ऑपरेशन सिंदूर डेलिगेशन: थरूर के नाम पर सियासी घमासान, कांग्रेस ने नहीं दिया था नाम
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, “इसलिए, जयराम रमेश अपने ही कांग्रेसी शशि थरूर को संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुने जाने का विरोध कर रहे हैं।” भंडारी ने पूछा, “राहुल गांधी भारत के लिए बोलने वाले हर व्यक्ति से नफरत क्यों करते हैं, यहां तक कि अपनी पार्टी में भी?” ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में मालवीय ने आरोप लगाया कि भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कांग्रेस की तरफ से दिये गये विकल्प न केवल “चौंकाने वाले” हैं, बल्कि “गंभीर रूप से संदिग्ध” भी है।

Shashi Tharoor On all-party delegation : ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की दुनियाभर में पोल खोलने और आतंकवाद के खिलाफ भारत के एक्शन का संदेश लेकर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश का दौरा करेगा. जिसमें 4 सत्तारूढ़ दलों के नेता और 3 विपक्षी दलों के नेता शामिल रहेंगे. डेलिगेशन में कांग्रेस सांसद शशि थरूर का नाम भी शामिल है. थरूर के नाम से कांग्रेस पार्टी में विरोध शुरू हो गई है. पार्टी का कहना है कि उसने जो सूची सौंपी थी, उसमें थरूर का नाम नहीं था लेकिन फाइनल सूची में थरूर का नाम कैसे डाला गया. विवाद के बीच थरूर का बयान भी सामने आया है.
विदेश जाने वाली डेलिगेशन में नाम शामिल होने से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “निश्चित रूप से, जब राष्ट्र को मेरी सेवाओं की आवश्यकता होती है, तो मैं उपलब्ध रहता हूं. मैं अपने देश के लिए उपलब्ध रहता हूं. मेरे विचार से, इसका पार्टी राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. यह सब इस बात से संबंधित है कि हमारे देश ने हाल के दिनों में क्या-क्या झेला है और हमें एकजुट मोर्चा पेश करने की आवश्यकता है. यह ऐसे समय में राष्ट्रीय एकता का एक अच्छा प्रतिबिंब है जब एकता महत्वपूर्ण है,”
कांग्रेस में होने और कांग्रेस का होने में फर्क, पार्टी ने किया कटाक्ष
कांग्रेस ने विदेश जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शशि थरूर के शामिल होने की घोषणा के बाद उन पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए शनिवार को कहा कि “कांग्रेस में होने और कांग्रेस का होने में जमीन – आसमान का फर्क है.” कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शशि थरूर का नाम लिए बगैर कहा कि “कांग्रेस में होने और कांग्रेस के होने में जमीन आसमान का फर्क है.” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस मामले में ईमानदारी नहीं सिर्फ शरारत दिखाई है और वह ध्यान भटकाने का खेल खेल रही है क्योंकि उसका विमर्श ‘पंचर’ हो गया है. उनका यह भी कहा कि यह अच्छी लोकतांत्रिक परंपरा रही है कि आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने वाले सांसद अपनी पार्टी नेतृत्व से अनुमति लेते हैं
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, “इसलिए, जयराम रमेश अपने ही कांग्रेसी शशि थरूर को संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुने जाने का विरोध कर रहे हैं।” भंडारी ने पूछा, “राहुल गांधी भारत के लिए बोलने वाले हर व्यक्ति से नफरत क्यों करते हैं, यहां तक कि अपनी पार्टी में भी?” ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में मालवीय ने आरोप लगाया कि भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कांग्रेस की तरफ से दिये गये विकल्प न केवल “चौंकाने वाले” हैं, बल्कि “गंभीर रूप से संदिग्ध” भी है।
भाजपा नेता ने कहा, “उदाहरण के लिए, भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल में सैयद नासिर हुसैन को शामिल करना, वाकई चौंकाने वाला है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह उनके समर्थक ही थे जिन्होंने राज्यसभा में उनकी जीत का जश्न मनाते हुए विधान सौध के अंदर “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाए थे।”