नकली गन लाइसेंस घोटाला, ADM की सील-साइन से बनाई गई फर्जी डायरी,जांच में जुटी पुलिस, 4 लोग हिरासत में

ग्वालियर में बंदूक लाइसेंस फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां तीन पिस्टल और रिवॉल्वर लाइसेंस फर्जी पाए गए हैं, जो प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं.

नकली गन लाइसेंस घोटाला, ADM की सील-साइन से बनाई गई फर्जी डायरी,जांच में जुटी पुलिस, 4 लोग हिरासत में

ग्वालियर में गन लाइसेंस के फर्जीवाड़े का चौंकाने वाला मामला. ठगों ने ADM के साइन और सील लगी फर्जी लाइसेंस डायरियां बनाईं.

ग्वालियर :ग्वालियर चंबल अंचल में बंदूकों का शौक किसी से ही छिपा नहीं है. शायद यही वजह है कि अब दूध, पनीर और मावा की तरह चंबल में हथियार के लाइसेंस भी नकली बनने लगे हैं. देश में संभवतः ये पहली बार होगा जब नकली हथियार लाइसेंस पकड़ में आए हैं. वह भी तीन तीन.

इन दिनों मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्रशासन का आर्म्स डिपार्टमेंट सकते में हैं. क्योंकि ग्वालियर में कोई असली जैसे हुबहू नकली लाइसेंस तैयार कर रहा है. कई लोग ठगों के झांसे में आकर नकली लाइसेंस थामे बंदूकों के साथ घूम रहे हैं. ऐसे कुछ मामले ग्वालियर कलेक्ट्रेट में भी पहुचे हैं. जिसकी एक बड़ी वजह सामने आई है.

एक साल से लाइसेंस बनाने पर लगी है रोक

पिछले एक साल से ग्वालियर चंबल अंचल में शस्त्र लाइसेंस बनाने पर रोक लगी हुई है. क्योंकि काफी समय से अंचल में आत्मरक्षा के लिए जारी होने वाले लाइसेंसी हथियारों से कुछ जगहों पर आपराधिक गतिविधियां पाई गई हैं. जिसके बाद से ही बंदूक-पिस्टल जैसे हथियार के लाइसेंस नहीं बनाए जा रहे हैं. इसी बात का फायदा अब हथियार माफिया उठा रहे हैं और लोगों को नकली लाइसेंस बनाकर दे रहे हैं. ऐसे ही तीन लाइसेंस के आधार पर प्रशासन जांच में जुटा हुआ है.

अब तक तीन डायरी आई पकड़ में

जांच में पता चला है कि, ऐसी तीन डायरी अब तक सामने आ चुकी हैं जो इस फर्जीवाड़े का प्रमाण हैं. इन लाइसेंस डायरियों को हाथ से लिखा गया है, इन लाइसेंस पर अपर कलेक्टर और कलेक्टर के सिग्नेचर और सील भी लगायी गई है. तीनों ही लाइसेंस आवेदक ग्वालियर के रहने वाले हैं. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इन तीनों ही लोगों से लाइसेंस बनवाने के नाम पर ठगी की गई होगी.

ADM बोले, जांच करा रहे हैं

इस मामले की जांच कर रहे ADM टीएन सिंहने बताया कि, ''इस फर्जीवाड़े के बारे में सोशल मीडिया के जरिए पता चला. कुछ स्क्रीन शॉट भी उनके पास आए हैं जो के इन नकली लाइसेंसों के थे. जिनमें दो 315 बोर की बंदूक के लाइसेंस और एक पिस्टल का लाइसेंस था. बताया गया कि यह बाह्य कलेक्ट्रेट से जारी हुए हैं. लेकिन इस तरह के कोई भी लाइसेंस यहां से जारी नहीं हुए. इस जानकारी के आधार पर हमने जांच शुरू की है और इन लाइसेंस धारकों से संपर्क कर उन्हें बुलाया है कि जिससे इस फर्जीवाड़े की तह तक जाया जा सके.''

4 लोग पुलिस हिरासत में

वहीं लाइसेंस फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद ADM ने जांच के आदेश दिए हैं और चारों संदिग्ध को ग्वालियर की यूनिवर्सिटी थाना पुलिस के हवाले कर दिया है. फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

फर्जीवाड़ा हुआ भंडाफोड़

गृह मंत्रालय द्वारा बंदूक लाइसेंस को लेकर की जा रही सख्ती के बीच यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है. इससे स्पष्ट होता है कि जिले में प्रशासनिक स्तर पर निगरानी की कमी रही है. मामले के सामने आते ही ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने तुरंत जांच के निर्देश दिए हैं और संभावना जताई जा रही है कि आगे जांच में और भी फर्जी लाइसेंसों का खुलासा हो सकता है.