हवाई हमले या बड़े आपदाओं की स्थिति में रहे सतर्क और त्वरित प्रतिक्रिया देने हेतु तैयार रहे

सेन्ट एन्थोनी इण्टर कालेज माक ड्रिल का गया आयोजन, किसी भी आपातकाल में घबरायें नही, धैर्य और संयम से कार्य करें-अपर जिलाधिकारी

हवाई हमले या बड़े आपदाओं की स्थिति में रहे सतर्क और त्वरित प्रतिक्रिया देने हेतु तैयार रहे

ब्यूरो सुनील त्रिपाठी

 प्रतापगढ़। आपातकालीन परिस्थितियों के दृष्टिगत जनपद के सेन्ट एन्थोनी इण्टर कालेज प्रतापगढ़ में नागरिक सुरक्षा को लेकर माक ड्रिल एवं अभ्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान सेन्ट एन्थोनी इण्टर कालेज में असामाजिक तत्वों द्वारा बम के माध्यम से हमला किया गया और जैसे ही विद्यालय को जानकारी मिली तत्काल विद्यालय प्रशासन द्वारा सायरन बजाकर बच्चों व अध्यापकों सहित समस्त कर्मचारियों को अलर्ट किया गया तथा विद्यालय के प्रधानाचार्य फादर आनन्द कुमार जॉन ने तत्काल जिला प्रशासन व डायल 112 को फोन के माध्यम से सूचित किया और मौके पर पुलिस बल, अग्निशमन, होमगार्ड, एनसीसी कैडेट व चिकित्सा की टीमें पहुॅची और विद्यालय में बम के माध्यम से लगी हुई आग को अग्निशमन दमकल द्वारा पानी के माध्यम से बुझाया गया और रेसक्यू टीमों द्वारा विद्यालय में हमले से घायल हुये बच्चों को निकाला गया और उन्हें 108 एम्बुलेन्स के माध्यम से जिला अस्पताल में चिकित्सीय उपचार हेतु भेजा गया तथा विद्यालय की बिल्डिंग में फंसे हुये अन्य बच्चों को रेस्क्यू टीमों द्वारा सकुशल निकाला गया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) आदित्य प्रजापति ने कहा कि किसी भी आपातकाल में घबरायें नही, धैर्य और संयम से कार्य करें, जिला प्रशासन की गाइडलाइन का अनुपालन करें। अफवाहों पर ध्यान न दें तथा अफवाहों को न फैलायें। धैर्य, संयम और जागरूकता ही आपको और आपके प्रियजनों को सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है। इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी दुर्गेश कुमार सिंह, उपजिलाधिकारी सदर नैन्सी सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र सिंह, ईओ नगर पालिका राकेश कुमार, जिला आपदा विशेष अनुपम शेखर तिवारी सहित संबंधित अधिकारी, जनपद के समाजसेवी, व्यापार/उद्योग के पदाधिकारी, विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्रायें व अन्य सम्भ्रान्त नागरिक उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन डा0 मो0 अनीस द्वारा किया गया।

