विश्व पृथ्वी दिवस पर पर्यावरण व नदी संरक्षण के लिए किया गया श्रमदान, प्लास्टिक मुक्त जनपद जालौन का संकल्प लिया गया

उरई । अनुरागिनी संस्था द्वारा बिसलेरी की 'बॉटल्स फॉर चेंज' पहल के अंतर्गत उरई में विशेष प्लॉगिंग ड्राइव का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर पर्यावरण संरक्षण, जल स्रोतों की सफाई, और प्लास्टिक कचरे के निपटान के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। इस पहल में जालौन सामाजिक वानिकी वन प्रभाग उरई, जिला जालौन के सहयोग से उरई रेलवे स्टेशन और ग्राम पंचायत कुकरगांव नून नदी के तट पर श्रमदान किया गया।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को यह समझाना था कि हमारे आसपास की सफाई और पर्यावरण संरक्षण में हर व्यक्ति का योगदान जरूरी है। प्लॉगिंग ड्राइव का आयोजन दो प्रमुख स्थानों पर किया गया—उरई रेलवे स्टेशन और नून नदी तट पर। जहां एक ओर रेलवे स्टेशन पर प्लास्टिक, बोतलें, पॉलीथीन और अन्य अपघटनीय कचरे को एकत्र किया गया, वहीं दूसरी ओर नून नदी तट पर भी पर्यावरणीय साफ-सफाई की गई। नून नदी तट पर फैले कचरे को इकट्ठा करने के बाद, इसे उचित तरीके से निस्तारित किया गया। इस पहल ने लोगों को यह सिखाया कि नदी के किनारे के सफाई का महत्व जितना है, उतना ही जल स्रोतों के संरक्षण का भी है।
इस अभियान में अनुरागिनी संस्था की टीम, सामाजिक वानिकी वन विभाग उरई के पदाधिकारी और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। लगभग 55 प्रतिभागियों ने इसमें हिस्सा लिया और मिलकर स्वच्छता का संदेश दिया।
क्षेत्रीय अधिकारी उरई वन विभाग ओ.पी. वर्मा ने इस अवसर पर कहा,पर्यावरण संरक्षण कोई एक दिन का कार्य नहीं, बल्कि यह सतत प्रयास है। इस प्रकार के जनसहभागिता वाले कार्यक्रम समाज में जागरूकता फैलाने और व्यवहार परिवर्तन लाने का माध्यम बनते हैं। अगर हर नागरिक अपने आसपास की सफाई के लिए जिम्मेदार बने, तो हम एक स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण की दिशा में बड़ा कदम उठा सकते हैं।
जिला परियोजना अधिकारी, (नमामि गंगे), मोहित दोंदेरिया ने कहा,नदियों के किनारे प्लास्टिक कचरे का जमाव केवल सौंदर्य को नहीं बिगाड़ता, बल्कि यह जल जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी घातक होता है। नून नदी तट पर प्लॉगिंग ड्राइव करना एक महत्वपूर्ण पहल है। हम सबको मिलकर अपने जल स्रोतों की रक्षा करनी होगी, तभी गंगा और उसकी सहायक नदियाँ स्वच्छ और निर्मल बन सकेंगी। अनुरागिनी संस्था के समन्वयक नितिन कुमार सैनी ने उपस्थित लोगों को बताया कि प्लास्टिक कचरे को घरों और सार्वजनिक स्थानों से उचित तरीके से संग्रहित कर पुनः चक्रण (रिसायक्लिंग) के लिए भेजा जा सकता है। कार्यक्रम के संयोजक राज प्रताप सिंह ने कहा, “हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने आसपास की सफाई करें और पर्यावरण का संरक्षण करें। यदि हम प्लास्टिक कचरे को संसाधन के रूप में देखेंगे, तो यह पर्यावरण के लिए लाभकारी हो सकता है।”
कार्यक्रम के अंत में, सभी प्रतिभागियों ने ‘प्लास्टिक मुक्त जनपद जालौन` का संकल्प लिया और मानव श्रृंखला बनाकर यात्रियों और नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस मौके पर छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और स्वच्छता, हरित जीवनशैली तथा जल संरक्षण को बढ़ावा देने की प्रतिज्ञा ली।
इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से ओमकार सिंह सेंगर, राहुल समाधिया, रविंद्र सिंह परमार,हिमांशु राजावत, आकाश राठौर, प्रिंस, प्रियांशु, अमन सहित सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।