अयोध्या में फिर गरमाया भूमि घोटाला: बाग बिजेसी की सार्वजनिक जमीन पर फर्जीवाड़े का खुलासा
प्रशासन ने इस बार मुस्तैदी दिखाई और महज चार दिनों के भीतर फर्जी इंट्री को रद्द कर तहसीलदार को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दे दिए।यह सनसनीखेज मामला तब सामने आया

मामला बाग बिजेसी इलाके में एक हेक्टेयर से ज्यादा की सार्वजनिक जमीन से जुड़ा है
ब्यूरो सुनील त्रिपाठी
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या एक बार फिर सुर्खियों में है, और वजह है एक नया भूमि घोटाला। इस बार मामला बाग बिजेसी इलाके में एक हेक्टेयर से ज्यादा की सार्वजनिक जमीन से जुड़ा है, जिसे रमाकांत नाम के शख्स ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपने नाम पर चढ़ाने की कोशिश की। लेकिन प्रशासन ने इस बार मुस्तैदी दिखाई और महज चार दिनों के भीतर फर्जी इंट्री को रद्द कर तहसीलदार को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दे दिए।यह सनसनीखेज मामला तब सामने आया, जब 26 मई को तहसीलदार सदर धर्मेंद्र कुमार सिंह ने राजस्व परिषद से आए एक पत्र (संख्या-3404/पी-दो न्याय, दिनांक 11 मार्च 2025) की सत्यता पर सवाल उठाए। इस पत्र के आधार पर रमाकांत ने जमीन अपने नाम दर्ज कराई थी। तहसीलदार की शंका सही साबित हुई, जब राजस्व परिषद ने 24 घंटे के भीतर—27 मई को—सत्यापन रिपोर्ट भेज दी। रिपोर्ट में साफ हो गया कि यह पत्र जाली था। प्रशासन की त्वरित कार्रवाईसत्यापन रिपोर्ट हाथ लगते ही इस खुलासे से तहसील सदर में हड़कंप मच गया।