अखिलेश यादव ने बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री पर कसा तंज ‘कई कथावाचक 50 लाख रुपये लेते हैं, सब में बुलाने की हैसियत नहीं’,

सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा, 'कई कथावाचक हैं जो 50 लाख रुपये लेते हैं। किसी की हैसियत है कि धीरेंद्र शास्त्री को कथा के लिए अपने घर पर बुला ले। वो बाबा अंडर टेबल पैसे लेगा।'

अखिलेश यादव ने बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री पर कसा तंज ‘कई कथावाचक 50 लाख रुपये लेते हैं, सब में बुलाने की हैसियत नहीं’,

अखिलेश यादव ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर साधा निशाना

अखिलेश यादव ने धीरेंद्र शास्त्री पर मोटी रकम लेकर कथा बाचने का लगाया आरोप

अखिलेश यादव ने कहा कि सभी की हैसियत नहीं कि उन्हें अपने घर बुला लें

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी की घटना ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में बीजेपी सरकार पर लगातार हमला बोलते हुए अब बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को भी अपने निशाने पर लिया है. लखनऊ में रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश ने धीरेंद्र शास्त्री पर कथावाचन के लिए मोटी फीस लेने और “अंडर टेबल” पैसे लेने का गंभीर आरोप लगाया, जिससे सियासी हलचल और तेज हो गई है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में इटावा कांड को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा, “कई कथावाचक हैं जो 50 लाख रुपये लेते हैं. किसी की हैसियत है कि धीरेंद्र शास्त्री को कथा के लिए अपने घर बुला ले. अंडर टेबल लेगा वो बाबा पैसै. आप पता करवा लीजिए, धीरेंद्र शास्त्री पैसे नहीं लेते हैं क्या? कथा बांचने की उनकी कितनी कीमत होगी?” इस बयान ने न केवल धार्मिक हलकों में बल्कि सियासी गलियारों में भी हंगामा मचा दिया है

इटावा कांड ने दी सियासत को हवा

दरअसल, इटावा जिले के बकेवर क्षेत्र के दान्दरपुर गांव में 21 जून को कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत कुमार यादव के साथ कथित तौर पर मारपीट और बदसलूकी की गई थी. आरोप है कि ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोगों ने उनकी चोटी काट दी, सिर मुंडवाया और जातिसूचक टिप्पणियां कीं. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पीड़ित कथावाचकों का समर्थन किया. उन्होंने कथावाचकों को सपा कार्यालय बुलाकर सम्मानित किया, 51 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी और एक नया हारमोनियम भेंट किया. अखिलेश ने इस घटना को पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय के खिलाफ अन्याय करार देते हुए बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “कुछ वर्चस्ववादी लोग कथावाचन में अपना एकाधिकार बनाए रखना चाहते हैं और इसे व्यवसाय बना लिया है. अगर सच्चे भक्तों को कथा करने से रोका जाएगा, तो यह समाज में अन्याय को बढ़ावा देगा