जयकारों और सिंदूर की लालिमा में गूंजी विजयादशमी की आस्था , लदक्षिणेश्वर काली मंदिर में उमड़ा उत्साह, सिंदूर खेला के साथ मां दुर्गा को भावभीनी विदाई

कोलार रोड स्थित दक्षिणेश्वर काली मंदिर में विजयादशमी के अवसर पर भक्तिभाव और उल्लास का माहौल रहा। परंपरागत सिंदूर खेला के दौरान सुहागिन महिलाओं ने मां दुर्गा को विदाई से पहले सिंदूर अर्पित कर एक-दूसरे को सौभाग्य की शुभकामनाएं दीं। ढाक की थाप, शंखनाद और "जय मां दुर्गा" के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। ओमिता पार्थो दास, प्रतिमा डे, अपर्णा मुखर्जी, मंजरी दास, चुमकी चक्रवर्ती सहित बड़ी संख्या में बंगाली महिलाओं की सहभागिता रही। अंत में भक्तों ने मां दुर्गा को भावभीनी विदाई दी और अगले वर्ष पुनः आगमन की कामना की।

जयकारों और सिंदूर की लालिमा में गूंजी विजयादशमी की आस्था ,  लदक्षिणेश्वर काली मंदिर में उमड़ा उत्साह, सिंदूर खेला के साथ मां दुर्गा को भावभीनी विदाई

सिंदूर खेला में झूमीं सुहागिनें, ढाक-शंखनाद के बीच मां दुर्गा को दी भावभीनी विदाई

भोपाल।विजयादशमी पर कोलार रोड, दानिश कुंज स्थित दक्षिणेश्वर काली मंदिर में भक्तिभाव और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला। परंपरागत सिंदूर खेला के बीच सुहागिन महिलाओं ने मां दुर्गा की प्रतिमा को विदाई देने से पहले सिंदूर अर्पित किया और एक-दूसरे के माथे पर सिंदूर लगाकर सौभाग्य एवं समृद्धि की मंगलकामनाएँ दीं।

मंदिर प्रांगण ढाक की थाप, शंखनाद और "जय मां दुर्गा" के जयघोष से गूंज उठा। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और पूरा वातावरण भक्ति और उत्साह से सराबोर हो गया।

इस अवसर पर ओमिता पार्थो दास, प्रतिमा डे, अपर्णा मुखर्जी, मंजरी दास, चुमकी चक्रवर्ती सहित बड़ी संख्या में बंगाली महिलाएँ शामिल रहीं। सिंदूर खेला संपन्न होने के बाद भक्तों ने मां दुर्गा को भावभीनी विदाई दी और अगले वर्ष पुनः शुभागमन की प्रार्थना की।