सनातन विरोधी मानसिकता वाले अफसरों ने कराई सरकार की किरकिरी, तीन माह पूर्व के आवेदन पर 4 दिन पूर्व जल्दबाजी में दी अनुमति, अब कैसे होगा महायज्ञ ?

सनातन विरोधी मानसिकता वाले अफसरों ने कराई सरकार की किरकिरी, तीन माह पूर्व के आवेदन पर 4 दिन पूर्व जल्दबाजी में दी अनुमति, अब कैसे होगा महायज्ञ ?

प्रशासन की हठधर्मिता ने विश्व कल्याण पर फेरा पानी 

भोपाल। मानव मात्र की उन्नति एवं विश्व कल्याण के लिए मध्यप्रदेश के ग्वालियर में 14 से 21 अप्रैल तक आयोजित किया जाने वाला लक्ष्यचंडी महायज्ञ आखिर ग्वालियर जिला प्रशासन में तैनात सनातन विरोधी मानसिकता के अफसरों की अनावश्यक हठधर्मिता के कारण अब निर्धारित समय पर नहीं हो पाएगा। बड़ा सवाल यह है कि ग्वालियर जिला प्रशासन की आखिर कौन सी मजबूरी थी कि 3 माह पूर्व दी जाने वाली अनुमति आननफानन में 4 दिन पहले तब जारी करते हैं जब संत समाज अपनी नाराजगी जताते हुए ऋषि परशुराम की भूमिका चुनने की चेतावनी देते हैं। बड़ा सवाल यह है कि ग्वालियर के हठधर्मी अफसरों को इस तरह कार्य व्यवहार करने से आखिर क्या मिल गया? मानव मात्र की उन्नति एवं विश्व कल्याण की मूल भावना से प्रेरित 1008 कुण्डीय लक्ष्यचंडी महायज्ञ को रोक कर गवालियर जिला प्रशासन में तैनात सनातन विरोधी अफसरों ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की राष्ट्रवाद और सनातन धर्म के प्रचार प्रसार की मंशा पर पानी फेरने का काम किया है। अब तो सरकार को ऐसे सनातन विरोधी अफसरों की मैदानी तैनाती पर गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए। 

इसके अलावा सनातन धर्म की वृद्धि और विश्व कल्याण के लिए किए जाने वाले इस महायज्ञ में रोड़ा अटकाने वाले अफसरों की भूमिका की भी जांच कराई जानी चाहिए ताकि फिर कोई दूसरा अफसर इस तरह की हिमाकत न करें।

गौरतलब है कि लक्ष्यचंडी महायज्ञ के लिए जानेमाने कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर, कवि कुमार विश्वास, भजन गायिका मैथिली ठाकुर, राष्ट्र कवि अनामिका अंबर जैसी कई नामचीन हस्तियों ने भी अपने आगमन की स्वीकृति दे दी थी।

4 दिन में कैसे पूरी होगी तैयारी :

पंचायती श्रीनिरांजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज ने इस संदर्भ में बताया कि 1008 कुण्डीय लक्ष्यचंडी महायज्ञ की तैयारियों, आयोजन से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी सहित आवेदन करने के बाद भी हमें जिला प्रशासन ग्वालियर द्वारा यज्ञ करने की अनुमति अयोजन के चार दिन पूर्व दी गई। इतना ही नहीं पुलिस प्रशासन द्वारा भी यज्ञशाला निर्माण में बार बार व्यवधान पैदा कर रोका गया। अब इतने कम समय में इतने विराट स्वरूप का धार्मिक आयोजन होना संभव नहीं है । महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज ने बताया कि अब इस यज्ञ के लिए आगामी तारीख निर्धारित की जाएगी और यह यज्ञ ग्वालियर की धरा पर ही आयोजित किया जाएगा।उन्होंने कहा कि इस महायज्ञ के सम्पन्न होने से ग्वालियर चम्बल संभाग ही नहीं सम्पूर्ण मध्यप्रदेश, सम्पूर्ण भारत और विश्व कल्याण का भला होता जो ग्वालियर जिला प्रशासन की हठधर्मिता का शिकार हो गया। एक तरफ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव पूरे प्रदेश में धर्म के प्रचार प्रसार के लिए विभिन्न लोक के निर्माण में लगे हैं तो दूसरी तरफ कुछ सनातन विरोधी मानसिकता के अफसरों का शिकार संत समाज और धार्मिक आयोजन हो गया है। 

संतों के आक्रोश का क्यों इंतजार करता रहा प्रशासन :

इस मामले में आश्चर्यजनक बात यह है कि लक्ष्यचंडी महायज्ञ की अनुमति देने के लिए क्या संतों के आक्रोश की प्रतीक्षा कर रहा था। बुधवार को जब ग्वालियर में पंचायती श्रीनिरांजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज, देश के प्रतिष्ठित संत महात्मा जगदगुरु पाताली बाबा, महामंडलेश्वर वेदप्रकाश, गोलश्वर महादेव, पीठाधीश्वर सोमनाथ गिरी, महामंडलेश्वर बरुआ बाबा दिल्ली आदि ने जब आयोजन की अनुमति पर अपना आक्रोश जाहिर किया तो महज 20 मिनट बाद ही महायज्ञ की अनुमति जारी कर दी गई। जिला प्रशासन की इस कार्यशैली पर हर कोई सवाल खड़े कर रहा है।