टाइगर की खाल से लेकर करोड़ों की संपत्ति तक: छापे में सरकारी अफसर निकला 'धनकुबेर' , EOW की छापेमारी में अकूत दौलत का खुलासा
ईओडब्ल्यू ने आदिम जाति कल्याण विभाग के उपायुक्त के घर से टाइगर की खाल, 18.41 लाख के जेवर, लाखों की नकदी, महंगी शराब और करोड़ों की संपत्ति बरामद की। आरोपी पर वन्य प्राणी और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

EOW की तरफ से इस बारे में एक प्रेस नोट जारी करते हुए बताया गया कि विभाग टीमों ने जबलपुर में उनके आधिकारिक और पैतृक निजी आवासों, भोपाल स्थित एक घर और फ्लैट व सागर में आधिकारिक आवास पर तलाशी ली।
मध्य प्रदेश EOW (आर्थिक अपराध शाखा) ने आदिम जाति कल्याण विभाग के उपायुक्त के तीन शहरों में स्थित ठिकानों पर छापेमारी करते हुए करीब पौने सात करोड़ रुपए की संपत्ति का पता लगाया। यह कार्रवाई दो दिन चली। आरोपी अधिकारी का नाम जगदीश प्रसाद सरवटे है, जो कि फिलहाल सागर जिले में पदस्थ है। अधिकारियों ने बताया कि तलाशी के दौरान अधिकारी के पास से एक बाघ की खाल भी बरामद हुई, जिसका इस्तेमाल वह खुद के बैठने के लिए करता था।
जीवनभर की कुल वैध कमाई 1.57 करोड़
मामले की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि सरवटे के खिलाफ भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई। आरोपी अधिकारी के पास फिलहाल सागर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग का अतिरिक्त प्रभार था। विभाग का कहना है कि आरोपी अधिकारी की वैध स्रोतों से जीवनभर की आय 1 करोड़ 57 लाख रुपए है, जबकि उसके पास अबतक कुल 6.75 करोड़ रुपए की संपत्ति होने का पता चला है। जबकि कई संपत्तियों की जांच होना अभी बाकि है।
छापे के दौरान बाघ की खाल के साथ 6.75 करोड़ की संपत्ति बरामद
इस छापे के बारे में विभाग की तरफ से सोशल मीडिया पर की एक पोस्ट में बताया गया, ‘आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ जबलपुर द्वारा जगदीश प्रसाद सरवटे उपायुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग, जबलपुर के विरुद्ध भ्रष्टाचार से करोड़ों रुपए की अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के संबंध में उनके जबलपुर एवं भोपाल स्थित आवासों पर छापा कार्रवाई की गई। इस दौरान करोड़ों रुपए की संपत्ति का खुलासा हुआ है। उक्त छापा कार्रवाई के दौरान आरोपी जगदीश प्रसाद सरवटे के सागर स्थित आवास पर खोजबीन के दौरान बाघ की खाल बरामद की गई तथा दो दिन की कार्रवाई में कुल 6 करोड़ 75 लाख 72 हजार 295 रुपए की चल-अचल अनुपातहीन संपत्ति का खुलासा हुआ है।’
विभाग की तरफ से इस बारे में एक प्रेस नोट जारी करते हुए बताया गया कि EOW की टीमों ने जबलपुर में उनके आधिकारिक और पैतृक निजी आवासों, भोपाल में एक घर और फ्लैट व सागर में आधिकारिक आवास पर तलाशी ली। इस दौरान चल और अचल संपत्ति, घरेलू सामान सूची, आभूषण, नकदी, बैंक और बीमा दस्तावेजों से संबंधित दस्तावेजों की जांच के बाद कुल 1,08,740 रुपए की 56 बोतल महंगी शराब, एक कार और दोपहिया वाहन समेत 6.75 करोड़ रुपए की संपत्ति का पता चला है। अधिकारी के पास 3.17 करोड़ रुपए की 17 अचल संपत्तियां, 8.35 लाख रुपए नकद, मकान, भोपाल और जबलपुर में एक-एक फ्लैट और 43 लाख रुपए से अधिक के घरेलू सामान भी पाए गए हैं।
भोपाल के फ्लैट की नहीं हो सकी जांच
EOW ने बताया कि भोपाल में कोरलवुड स्थित आरोपी के फ्लैट की सर्च कार्रवाई कब्जाधारी की उपस्थिति के अभाव में बाकी है और इस वजह से फ्लैट को सील कर दिया गया है। इसके साथ ही बुधवार को सरवटे के जबलपुर के आधारताल इलाके में स्थित पैतृक घर से 5 फीट 5 इंच लंबी और 5 फीट 3 इंच चौड़ी बाघ की खाल भी बरामद की गई। इसे वन विभाग ने जब्त कर लिया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य वन अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक अनिरुद्ध मजूमदार ने पुष्टि की कि यह बाघ की खाल थी।
विभाग ने बताया कि आरोपी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (बी) और 13 (2) (एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार) के तहत मामला दर्ज किया गया है।