भाजपा के दो विधायक हुए छह साल के लिए पार्टी से निलंबित, बीजेपी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर लिया बड़ा एक्शन
सूत्रों का कहना है कि, भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इन घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रहा था और यतनाल के निष्कासन के दौरान संकेत दिया था कि अन्य असंतुष्टों के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी. इस कदम को पार्टी के आंतरिक अनुशासन को लागू करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है

केंद्रीय नेतृत्व ने कड़ा संदेश दिया
कारण बताओ नोटिस पर नहीं मिला संतोषजनक जवाब
बेंगलुरु:भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने दो विधायकों, एसटी सोमशेखर और शिवराम हेब्बर को छह साल की अवधि के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. पार्टी हितों के खिलाफ गतिविधियों में उनकी निरंतर भागीदारी के जवाब में अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई.
दोनों विधायकों पर यह कार्रवाई करने का निर्णय भाजपा की केंद्रीय अनुशासन समिति ने लिया. समिति के सचिव ओम पाठक ने कई चेतावनियों के बावजूद बार-बार उल्लंघन का हवाला देते हुए निष्कासन आदेश जारी किए. मार्च में विजयपुरा के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई के बाद निष्कासन किया गया है.
बार-बार दी गई चेतावनियों को नजरअंदाज किया गया
विधायक सोमशेखर बेंगलुरु के यशवंतपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं वहीं, हेब्बार, उत्तर कन्नड़ जिले के येल्लापुर से विधायक हैं. दोनों को पहले पार्टी विरोधी आचरण के लिए कारण बताओ नोटिस मिला था. आदेश के मुताबिक, उनके जवाब असंतोषजनक पाए गए. बयान में कहा गया है कि, स्पष्टीकरण के अवसर दिए जाने के बावजूद, वे पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों में लगे रहे.
अनुशासन समिति ने पाया कि दोनों विधायकों ने पार्टी के निर्देशों और चेतावनियों को नजरअंदाज किया, पार्टी के कार्यक्रमों में भाग नहीं लिया और विपक्षी कांग्रेस के साथ सार्वजनिक रूप से जुड़े रहे.
कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए समर्थन और सार्वजनिक अवज्ञा
2018 और 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा विधायक के रूप में चुने गए सोमशेखर और हेब्बार ने हाल के महीनों में खुद को कांग्रेस के साथ जोड़ लिया था. वे विधायक दल के सत्रों सहित पार्टी की बैठकों से अनुपस्थित रहे और राज्य भाजपा नेतृत्व की चेतावनियों के बावजूद कांग्रेस के साथ जुड़े रहे.
हाल ही में हुए राज्यसभा चुनावों के दौरान, दोनों विधायकों ने पार्टी व्हिप का खुले तौर पर उल्लंघन किया और कांग्रेस उम्मीदवार को वोट दिया. उन्होंने लोकसभा और उपचुनावों में आधिकारिक भाजपा उम्मीदवारों का समर्थन करने से भी परहेज किया, जिससे पार्टी नेतृत्व को और शर्मिंदगी उठानी पड़ी
जांच के दायरे में और नेता
इस निष्कासन के बाद, अब अन्य असंतुष्ट नेताओं के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं. हरिहर विधायक बीपी हरीश और पूर्व विधायक एमपी रेणुकाचार्य, जिन पर भी पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप हैं, को पार्टी की अनुशासन समिति से कारण बताओ नोटिस मिला है. उम्मीद है कि केंद्रीय नेतृत्व जल्द ही उनके भाग्य पर फैसला लेगा.
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भाजपा के फैसले की आलोचना करते हुए इसे चुनिंदा बताया. उन्होंने कहा कि, सोमशेखर और हेब्बर ने अपनी पार्टी के अन्य लोगों की तरह कोई अपराध नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि, कुछ भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हैं, कुछ गंभीर साजिशों में शामिल थे फिर भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने व्यंग करते हुए कहा कि, उन्हें खुशी है कि बीजेपी उन सभी 'नवरत्नों' को अपनी पार्टी में बनाए हुए हैं.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा
डीके शिवकुमार की इस टिप्पणी पर बीजेपी ने अपने फैसले का बचाव किया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि कार्रवाई उचित थी. उन्होंने बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में पार्टी कार्यालय में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि, सोमशेखर और हेब्बर भी जानते हैं कि उन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया है.
उन्होंने कहा कि, डीके शिवकुमार को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. विजयेंद्र ने कहा कि दोनों नेताओं को पार्टी के भीतर पर्याप्त अवसर और पद दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि, सत्ता में रहने के बाद उन्हें विपक्ष में बैठना मुश्किल लगा. विजयेंद्र ने जोर देकर कहा कि, निष्कासन पार्टी का आंतरिक मामला है और कोई भी पार्टी से ऊपर नहीं है.भाजपा नेतृत्व ने कहा अनुशासन सर्वोच्च है.
सीटी रवि ने निर्णय का स्वागत किया
इस मुद्दे पर बोलते हुए, भाजपा एमएलसी सीटी रवि ने इस निर्णय का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि, लोकतंत्र में मतभेद होना सामान्य बात है, लेकिन अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जा सकती. पार्टी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि संगठन से बड़ा कोई नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय अनुशासन समिति ने सही कदम उठाया है और यह नेताओं और कार्यकर्ताओं दोनों के लिए एक सबक होगा.