  माक ड्रिल के दौरान बताया गया कि *आपातकालीन परिस्थितियों जैसे कि हवाई हमले या बड़े आपदाओं की स्थिति में सतर्क रहे और त्वरित प्रतिक्रिया देने हेतु तैयार रहे।* जनता से अपील की गयी कि *ब्लैकआउट* के समय निर्धारित समय सायंकाल से रात्रि तक ब्लैकआउट के समय बिजली बुझा दें, एअररेड सायरन बनजे पर शांतिपूर्वक अपने सुरक्षित स्थान पर शरण लें, अफवाहों से बचें और प्रशासन द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करें। नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों व स्थानीय प्रशासन का सहयोग करें। मॉकड्रिल को गम्भीरता से लें ताकि आपातकाल की स्थिति में जान-माल की हानि को न्यूनतम किया जा सके। घबरायें नही, बच्चों एवं पूरे परिवार को जागरूक करें। मोबाईल या रेडियो पर सरकारी एलर्ट सूनें। सुरक्षित शरण स्थल एवं बंकर की जानकारी लें। अपने घर में मजबूत बिना खिड़की वाला कमरा तैयार रखें, शरण स्थल तक जल्दी से पहुॅचने का रास्ता पहले से तय करें। जरूरी वस्तुयें तैयार रखें जैसे पीने का पानी कम से कम तीन दिन का, सूखा भोजन (बिस्किट ड्राई फूड आदि), प्राथमिक चिकित्सा किट, टार्च एवं एक्सट्रा बैटरी/सेल रखें, जरूरी दस्तावेज जैसे पहचान पत्र/आईडी, मेडिकल रिपोर्ट आदि सुरक्षित रखें, खिड़कियों पर मोटे पर्दे काले कागज लगायें। शीशे से दूर रहे, जमीन पर लेट जाये। हवाई हमले के बाद बाहर तभी निकलें जब सरकारी निर्देश मिलें, घायल हो तो प्राथमिक उपचार करें, संदिग्ध वस्तु या बम दिखें तो छूये नही पुलिस को सूचित करें। यदि रोड पर हो तो वाहन किनारे खड़ी कर वाहन की लाईट आफ कर दें। समय समय पर जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेशों/निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करें। घबरायें नही, आपदा प्रबन्धन कर्मियों/पुलिस के निर्देशों का पालन करें। दिनांक 07 मई को सायंकाल 7.30 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक अपने घरों/प्रतिष्ठानों आदि की लाईट/प्रकाश/इनवर्टर आदि के प्रकाश को देश हित में बन्द रखें, जिससे प्रकाश बाहर दिखाई न दें। हवाई हमले का रेड सिग्नल 02 मिनट तक ऊॅची-नीची आवाज में सायरन बजाया जाता है तथा खतरा टलने की सूचना 02 मिनट तक सायरन को एक ही आवाज में बजाकर दी जाती है ताकि बचाव एवं राहत की कार्यवाही तुरन्त की जा सके।

  *रासायनिक (औद्योगिक) दुर्घटनाओं के दौरान तथा बाद में रखी जाने वाली सावधानियों के सम्बन्ध में बताया गया कि* घबरायें नही, शांति से दुर्घटना स्थल से बाहर आये तथा तय किये गये बाहर निकलने के रास्ते के द्वारा हवा की दिशा के लंबवत् चले। बाहर निकलने के दौरान चेहरे को गीले रूमाल अथवा कपड़े/साड़ी से ढक लें। बीमार, बुजुर्ग, कमजोर, विकलांक तथा अन्य लोगों जो बाहर निकलने में असमर्थ हो, उनको घर के अंदर ही रखें तथा सभी दरवाजों तथा खिड़कियों को अच्छी तरह बंद कर दें। हवा में खुला रखा हुआ बिना ढका खाना/पानी आदि को ग्रहण न करें, केवल बोतल से ही पानी पीयें। सुरक्षित स्थान/शरण-स्थल पर पहुॅचने के बाद कपड़े बदल लें और हाथों को अच्छी तरह धोएं। सरकारी कर्मचारियों को सही तथा सटीक जानकारी दें। चिन्हित खतरनाक इलाके में धूम्रपान न करें, आग अथवा चिंगारी न भड़कायें। औद्योगिक इकाईयों के पास रहने वाले समुदाय को इसके बारे में जागृत करें तथा उनको औद्योगिक इकाईयों तथा उससे जुड़े जोखिमों की प्रकृति के बारे में अधिक सतर्क रहना चाहिये। आपातकालीन उपयोग के लिये निकटतक खतरनाक रासायनिक उद्योग, फायर स्टेशन, पुलिस थानो, नियंत्रण कक्ष, स्वास्थ्य चिकित्सा सेवाओं तथा जिला नियंत्रण कक्ष के सम्पर्क नम्बरों को अपने पास रखें। खतरनाक रसायनों का निर्माण करने वाले अथवा उनकी प्रोसेसिंग करने वाले उद्योगों के पास मकान न बनायें यदि सम्भव हो। दवा, दस्तावेज तथा कीमती रसायनों समेत घर में रखी आवश्यक मदों तथा वस्तुओं का एक आपातकालीन थैला (इमरजेंसी किट) तैयार कर लें। जैविक आपदा के सम्बन्ध में बताया है कि व्यक्तिगत सफाई-प्रतिदिन स्नान करें, नाखून लंबे न रखें तथा साफ-सुथरे कपड़े पहनें, अपने हाथों को साफ रखें, पौष्टिक तथा संतुलित आहार लें, ज्यादा भीड़ इकट्ठा न करें, ज्यादा गर्म तथा ज्यादा ठंडे मौसम से बचें। मास्क का उपयोग करें, किसी चिकित्सा बीमा योजना को ले लें। 

