लालू-तेजस्वी को लगा तगड़ा झटका, स्टार प्रचारक भाजपा में शामिल, एक साथ 50 से ज्यादा नेताओं ने दिया इस्तीफा
बिहार के सारण जिले में राजनीतिक उलटफेर देखने को मिला है। परसा के राजद विधायक छोटेलाल राय जदयू में शामिल हो गए हैं, वहीं बनियापुर के राजद विधायक केदारनाथ सिंह भाजपा में शामिल हो गए हैं। दोनों विधायकों को उनकी नई पार्टियों ने तुरंत टिकट भी दे दिया है। इस घटना ने बिहार की राजनीति में सरगर्मी बढ़ा दी है, जहाँ नेता अक्सर अपने सियासी भविष्य को देखते हुए पार्टियाँ बदलते हैं।
आरजेडी ने डॉ. अनिल सहनी को बिहार चुनाव 2025 के लिए राजद का स्टार प्रचारक बनाया था. ऐसे में बिहार चुनाव से पहले अनिल सहनी के इस्तीफे को आरजेडी के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है.
बिहार चुनाव 2025 से ठीक पहले राजद (RJD) को एक और बड़ा झटका लगा है. दरअसल आरजेडी के वरिष्ठ नेता, पूर्व विधायक और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल सहनी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मांगनी लाल मंडल को सौंपा है. बता दें, आरजेडी ने डॉ. अनिल सहनी को बिहार चुनाव के लिए राजद का स्टार प्रचारक बनाया था. ऐसे में अनिल सहनी के इस्तीफे को आरजेडी के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है.
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को दरभंगा में भी बड़ा झटका लगा है. पार्टी के अति पिछड़ा वर्ग से जुड़े करीब 50 नेताओं ने सामूहिक रूप से अपने पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इन नाराज़ नेताओं का कहना है कि टिकट बंटवारे में अति पिछड़ा समाज की जानबूझकर उपेक्षा की गई और सिर्फ ज्यादा पैसे वाले बाहरी उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी गई.
पार्टी सिर्फ वोट बैंक के लिए इस्तेमाल करती है’
दरभंगा में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस्तीफा देने वाले इन नेताओं ने RJD के शीर्ष नेतृत्व पर तीखे आरोप लगाए. RJD अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. कुमार गौरव ने मीडिया को बताया कि अति पिछड़ा समाज के कार्यकर्ता वर्षों से पार्टी के लिए जी-जान लगा रहे थे, लेकिन जब उन्हें प्रतिनिधित्व देने की बारी आई, तो उन्हें किनारे कर दिया गया. उन्होंने दुख जताया कि आरजेडी ने हमेशा इस समाज को केवल वोट बैंक समझा, जबकि जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को नज़रअंदाज़ कर दिया गया.
डॉ. कुमार गौरव ने कहा कि अब पार्टी में विचारधारा या सामाजिक भागीदारी नहीं, बल्कि व्यक्ति-विशेष की चापलूसी और आर्थिक ताकत ही सब कुछ है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दरभंगा जिले के कुछ वरिष्ठ नेता केवल अपने और अपने परिवार के हित साधने में लगे हुए हैं, और टिकट न मिलने पर किसी ने भी उनसे फोन तक पर बात करने की ज़हमत नहीं उठाई.
चुनावी वादे हवा हुए, समर्पित कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा
इस्तीफा देने वाले नेताओं ने याद दिलाया कि चुनाव से पहले पार्टी के मंचों से यह घोषणा की जाती थी कि टिकट ‘सर्वे रिपोर्ट’ और ‘सामाजिक भागीदारी’ के आधार पर दिया जाएगा. लेकिन पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष और RJD नेता भोला सहनी के अनुसार, ‘ये सभी घोषणाएं केवल भाषणों तक सीमित रहीं.’ भोला सहनी ने कहा कि वर्षों से समर्पित और ईमानदार कार्यकर्ताओं का मनोबल लगातार टूट रहा है, और यह असंतोष चुनाव में RJD के प्रदर्शन को सीधे तौर पर नुकसान पहुँचाएगा.
सामूहिक इस्तीफा देने वाले इन 50 से अधिक नेताओं में प्रदेश और जिला स्तर के पदाधिकारी, प्रखंड अध्यक्ष, और पंचायत स्तर के कई महत्वपूर्ण नेता शामिल हैं. राजनीतिक गलियारों में इसे RJD के लिए एक बड़ा संकट माना जा रहा है, क्योंकि यह घटना तब हुई है जब चुनाव प्रचार ज़ोरों पर है. इन नेताओं ने साफ कर दिया है कि वे जल्द ही अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे और अन्य राजनीतिक विकल्पों पर विचार करेंगे.
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस