शेख हसीना को फांसी की सजा: बांग्लादेश ICT ने करार दिया मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी
शेख हसीना के खिलाफ मानवता के विरुद्ध कथित अपराधों पर ICT-BD अपना फैसला सुना दिया है. मानवता के खिलाफ अपराध में वह दोषी करार हैं. उन्हें मौत की सजा दी गई है. बांग्लादेश में सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. लेकिन जब सजा सुनाई गई तो कोर्ट में जश्न दिखा.
बांग्लादेश में मिली फांसी की सजा पर शेख हसीना की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने न सिर्फ कोर्ट के फैसले की निंदा करते हुए इस पर सवाल उठाया, बल्कि यूनुस सरकार को भी घेरा है। हसीना ने कहा कि उन्हें अपनी बात रखने का सही मौका नहीं दिया गया।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के मामले में आज इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल बांग्लादेश (आईसीटीबीडी) ने बहुत बड़ा फैसला सुनाते हुए उन्हें फांसी की सजा सुना दी. ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी शेख हसीना को ठहराया है. ट्रिब्यूनल ने उन्हें 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं का मास्टरमाइंड भी कहा है.
दो आरोपों में शेख हसीना को फांसी
हसीना और दो अन्य आरोपी पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर मानवता के विरुद्ध अपराधों का मुकदमा चलाया गया. कोर्ट ने शेख हसीना को तीन मामलों में दोषी ठहराया है, जिनमें न्याय में बाधा डालना, हत्याओं का आदेश देना और दंडात्मक हत्याओं को रोकने के लिए कदम उठाने में विफल रहना शामिल है. बांग्लादेश के आईटीसी ने कहा, "आरोपी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने उकसावे वाले आदेश के जरिए मानवता के विरुद्ध अपराध किए हैं और आरोप संख्या 1 के तहत निवारक और दंडात्मक उपाय करने में भी विफल रहीं."
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने आगे कहा, "आरोपी शेख हसीना ने आरोप संख्या 2 के तहत ड्रोन, हेलीकॉप्टर और घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश देकर मानवता के विरुद्ध अपराध का एक मामला दर्ज किया है." कोर्ट ने कहा कि हसीना को तीन मामलों में दोषी पाया गया है. जस्टिस गुलाम मुर्तुजा मजुमदार ने कहा, "मानवता के विरुद्ध अपराध की सभी हदें पार कर गई हैं." इस फैसले का राष्ट्रीय टेलीविजन पर सीधा प्रसारण भी किया गया.
क्या लगा आरोप?
कोर्ट ने फैसला सुनाने के दौरान कोर्ट ने वीडियो साक्ष्य का जिक्र किया, जिसमें हसीना पर लक्षित हत्या का आदेश देने, जुलाई-अगस्त के विरोध प्रदर्शनों के दौरान नागरिकों पर गोली चलाने और उन्हें निशाना बनाने के लिए हेलीकॉप्टरों और ड्रोनों का आदेश देने का आरोप लगाया गया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सबूत यह भी बताते हैं कि हसीना ने सरकार की आलोचना करने के कारण कई पत्रकारों, राजनेताओं और कार्यकर्ताओं को पद से हटा दिया था.
महीनों तक चला मुकदमा
बांग्लादेश के आईसीटी ने मानवता के खिलाफ कथित अपराधों पर अपदस्थ अवामी लीग नेता के खिलाफ फैसला सुनाते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए अधिकतम सजा की हकदार हैं. कोर्ट ने शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराध का दोषी ठहराया. महीनों तक चले मुकदमे में उन्हें पिछले वर्ष छात्रों के नेतृत्व में हुए विद्रोह पर घातक कार्रवाई का आदेश देने का दोषी पाया गया था.
