मुर्शिदाबाद हिंसा पर राजा भइया का ममता सरकार पर तीखा प्रहार — ‘बिल तो बहाना है, मक़सद काफ़िरों को मिटाना है’

मुर्शिदाबाद हिंसा पर राजा भइया का ममता सरकार पर तीखा प्रहार — ‘बिल तो बहाना है, मक़सद काफ़िरों को मिटाना है’
मुर्शिदाबाद हिंसा पर राजा भइया का ममता सरकार पर तीखा प्रहार — ‘बिल तो बहाना है, मक़सद काफ़िरों को मिटाना है’

 ब्यूरो सुनील त्रिपाठी

कुंडा प्रतापगढ़। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध के नाम पर भड़की हिंसा को लेकर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व कैबिनेट मंत्री कुंडा विधायक कुंवर रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस घटना को एकतरफा, योजनाबद्ध और साम्प्रदायिक बताया, साथ ही देश की चुप्पी पर सवाल उठाए। राजा भइया ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि संविधान, कानून और मानवाधिकार की बात करने वाले लोग भी इस समय खामोश हैं, जबकि असली पीड़ित वे लोग हैं जिनका वक्फ संशोधन बिल से कोई लेना-देना ही नहीं।राजा भइया ने लिखा- "कह रहीम कैसे निभै, केर बेर को संग..."। उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि संसद से पारित बिल देश का कानून बन जाता है, लेकिन आज वक्फ कानून को लेकर देश के राजनीतिक दल और विचारधाराएं दो धड़ों में बंटी हुई हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि मुर्शिदाबाद में जिन निर्दोष पिता-पुत्र की हत्या की गई, जिनके घर-दुकानों को जलाया और लूटा गया, जिन हिन्दू परिवारों को औरतों-बच्चों की अस्मिता बचाने के लिए पलायन करना पड़ा, उनका इस कानून से कोई वास्ता नहीं था। संभव है, उन्हें यह भी नहीं पता हो कि ‘वक्फ’ आखिर है क्या।

राजा भइया ने लिखा......

"आख़िर उनका दोष क्या था? मस्जिद के सामने 'डीजे' भी तो नहीं बजा रहे थे!" उन्होंने हिंसा को 'अकारण' और 'सुनियोजित' बताया और कहा कि अब हिन्दुओं पर हमले एक नियति बनते जा रहे हैं। उन्होंने यह भी पूछा— "बांग्लादेश से तो इसलिए भागे थे कि भारत में सुरक्षित रहेंगे, लेकिन अब यहां से कहां जाएंगे?"उन्होंने संविधान की दुहाई देने वालों पर भी तंज कसा और लिखा कि संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान में 'वक्फ' जैसी किसी व्यवस्था की न तो जगह थी, न ही कोई कल्पना। उन्होंने यह भी कहा कि हत्याओं से पहले किसी की जात नहीं पूछी जाती, और यह और भी शर्मनाक है कि पिछड़े और दलितों के स्वयंभू नेता इस मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं।

अपनी पोस्ट के अंत में राजा भैया ने लिखा— "बिल तो बस बहाना है, मक़सद काफ़िरों को मिटाना है। धर्मो रक्षति रक्षितः।"