बड़ा फर्जीवाड़ा ! मप्र एसटीएफ की ग्वालियर में कार्रवाई:डीएड की फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाले 34 शिक्षकों पर केस

एसटीएफ ने शिकायत में प्राप्त डी.एड सर्टिफिकेट्स की क्रॉस-वेरिफिकेशन की, जो संबंधित कार्यालयों के मूल रिकॉर्ड से मेल नहीं खाए. एमपी एसटीएफ के एक अधिकारी ने आजतक को बताया कि यह सिर्फ व्यक्तिगत धोखाधड़ी नहीं, बल्कि एक सिंडिकेट का काम है.

बड़ा फर्जीवाड़ा ! मप्र एसटीएफ की ग्वालियर में कार्रवाई:डीएड की फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाले 34 शिक्षकों पर केस

मध्यप्रदेश एसटीएफ ने सरकारी नौकरी में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा किया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल के नाम पर फर्जी डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) अंकसूचियों के जरिए शिक्षक भर्ती में घोटाला किया गया था।

MP: मध्य प्रदेश में फर्जी तरीके से सरकारी शिक्षक बनाने वाले एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है. यह बड़ी कार्रवाई एसटीएफ (Special Task Force) की ग्वालियर इकाई द्वारा की गई है. इस गैंग के सदस्य डीएड (D.Ed.) की नकली या फर्जी डिग्रियों का इस्तेमाल कर लोगों को सरकारी टीचर की नौकरी दिलवा रहे थे.

फर्जी टीचर गैंग का पर्दाफाश

दरअसल, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने फर्जी डिग्री के सहारे सरकारी नौकरी पाने वाले शिक्षकों के एक गिरोह को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है. ग्वालियर एसटीएफ यूनिट ने फर्जी डी.एड. डिग्री के सहारे नौकरी कर रहे आठ सरकारी शिक्षकों को गिरफ्तार किया है. ये शिक्षक मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर और इंदौर जिलों में तैनात थे. जांच में पता चला है कि इस फर्जीवाड़े में शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं. अब तक 26 संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है. एसटीएफ की इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है.

 26 संदेहियों की जांच 

एसटीएफ की जांच और कार्रवाई के बाद फर्जी डिग्री रखने वाले 8 सरकारी शिक्षकों को गिरफ्तार किया गया है. ये गिरफ्तार टीचर्स राज्य के अलग-अलग शहरों, जैसे मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर और इंदौर में सरकारी स्कूलों में पदस्थ थे. यह सामने आया है कि यह फर्जीवाड़ा अकेले गैंग के स्तर पर नहीं चल रहा था, बल्कि इसमें शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत भी शामिल थी, जिनके सहयोग से ये फर्जी दस्तावेज और नियुक्तियां संभव हो पाईं. फिलहाल, एसटीएफ इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और 26 अन्य संदिग्धों को भी जांच के दायरे में रखा गया है.

दस्तावेजों की सत्यापन रिपोर्ट भी फर्जी

फर्जीवाड़े की पुष्टि के बाद STF ने 8 शिक्षकों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है. ये सभी फिलहाल मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर और इंदौर समेत कई जिलों में पदस्थ हैं. जांच में ये भी सामने आया कि नियुक्ति के दौरान प्रस्तुत दस्तावेजों की सत्यापन रिपोर्ट भी फर्जी थी. STF को शक है कि इसके पीछे एक संगठित गैंग सक्रिय है, जिसने सरकारी सेवा में अनुचित लाभ पाने के लिए सुनियोजित षड्यंत्र रचा था. फिलहाल, मामले की जांच की जा रही है.