सजा का सीधा लाइव हुआ प्रसारण
न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार की अध्यक्षता वाली आईसीटी द्वारा सोमवार को सुनाई गई सज़ा का सीधा प्रसारण किया गया. न्यायाधीशों ने शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराधों के मामले में दोषी ठहराते हुए छह खंडों में विभाजित 453 पृष्ठों के फैसले के कुछ अंश पढ़े. पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून, जो अभियोजन पक्ष के गवाह बन गए हैं, इस मामले में सह-आरोपी थे.
शेख हसीन को भारत से जाना होगा बांग्लादेश?
हसीना अगस्त 2024 में आंदोलन के दौरान जान बचाकर भारत आईं थीं तभी से वह दिल्ली में रह रही हैं. जबकि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार (मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में) ने कई बार भारत से हसीना को सौंपने की मांग की है. अब यह समय बताएगा कि आखिर भारत का आखिर इस मामले में क्या स्टैंड है. उधर हसीना के समर्थक (आवामी लीग) ने फैसले के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल किया हुआ है, फैसले को लेकर बांग्लादेश में स्थिति तनावपूर्ण है, जिसको देखते हुए बांग्लादेश में शूट एट साइट का ऑर्डर दिया गया है.
गोली मारने के आदेश
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) आयुक्त शेख मोहम्मद सज्जात अली द्वारा रविवार शाम को आईसीटी के फैसले से पहले आगजनी, कॉकटेल विस्फोट या पुलिस व नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वालों को 'देखते ही गोली मारने' का आदेश जारी करने के बाद, ढाका में सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी गई है.हसीना की अवामी लीग द्वारा 16-17 नवंबर को आयोजित दो दिवसीय हड़ताल के दौरान राजधानी भर में कॉकटेल विस्फोटों और आगजनी की घटनाओं में वृद्धि हुई है.
शेख हसीना पर क्या लगे हैं आरोप?
आपको बता दें कि हसीना की तत्कालीन सरकार पर हत्या, अपराध रोकने में नाकामी और मानवता के खिलाफ अपराध के अलावा छात्रों को गिरफ्तार कर टॉर्चर करने, एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग, फायरिंग, और बलों का घातक इस्तेमाल करने का आदेश देने समेत कई आरोप लगे हैं. बांग्लादेश के प्रॉसिक्यूशन ने शेख हसीना के दोषी पाए जाने पर उनके लिए मृत्युदंड की मांग की थी. हसीना की गैरहाजिरी में उनके खिलाफ यह फैसला सुनाया गया. कोर्ट ने इसी साल 10 जुलाई को हसीना के खिलाफ सभी आरोप तय किए थे.
जिस दिन फैसले की तारीख मुकर्र हुई थी, जमकर हुई हिंसा
जिस दिन अदालत ने फैसला सुनाने की तारीख मुकर्र की थी, उस दिन बांग्लादेश के कई हिस्सों में आगजनी और प्रदर्शन देखने को मिला था. बांग्लादेशी मीडिया की ओर से साझा जानकारी के अनुसार किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुबह से ही कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. पुलिस और रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) सहित कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कई टीमें शहर के प्रमुख स्थानों पर गश्त कर रही हैं। हाईकोर्ट गेट से लेकर डोयल छत्तर तक सड़क पर सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है.
2024 में शेख हसीना का हुआ तख्तापलट
शेख हसीना की सरकार जुलाई 2024 में गैर-लोकतांत्रिक तरीके से गिरा दी गई थी. इसके बाद शेख हसीना ने बांग्लादेश को छोड़ दिया था. इस बीच उनके ऊपर हत्या और साजिश के आरोप लगाए गए. हसीना के खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज किए गए. जुलाई 2024 में बांग्लादेश में छात्र आंदोलन शुरू हुआ, जिसने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया. इसी कथित छात्र आंदोलन की आड़ में शेख हसीना की सरकार को गिराया गया. इसके बाद अगस्त 2024 में पूर्व पीएम शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गईं. इसके बाद ही बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का गठन हुआ. वहीं यूएन की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में हुई हिंसा में करीब 1,400 लोगों की मौत हो गई.
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस