भगोड़ा मेहुल चोकसी हुआ गिरफ्तार, जल्द लाया जाएगा भारत
भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद पीएनबी बैंक ऋण घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है। ईडी और सीबीआई के अनुरोध पर बेल्जियम ने यह एक्शन लिया है। भारत छोड़ने के बाद मेहुल 2018 से एंटीगुआ में रह रहा था। इसके बाद पिछले साल उसकी लोकेशन बेल्जियम में मिली थी। कुछ समय पहले ही उसके खिलाफ इंटरपोल नोटिस हटा लिया गया था।

नई दिल्ली:कैंसर से पीड़ित भारतीय हीरा व्यवसायी मेहुल चोकसी की लीगल टीम खराब स्वास्थ्य को आधार बनाकर उसकी रिहाई के लिए कोर्ट में अपील दायर करेगी.
भगोड़े भारतीय व्यवसायी मेहुल चोकसी की बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद उनके वकील विजय अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि वे व्यवसायी को हिरासत से रिहा करने के लिए अपील दायर करेंगे. क्योंकि उनका स्वास्थ्य खराब है और कैंसर का इलाज चल रहा है.
चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने दिल्ली में एएनआई को बताया कि "मेरे मुवक्किल मेहुल चोकसी को बेल्जियम में अरेस्ट किया गया है और फिलहाल वह हिरासत में हैं. हम इस गिरफ्तारी के खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे. हम अनुरोध करेंगे कि उसे जेल से बाहर निकाला जाए. याचिका में उसका खराब स्वास्थ्य बेसिक बात होगी. वह कैंसर का इलाज करा रहा है और निश्चित रूप से उसके भागने का कोई खतरा नहीं है."
मेहुल की कानूनी टीम का कहना है कि चोकसी के पास प्रत्यर्पण अनुरोध को चुनौती देने के लिए कई मजबूत वजहें हैं. इनमें अन्य तर्कों के अलावा उसकी स्वास्थ्य स्थिति का हवाला दिया गया है.
चोकसी की विधिक टीम का कहना है कि "ये कोई दबाव नहीं है. यह एक प्रक्रिया है. मेहुल के खिलाफ साल 2018 से गैर-जमानती वारंट जारी है. प्रत्यर्पण के लिए यह एक शर्त है कि एक ओपन-एंडेड, गैर-जमानती वारंट होना चाहिए. इससे पहले, उन्होंने उसे डोमिनिका से लेने की कोशिश की, जहां वे असफल रहे. तो फिर, डोमिनिकन कोर्ट के आदेश से, मेरे मुवक्किल का इलाज एंटीगुआ में हो रहा था. अपने इलाज के लिए, उन्हें बेल्जियम जाना पड़ा, और वे वहां कैंसर का इलाज करवा रहे हैं. गिरफ्तारी एक प्रक्रिया है.
मेहुल चोकसी की लीगल टीम के विजय अग्रवाल ने कहा कि जब भी किसी द्विपक्षीय संधि किए हुए देश से दूसरे देश से प्रत्यर्पण का अनुरोध किया जाता है. सबसे पहले, व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. इसके बाद गिरफ्तार किए व्यक्ति को यह दिखाना होगा कि उसके सामुदायिक संबंध हैं. साथ ही ये दिखाना होगा कि उसके भागने का जोखिम नहीं है. इसके अलावा उसकी कोई चिकित्सा स्थिति है. इसलिए यही एकमात्र आधार है."
गौर करें ते 65 वर्षीय भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी 2 जनवरी, 2018 को भारत छोड़कर चला गया था. वह पीएनबी से 13,850 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में सीबीआई और ईडी के रडार पर था. इतना ही नहीं इस धोखाधड़ी में उसका भतीजा नीरव मोदी भी शामिल था.
मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी के बाद पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के व्हिसलब्लोअर हरिप्रसाद एसवी ने कहा कि भारत के लिए चोकसी को वापस घर लाना बहुत कठिन होगा. इसके पीछे रीजन ये है कि वो इस प्रक्रिया से बचने के लिए यूरोप में अच्छे वकीलों को नियुक्त करेगा.
हरिप्रसाद ने एएनआई से बात करते हुए उस समय को याद किया जब चोकसी डोमिनिका में पकड़े जाने पर इस प्रक्रिया से बचने में सफल रहा था. उन्होंने कहा, "प्रत्यर्पण कोई आसान काम नहीं. चोकसी का बटुआ भरा हुआ है और वह इस प्रक्रिया से बचने के लिए यूरोप के सबसे अच्छे वकीलों को नियुक्त करेगा. जैसा कि भगोड़ा भारतीय बिजनेसमैन विजय माल्या कर रहा है. मुझे नहीं लगता कि भारत के लिए उसे वापस लाना आसान होगा."
व्हिसल ब्लोवर हरि प्रसाद ने कहा कि चोकसी ने कम से कम 100 फ्रेंचाइज़ियों को धोखा दिया है और उनमें से अधिकतर ने भारत के कई शहरों में मामले दर्ज किए हैं. हरिप्रसाद ने कहा, "भारत में कानूनी व्यवस्था निस्संदेह बहुत अच्छी है, लेकिन प्रत्यर्पण प्रक्रिया उस देश पर निर्भर करती है, जिसके साथ हम काम कर रहे हैं. यह मामला आसान नहीं होने वाला है, क्योंकि उसके पास बहुत पैसा है."