  *परमाणु हमलों की घटनाओं की स्थिति में बताया गया कि* घर के अंदर जाये और अंदर ही रहें। रेडियो/टेलीविजन चालू करें और अपने स्थानीय प्राधिकरण की सार्वजनिक घोषणाओं/पूर्वानुमानों पर ध्यान दें। सभी दरवाजे/खिड़कियॉ बंद रखें। सभी प्रकार के खाने की वस्तुओं को अच्छी तरह से बंद करके रखें और ढकी हुई वस्तुओं का ही सेवन करें। अगर खुले में हो तो अपने चेहरे और शरीर को गीले रूमाल, तौलिया/धोती साड़ी से ढक लें। बाहर से आते ही कपड़े तुरन्त बदल लें/उतार दें। स्थानीय अधिकारियों को अपना पूरा सहयोग दें और उनके निर्देशों का पूरी तरीके से पालन करें। जहां तक सम्भव हो खुले कुओं/तालाबों के पानी, खुले में रखे फलों और सब्जियों, बाहर से भोजन, पानी या दूध लेने के सेवन से बचे। बाहर न रहें और न ही बिना अति-आवश्यक कार्य के बाहर न जाये।

  *किसी भी आपात की स्थिति/युद्ध के समय आम जनमानस के लिये जारी एडवाइजरी* के सम्बन्ध में बताया गया कि घबरायें नही, स्थिति की गम्भीरता को समझे, लेकिन शांत रहें। घबराहट में गलत निर्णय लेने की सम्भावना बढ़ जाती है। अधिकारिक सूचनायें पर भरोसा करें, केवल सरकार और जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई आधिकारिक सूचनाओ पर ही विश्वास करें। सोशल मीडिया या अन्य अपुष्ट स्रोतों से आने वाली अफवाहों पर ध्यान न दें और नही उन्हें फैलायें। समाचारों को ध्यान से सुने, रेडियो, टेलीविजन या अधिकारिक आनलाइन पोर्टलों के माध्यम से नवीनतम और सत्यापित जानकारी प्राप्त करते रहे। आपातकालीन किट बनायें जिसमें पानी की बोतले (कम से कम तीन दिन के लिये प्रति व्यक्ति), सूखा भोजन (बिस्कुट, अनाज, डिब्बाबंद भोजन आदि), प्राथमिक चिकित्सा किट (पट्टी, एंटीसेप्टिक, दर्द निवाकर आदि), बैटरी चालित रेडियो और अतिरिक्त बैटरी, मोबाइल फोन और अतिरिक्त बैटरी, टॉच, सीटी, चाकू, माचिस या लाइटर, नकदी, महत्वपूर्ण दस्तावेज, कम्बल या गर्म कपड़े, सैनिटाइजर और मास्क, आवश्यक दवायें यदि आप कोई नियमित दवायें लेते है तो उनका पर्याप्त स्टाक सुनिश्चित करें। बिजली और गैस के सम्बन्ध में सावधानियों के सम्बन्ध में बताया गया कि बिजली के उपकरणों को बंद करें, यदि बमबारी या अन्य खतरों की आशंका हो तो बिजली के सभी उपकरणों को बंद कर दें, गैस कनेक्शन बंद करें यदि गैस का रिसाव महसूस हो या खतरे की आशंका हो तो मुख्य गैस वाल्व को बंद कर दें। अपरिचित वस्तुओं से दूर रहें, किसी भी लावारिस वस्तु को न छुयें, इसकी सूचना तुरन्त सुरक्षा एजेंसियों को दें। रात में रोशनी कम रखें, यदि आपके क्षेत्र में ब्लैकआउट है तो घरों में कम रोशनी का उपयोग करें ताकि बाहर से कम दिखायी दें, खिड़कियों पर पर्दे या मोटे कपड़े लगायें। अपने पड़ोसियों की मदद करें, खासकर बुजुर्गो, बच्चों और जरूरतमंद लोगों का ध्यान रखें और उनकी सहायता करें।