नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने नर्सिंग घोटाले पर फिर उठाये सवाल, बोले, असली गुनहगारों पर कब होगी कार्रवाई...

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने नर्सिंग घोटाले पर फिर उठाये सवाल, बोले, असली गुनहगारों पर कब होगी कार्रवाई...

MP News: मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक बार फिर नर्सिंग घोटाले को लेकर मोहन यादव सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस घोटाले को न केवल प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर कलंक करार दिया, बल्कि सरकार पर लीपापोती और असली गुनहगारों को बचाने का गंभीर आरोप लगाया।

सिंघार ने सवाल उठाया कि रजनी नायर को हटाना एक दिखावटी कार्रवाई है, और लीला नलवंशी की नियुक्ति के पीछे सरकार की मंशा संदिग्ध है। उन्होंने मांग की कि भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं पर तत्काल कार्रवाई की जाए, ताकि छात्रों और मरीजों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोका जा सके। यह मामला अब न केवल प्रशासनिक विफलता का प्रतीक बन गया है, बल्कि यह मध्य प्रदेश की सियासत में भी एक बड़ा मुद्दा बन चुका है।

मध्य प्रदेश का नर्सिंग घोटाला पिछले कुछ वर्षों में सामने आया सबसे बड़े घोटालों में से एक है। 2020-21 के दौरान कोरोना काल में कई नर्सिंग कॉलेजों को नियमों को ताक पर रखकर मान्यता दी गई। मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी और चिकित्सा शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार, नर्सिंग कॉलेजों के लिए 40,000 स्क्वायर फीट जमीन और 100 बेड का अस्पताल होना अनिवार्य है। इसके बावजूद, दर्जनों कॉलेजों को बिना किसी बुनियादी ढांचे के मान्यता दे दी गई। सीबीआई जांच में सामने आया कि 308 नर्सिंग कॉलेजों में से 66 कॉलेज पूरी तरह अनुपयुक्त थे, 73 में बुनियादी ढांचे की कमी थी, और केवल 169 कॉलेज ही मानकों पर खरे उतरे।

सीसीटीवी फुटेज गायब, फाइलें गायब, बैकडेट में फर्जी नामांकन, और बिना छात्रों के कॉलेजों में एनरोलमेंट जैसे चौंकाने वाले खुलासे इस घोटाले की गहराई को दर्शाते हैं। इस घोटाले के परिणामस्वरूप हزارों छात्रों का भविष्य अंधेरे में है, और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं। 2023-24 सत्र में नर्सिंग कॉलेजों में एक भी दाखिला नहीं हुआ, जो इस घोटाले के बाद छात्रों के टूटे भरोसे का सबूत है।

उमंग सिंघार का तीखा हमला

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने 17 अप्रैल 2025 को X पर एक पोस्ट में सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए लिखा, "नर्सिंग घोटाले में 70 पर जांच... लेकिन असली गुनहगार अब तक आज़ाद! ये सिर्फ एक घोटाला नहीं, मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर कलंक है। रजनी नायर को हटाना दिखावटी कार्रवाई है, असली सवाल ये है - क्या अब तक की भर्ती में शामिल भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं पर कोई कार्रवाई होगी?"

सिंघार ने इस घोटाले में सत्ताधारी नेताओं और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने लीला नलवंशी की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह जांच को प्रभावित करने की कोशिश हो सकती है। सिंघार ने सरकार से निम्नलिखित सवाल पूछे:

दोषियों को सजा कब मिलेगी?

छात्रों और मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वालों पर कार्रवाई कब होगी?

जनता को कब तक अंधेरे में रखा जाएगा?

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने इस घोटाले पर पहले चुप्पी साधी, और अब लीपापोती की कोशिश कर रही है। "जनता जानना चाहती है कि सरकार की चुप्पी किसे बचाने के लिए है?" उन्होंने जोर देकर कहा।

भविष्य की चुनौतियां और मांगें

यह घोटाला मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस घोटाले की जड़ें निजीकरण और निगरानी की कमी में हैं। लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने कहा, "यह घोटाला सिर्फ कॉलेजों तक सीमित नहीं है। यह एक सिस्टमिक विफलता है, जिसमें नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत शामिल है।"

उमंग सिंघार ने की ये मांग

असली गुनहगारों पर तत्काल कार्रवाई।

छात्रों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था, जैसे उनकी डिग्री को मान्यता देना या अन्य कॉलेजों में स्थानांतरण।

नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया में पारदर्शिता और कड़े नियम।

जांच को तेज करना और सीबीआई पर दबाव खत्म करना।