शर्मसार: मां के शव को 1 KM तक स्ट्रेचर पर ढोता रहा बेटा, उसी पुल पर दिया विधायक की गाड़ी को पास…फजीहत के बाद हुई जिम्मेदारों पर कार्रवाई!
पुल की मरम्मत के दौरान विधायक की कार निकालने के मामले में पीएनसी के परियोजना प्रबंधक ने कार्रवाई की है। ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर सहायक पेट्रोलिंग अधिकारी को हटाकर लखनऊ संबंध किया गया है।

रविवार को सदर विधायक ने पुल से खुद की गाड़ी निकालने पर कस्बे के बांकी मार्ग स्थित आवास में पत्रकार वार्ता करके अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि उनकी गाड़ी पुल बंद होने के पूर्व ही गुजर गई थी। इस प्रकरण में सरकार की छवि खराब करने की कोशिश हुई है। इसके बाद वह पीड़ित परिवार से मिलने टेढ़ा पहुंचे और सांत्वना देते हुए कहा कि उनकी हर संभव मदद की जाएगी।
लखनऊ,हमीरपुर जिले में कानपुर-सागर नेशनल हाईवे एनएच 34 पर बने यमुना पुल को इन दिनों हफ्ते में दो दिन शनिवार व रविवार को मरम्मत के लिए आम आदमी के लिए बंद रहता है। लेकिन यह व्यवस्था सिर्फ आम लोगों के लिए है, वीआईपी लोगों के लिए कोई रोक-टोक नहीं है। शनिवार को ऐसा ही कुछ देखने को मिला, जिसको लेकर प्रदेश के साथ-साथ देशभर में भाजपा सरकार की थू-थू हो रही है। जब यह मामला सोशल मीडिया में ट्रेंड करने लगा तो प्रशासन की जमकर भद्द पिटने लगी। जिसके बाद अब जिलाधिकारी ने मामले पर एक्शन लेते हुए कई अधिकारियों पर कार्रवाई की है।
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए अपने एक्स एकाउंट पर लिखा कि पुल बंद है, शव लेकर मत आओ! विधायक जी आ रहे हैं, फूल बिछाओ! हमीरपुर में यमुना पुल पर एक बेटे को अपनी मां का शव स्ट्रेचर पर एक किलोमीटर पैदल लेकर चलना पड़ा, क्योंकि मरम्मत के लिए बंद पुल पर एंबुलेंस को जाने से रोक दिया गया। अब सरकारी तंत्र की बेशर्मी देखिए- थोड़ी ही देर बाद पुलिस बैरिकेडिंग हटाकर पुल खोल दिया गया और भाजपा के एक माननीय की कार फर्राटा भरकर पुल को पार कर गई। इससे एक बात तो साफ होती है कि योगी सरकार में जीते जी तो इंसान की कोई क़ीमत होती नहीं और मरने के बाद तो और भी कम हो जाती है। इस सरकार में संवेदनाएं अब‘लुप्तप्राय प्रजाति’ हो चुकी हैं।
दरअसल, शनिवार सुबह को विधायक की गाड़ी को बंद पुल से गुजरने दे दिया गया, लेकिन एंबुलेंस में मां का शव लेकर जा रहे बेटे को नियमों का हवाला देकर पुल पार करने नहीं दिया गया। जिसके कारण बेटे को स्ट्रैचर में शव को रखकर पैदल एक किलोमीटर से अधिक पुल पार करना पड़ा। यह नजारा जिसने भी देखा उसकी आंखे भर आई, लेकिन मौके पर तैनात जिम्मेदारों को कोई फर्क नहीं पड़ा। मामले में सियासत भी जमकर हुई विपक्षी पार्टी ने इसको मुद्दा बनाकर जमकर सरकार पर निशाना साधा। शनिवार को दिनभर यह खबर सुर्खियों में रहने के बाद रविवार को प्रशासन की नींद खुली। जिला प्रशासन ने सहायक रूट पेट्रोलिंग अधिकारी को हटाते के साथ साथ मुख्य पेट्रोलिंग अफसर संतोष चौधरी को लखनऊ सम्बद्ध कर दिया। इसके साथ ही पीएनसी परियोजना प्रबंधक एमपी वर्मा को भी फटकार लगाई गई है, साथ ही डीएम घनश्याम मीणा की ओर से साफ किया गया कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही पर और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि यमुना पुल मरम्मत कार्य के चलते जुलाई तक हर हफ्ते दो दिन बंद रहेगा। एनएचआई ने ये आदेश जारी किया है कि आगले कई हफ्तों तक सप्ताह में दो-दो दिन पुल रखा जाएगा। अब ये पुल 5–6 जुलाई, 12–13 जुलाई और 19–20 जुलाई को बंद रहेगा।