एक्शन में सीएम मोहन : बिजली कंपनी के CGM पर गिरी गाज,किसानों को 10 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं... 24 घंटे में रद्द हुआ 'सैलरी काटो' आदेश
MP में बिजली कंपनी के CGM ने आदेश दिया था कि अगर किसी कृषि फीडर पर 10 घंटे से अधिक बिजली सप्लाई दी जाती है, तो इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और संबंधित कर्मचारियों की वेतन कटौती की जाएगी.
मध्य प्रदेश के मुखिया सीएम मोहन यादव ने किसानों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए बड़ा एलान किया है, उन्होंने 10 घंटे बिजली आपूर्ति के विवाद के बाद लिया बड़ा एक्शन
भोपाल,मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अन्नदाता किसानों का हित सरकार के लिए सर्वोपरि है। किसानों के कल्याण और हित संरक्षण के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्धता रखती है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को मीडिया को जारी अपने संदेश में स्पष्ट किया कि प्रदेश के किसानों को हर हाल में 10 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।डॉ. यादव ने कहा कि जिस सर्क्यूलर को लेकर जनसामान्य और किसानों के बीच भ्रम की स्थिति बनी थी, उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। साथ ही उस विवादित सर्कुलर को जारी करने वाले सीजीएम अजय कुमार जैन को हटा दिया हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक संवेदनशील और किसान हितैषी सरकार कार्यरत है, जो किसानों की तकलीफों को समझते हुए उनके हित में लगातार निर्णय ले रही है। सरकार का लक्ष्य किसानों की आमदनी बढ़ाने, सिंचाई और बिजली की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने का है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दोहराया कि अन्नदाता की समृद्धि ही प्रदेश की समृद्धि है। किसानों को किसी भी स्थिति में असुविधा न हो, इसके लिए सभी विभागों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
बता दें मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड ने कृषि फीडरों पर 10 घंटे से अधिक बिजली आपूर्ति करने पर सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी जारी की थी। मुख्य महाप्रबंधक (सेवा/सेवाएं) आरएस जैन द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि यदि किसी माह में कृषि फीडरों पर निर्धारित अवधि से अधिक बिजली आपूर्ति दी गई, तो संबंधित ऑपरेटर से लेकर महाप्रबंधक (GM) स्तर तक के अधिकारियों का वेतन काटा जाएगा। इसके बाद विपक्ष ने किसानों के लिए बिजली नहीं होने का मुद्दा बनाते हुए सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। इस बीच कंपनी की तरफ से स्पष्टीकरण भी जारी किया था। हालांकि अब कंपनी ने संबंधित आदेश को निरस्त कर दिया है।
किसानों को दी जाएगी 10 घंटे बिजली
दरअसल, राज्य सरकार ने किसानों को 10 घंटे बिजली देने का वादा किया था. इसके बाद बिजली विभाग के एक मुख्य अभियंता ने विवादित पत्र जारी कर दिया, जिसमें कहा गया था कि किसानों को अगर 10 घंटे से ज्यादा बिजली मिली तो संबंधित क्षेत्र के बिजली कर्मचारी को वेतन काटने जैसी सजा दी जाएगी. बिजली विभाग के मुख्य अभियंता का यह पत्र सार्वजनिक होने के बाद सरकार के किसानों को 10 घंटे बिजली देने वाले दावे पर न केवल सवाल उठे थे, बल्कि विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सरकार पर हमला बोला था. यह पूरा मामला जैसे ही सरकार के संज्ञान में आया, तो आदेश जारी करने वाले मुख्य अभियंता को हटा दिया गया.
बिजली विभाग के मुख्य अभियंता के इस लिखित आदेश से राज्य में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी, परिणामस्वरुप मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए निर्देश के आधार पर आदेश को ही निरस्त कर दिया गया. बिजली विभाग के मुख्य अभियंता का यह आदेश सामने आया तो कांग्रेस भी हमलावर हो गई थी और आरोप लगाया था कि राज्य में सरप्लस बिजली होने का सरकार दावा करती है, मगर स्थानीय निवासियों को ही पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है.
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस