Tag: Jain Philosophy
सौंदर्य की अनासक्ति और प्रोत्साहन की शक्ति: आत्म-जागृति...
संघ का संदेश: मोह त्याग और प्रेरणा से मिलेगा आत्म-कल्याण
संपत्ति की आसक्ति – आत्मा का बंधन या मुक्ति का साधन? श्री...
बच्चे आईफ़ोन की माँग पर लाखों खर्च कर देने वाले माता-पिता, दान या मंदिर के लिए सौ-दो...
दृष्टि और दृष्टिकोण – अहंकार का विसर्जन ही समर्पण की सच्ची...
बाड़मेर जैन श्री संघ के चम्पालाल बोथरा ने बताया कि प्रवचनमाला प्रतिदिन कुशल दर्शन...
घर-दुकान की दौड़ में खो गया सुख? शास्वतसागरजी म सा ने दिखाया...
सुख की दौड़ को विराम दो, स्वयं में झांको, वहीं प्रभु का और परम सुख का वास है।
 प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस
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