राजा हत्याकांड में नया मोड़,गिरफ्तार 2 शख्स ने गवाही देने से किया इनकार, मेघालय पुलिस ने कही यह बात

पुलिस का कहना है कि वे सभी सबूतों को जोड़कर एक ठोस मामला तैयार कर रहे हैं। आकाश और आनंद के कबूलनामे से इनकार करने के बावजूद, पुलिस का दावा है कि उनके पास पर्याप्त साक्ष्य हैं जो अदालत में स्वीकार्य होंगे।

राजा हत्याकांड में नया मोड़,गिरफ्तार 2 शख्स ने गवाही देने से किया इनकार, मेघालय पुलिस ने कही यह बात

मेघालय के शिलॉन्ग में राजा की हत्या का मामला सामने आया है, जिसमें पत्नी सोनम, प्रेमी राज कुशवाहा और तीन अन्य आरोपी हैं। दो आरोपियों ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना कबूलनामा वापस ले लिया है, लेकिन पुलिस पर्याप्त सबूत होने का दावा कर रही है और फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। 

मेघालय के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में एक नया मोड़ आया है। इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों, आकाश और आनंद ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने कबूलनामे से इनकार कर दिया है। मेघालय पुलिस के अनुसार, दोनों ने पहले हत्या में अपनी मिलीभगत स्वीकार की थी, लेकिन अब मजिस्ट्रेट के सामने बयान देने से चुप्पी साध ली है।

इंदौर के 29 वर्षीय ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या 23 मई को मेघालय के सोहरा (चेरापूंजी) में उनकी हनीमून यात्रा के दौरान हुई थी। रघुवंशी ने 11 मई को इंदौर में सोनम से शादी की और 20 मई को हनीमून के लिए मेघालय आए थे। वह 23 मई को शिलांग से लगभग 65 किलोमीटर दूर सोहरा में लापता हो गए थे। दो जून को उनका क्षत-विक्षत शव एक झरने के पास खाई में मिला। उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी और उसके कथित प्रेमी राज कुशवाहा पर इस हत्या की साजिश रचने का आरोप है। पुलिस के अनुसार, राजा को तीन किराए के हत्यारों- विशाल चौहान, आकाश राजपूत, और आनंद कुर्मी ने सोनम की मौजूदगी में वेई सॉडॉन्ग व्यूपॉइंट पर चाकुओं से हमला कर मार डाला और उनका शव एक गहरी खाई में फेंक दिया गया।

आरोपियों का कबूलनामा और फिर पलटना

मेघालय पुलिस ने इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें सोनम, राज कुशवाहा, तीन किराए के हत्यारे, और सबूत नष्ट करने के आरोप में तीन अन्य शामिल हैं। शुरुआती जांच में आकाश और आनंद ने हत्या में अपनी भूमिका स्वीकार की थी और पुलिस के सामने अपराध की पूरी कहानी बयान की थी। हालांकि, 26 जून को मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने पर दोनों ने अपने बयानों से पलटते हुए कोई भी कबूलनामा देने से इनकार कर दिया। शिलांग शहर के पुलिस अधीक्षक हरबर्ट पिनियाड खारकोंगोर राजा हत्याकांड की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कर रहे हैं।

 पुलिस अधिकारी ने बताया कि आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी चुप रहे और गुरुवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने पर कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "हमने (पांच) आरोपियों में से केवल दो को मजिस्ट्रेट के पास भेजा। वे कोई बयान नहीं देना चाहते थे। हमारे पास उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। हम एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) रिपोर्ट का भी इंतजार कर रहे हैं।"

मेघालय पुलिस ने पहले दावा किया था कि सभी आरोपियों ने अपराध कबूल कर लिया है। खारकोंगोर ने बताया कि पुलिस के इकबालिया बयान अदालत में स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने कहा, "यह उनका अधिकार है कि वे इकबालिया बयान न दें। लेकिन भौतिक साक्ष्य भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। कोई समस्या नहीं है। हमारे पास मामले में सबूत हैं।"

बता दें कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 180 के तहत दर्ज बयान, जांच और जिरह के दौरान अधिकारियों की सहायता करते हैं, लेकिन केवल धारा 183 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज बयान ही अदालत में महत्व रखते हैं। पुलिस के मुताबिक, आनंद और आकाश के अलावा, विशाल सिंह चौहान ने पिछले महीने मेघालय में अपने हनीमून के दौरान सोनम और उसके प्रेमी राज कुशवाह को उसके नवविवाहित पति राजा की हत्या करने में सहायता की थी।

सोनम और राज का कबूलनामा

पुलिस के अनुसार, सोनम रघुवंशी और राज कुशवाहा ने अपनी प्रेम संबंध और हत्या की साजिश में अपनी भूमिका स्वीकार की है। दोनों ने पुलिस को बताया कि वे एक रिश्ते में थे और राजा को रास्ते से हटाने की योजना बनाई थी। इस साजिश को इंदौर में राजा और सोनम की शादी से 11 दिन पहले तैयार किया गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सोनम ने तीनों हत्यारों को 20 लाख रुपये की सुपारी दी थी, जिसका पहला भुगतान सोनम के चचेरे भाई जितेंद्र रघुवंशी ने किया था।