम मंदिर कलश यात्रा से की जा रही है, जो खरतरगच्छ के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय लिख रही है*। *गच्छाधिपति जी से लेकर चारों आचार्यों और सैकड़ों साधु-साध्वी भगवंतों तक, 100 से अधिक चातुर्मास संघों में और देश -विदेश की 10000 दादावाड़ीयो में इस कलश यात्रा को लेकर गजब का उत्साह और उमंग है। हर कोई इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनकर अपना आशीर्वाद दे रहा है।

गुरु भगवंतों का पावन आशीर्वाद और श्रद्धालुओं की अटूट आस्था

*परम पूज्य छतीसगढ़ श्रृंगार संयम सारथी ,शासन प्रभावक ,खरतरगच्छाचार्य श्री जिनपीयूष सागर सूरीश्वर जी म.सा. के आशीर्वाद और आह्वान पर *पूज्य मुनिवर स्वाध्याय रस निमग्न श्री सम्यक रत्न सागर जी म.सा. (आदि ठाणा 6) और पूज्य शासन ज्योति शतावधानी, अजमेर दादाबाड़ी जीर्णोद्धार प्रेरिका आचार्य श्री मनोहर श्री जी म.सा. (आदि ठाणा 6) की निश्रा में यह अद्भुत यात्रा निकाली जा रही है*

*ढोल-नगाड़ों, बैंड-बाजों और विशाल जुलूस के साथ यह कलश यात्रा राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और दक्षिण भारत तक पहुँच रही है। नगर-नगर और गली-गली में श्रद्धालु सोना, चाँदी, हीरे-जवाहरात कलश में डालके प्रथम दादाबाड़ी युग प्रधान दादा गुरुदेव श्री ज़िन्दतसूरी जी के प्रति अपनी असीम श्रद्धा प्रकट कर रहे हैं। यह नजारा देखने लायक है, जहाँ लाखों लोग इस यात्रा का हिस्सा बनकर अपने जीवन को धन्य महसूस कर रहे हैं*।

समाधिस्थल तक पहुँच रही आस्था की ऊर्जा

इस कलश यात्रा का मुख्य उद्देश्य खरतरगच्छ के सभी साधु-साध्वी भगवंतों से आशीर्वाद प्राप्त करना है। हर जगह से मिले इस आशीर्वाद को दादागुरुदेव की भव्य दादाबाड़ी और उनके समाधिस्थल पर समर्पित किया जा रहा है, जिससे पूरे गच्छ में एक नई आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो रहा है। यह यात्रा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि* *खरतरगच्छ की एकता, गौरव और अटूट आस्था का प्रतीक बन चुकी है*।

जीनोद्वार समिति के सदस्य चम्पालाल बोथरा सूरत ने बताया की**4 सितंबर को होगा भव्यातिभव्य शिलान्यास

*जिनोद्धार समिति ने यह संकल्प लिया है कि इस* *कलश यात्रा से प्राप्त सभी आशीर्वाद और देश भर के भक्ति की श्रद्धा से अर्पण सोना चाँदी सभी द्रव्य को शिलान्यास की पवित्र शिलाओं के नीचे रखा जाएगा*, *ताकि गच्छ की आभा युगों-युगों तक जगमगाती रहे। 4 सितंबर को होने वाला शिलान्यास महोत्सव* *खरतरगच्छ के इतिहास का एक अविस्मरणीय पल बनने जा रहा है, जिसकी चर्चा आने वाली पीढ़ियां भी गर्व से करेंगी*। *अजमेर की पावन धरती पर हो रहा यह* *ऐतिहासिक कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा

1. “अजमेर में खरतरगच्छ का इतिहास रचने जा रही भव्य कलश यात्रा!”

 2. “*देशभर से पहुँचे कलश, 4 सितंबर को होगा भव्यातिभव्य शिलान्यास”

 3. *सोना-चाँदी और हीरे-जवाहरात से भरे कलश, समाधिस्थल तक पहुँचा रहे आस्था की ऊर्जा”

 4. *राम मंदिर की तरह, देश भर में भी गूँज रही कलश यात्रा की गूंज”

 5. *गुरु भगवंतों का वाक्षेप और श्रद्धालुओं की आस्था – मिलकर बना रहे हैं स्वर्णिम अध्याय”