सूरत को विश्वस्तरीय टेक्सटाइल-परिधान एक्सपोर्ट हब बनाने की आवश्यकता – चम्पालाल बोथरा 

उद्योग प्रतिनिधियों, सरकार, निर्यातकों और MSME इकाइयों को साथ लेकर हर तिमाही समीक्षा और क्रियान्वयन हो।

सूरत को विश्वस्तरीय टेक्सटाइल-परिधान एक्सपोर्ट हब बनाने की आवश्यकता – चम्पालाल बोथरा 

सूरत में टेक्सटाइल डिजाइन सेंटर, फैशन टेक्नोलॉजी हब और R&D लैब्स स्थापित किए जाएं।

सूरत, जो देश का सबसे बड़ा सिंथेटिक टेक्सटाइल केंद्र है, आज वैश्विक परिधान निर्यात हब बनने की क्षमता रखता है। लेकिन नीति, आधारभूत सुविधाएं, वित्तीय सहायता और व्यापार सुरक्षा के अभाव में MSME और व्यापारी वर्ग गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं।

कैट टेक्सटाइल एंड गारमेंट कमेटी मांग करती है कि केंद्र और राज्य सरकार इस अवसर को राष्ट्रीय विकास के लिए एक रणनीतिक निवेश के रूप में देखें।

मुख्य माँगें और सुझाव :-

.PM MITRA पार्क (नवसारी, सूरत) के विकास में तेजी लायी जाए 

   •   नवसारी में घोषित PM MITRA पार्क का कार्य धीमा है। इसे फास्ट ट्रैक मोड में लाया जाए।

   •   MSME इकाइयों के लिए सब्सिडी सहित आरक्षित ज़ोन, डिजाइन लैब, CETP, स्किल सेंटर स्थापित किए जाएं।

   •   Local Cluster Authority (LCA) में उद्योगपतियों और व्यापार प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।

CETP (कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) की नई परियोजनाएं

   •   पांडेसरा, सचिन, पलसाणा जैसे टेक्सटाइल ज़ोन में CETP की क्षमता भर चुकी है।

   •   केंद्र और राज्य मिलकर PPP मॉडल में नए CETP विकसित करें ताकि नई यूनिट्स शुरू हो सकें।

 MSME के लिए वित्तीय सहायता और टैक्स राहत

   •   यार्न, प्रोसेसिंग, मशीनरी पर GST की दरों को कम कर 5% किया जाए।

   •   कार्यशील पूंजी (Working Capital) के लिए ब्याज सब्सिडी दी जाए।

   •   TUF (Technology Upgradation Fund) जैसी स्कीम फिर से शुरू हो।

टेक्सटाइल एक्सपोर्ट को प्रोत्साहन

   •   सूरत को ईज़ ऑफ एक्सपोर्ट ज़ोन घोषित किया जाए।

   •   सूरत-मुंद्रा/मुंबई पोर्ट कॉरिडोर विकसित किया जाए।

   •   MSME निर्यातकों को डिजिटल एक्सपोर्ट प्लेटफॉर्म, मार्केट लिंक, और सब्सिडी दी जाए।

 व्यापारी हितों की सुरक्षा हेतु “नेशनल टेक्सटाइल ट्रेड प्रोटेक्शन पॉलिसी” लागू हो

   •   लगातार बढ़ रहे व्यापारिक धोखाधड़ी, बिचौलियों की ठगी और साइबर अपराध को रोकने के लिए मजबूत कानून और Suraksha Setu App जैसे उपायों को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाए।

डिज़ाइन, ब्रांडिंग और स्किलिंग का समर्थन

   •   सूरत में टेक्सटाइल डिजाइन सेंटर, फैशन टेक्नोलॉजी हब और R&D लैब्स स्थापित किए जाएं।

   •   MSME को ब्रांड निर्माण, पैकेजिंग, अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर के लिए अनुदान मिले।

 केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्रालय के अंतर्गत “टेक्सटाइल एक्शन टास्क फोर्स” बने

   •   उद्योग प्रतिनिधियों, सरकार, निर्यातकों और MSME इकाइयों को साथ लेकर हर तिमाही समीक्षा और क्रियान्वयन हो।

 चम्पालाल बोथरा (राष्ट्रीय चेयरमैन , CAIT टेक्सटाइल & गारमेंट कमेटी) ने कहा की 

“सूरत केवल टेक्सटाइल की मंडी नहीं, बल्कि भारत की टेक्सटाइल शक्ति है। यदि सरकार योजना, नीति और समर्थन के साथ आगे बढ़े तो हम भारत को 100 अरब डॉलर टेक्सटाइल एक्सपोर्ट क्लब में शामिल कर सकते हैं।”

कैट टेक्सटाइल एंड गारमेंट कमेटी, सरकार, नीति-निर्माताओं और सभी व्यापारी संगठनों से अपील करती है कि वे मिलकर सूरत को टेक्सटाइल एक्सपोर्ट की राजधानी बनाने के प्रयास को सफल बनाएं।