मुख्यमंत्री मोहन यादव के बड़े भाई ने जीतू पटवारी को भेजा 10 करोड़ का मानहानि नोटिस…

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी द्वारा नारायण यादव पर की गई टिप्पणी को लेकर विवाद गहराया। नारायण यादव, मुख्यमंत्री मोहन यादव के भाई, ने पटवारी को 10 करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा। आरोप है कि पटवारी ने उन्हें टैक्स उगाही से जोड़कर सार्वजनिक रूप से बदनाम किया।

मुख्यमंत्री मोहन यादव के बड़े भाई ने जीतू पटवारी को भेजा 10 करोड़ का मानहानि नोटिस…

उज्जैन की बड़नगर तहसील में आयोजित एक सभा के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। वीडियो में पटवारी ने दावा किया कि सिंहस्थ को देखते हुए उज्जैन में होटल व्यवसाय शुरू करने वाले लोगों से 20 प्रतिशत 'नारायण टैक्स' वसूला जा रहा है।

उन्होंने मंच से कहा कि यह टैक्स हर उस व्यक्ति से लिया जा रहा है जो होटल बना रहा है, ठेकेदारी कर रहा है या शराब व्यवसाय में लगा है। उन्होंने इस टैक्स को भोलेनाथ की नगरी के नाम पर लगाया गया ‘नारायण टैक्स’ बताया।

पटवारी के इस बयान पर अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बड़े भाई नारायण यादव ने कड़ा एतराज जताते हुए 10 करोड़ रुपए का मानहानि नोटिस भेजा है। नोटिस एडवोकेट वीरेंद्र शर्मा के माध्यम से भेजा गया है।

इंदौर में भी नारायण टैक्स की हवा आ रही है वीडियो में जीतू पटवारी श्रीमन नारायण-नारायण भजन गाते हुए नजर आ रहे हैं। वे कह रहे हैं कि जमीन का कोई धंधा कर लो तो नारायण टैक्स लग जाता है। इंदौर में भी नारायण टैक्स की हवा आ रही है, वहां भी एक दयालु बाबा थे, जिनका टैक्स लगता था। अब नारायण भैया ने भी खुद का नाम दयालु बाबा रख लिया है।

नारायण बोले- जनता में मेरी छवि को नुकसान पहुंचा मुख्यमंत्री के बड़े भाई नारायण यादव की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी ने सार्वजनिक मंच से उन्हें टैक्स वसूली से जोड़ते हुए दुर्भावनापूर्ण तरीके से उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया है। इस बयान के बाद प्रदेश भर से लोगों के कॉल आ रहे हैं, जिससे उन्हें मानसिक पीड़ा हो रही है।

नोटिस में लिखा-बयान देकर जनता को गुमराह किया नोटिस में लिखा गया है कि जीतू पटवारी ने जनता के बीच उन्हें टैक्स वसूली में लिप्त व्यक्ति के रूप में प्रचारित किया, जो उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि पटवारी प्रदेश के एक प्रमुख राजनीतिक पद पर आसीन हैं, बावजूद इसके उन्होंने गैर जिम्मेदाराना बयान देकर जनता को गुमराह किया।

आपराधिक मंशा से दिया गया बयान, दुर्भावनापूर्ण था नोटिस में यह भी कहा गया है कि पटवारी का यह कृत्य भारतीय दंड संहिता की धारा-356 के अंतर्गत आता है, जो कि एक आपराधिक कृत्य है। नारायण यादव की ओर से कहा गया है कि यह बयान पूरी तरह से पूर्व नियोजित और दुर्भावनापूर्ण था, जिसका उद्देश्य राजनीतिक लाभ के लिए उनकी छवि धूमिल करना है।

10 करोड़ मुआवजा मांगा, वर्ना कानूनी कार्रवाई एडवोकेट वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि नोटिस में कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के साथ ही तत्काल 10 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति राशि अदा करने की मांग की गई है।

इसके अलावा नोटिस भेजने पर आए खर्च के रूप में एक लाख रुपए अलग से मांगे गए हैं।

नोटिस में साफ कहा गया कि आप स्वयं जो कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर आसीन हैं उसके बावजूद आपने मेरे पक्षकार को टैक्स उगाई करने वाले व्यक्ति के रूप में भरी सभा में प्रचारित किया। आपके कृत्य से आपकी अपराधिक मनोदशा इंगित हो रही है। आप यह जानते थे कि जो कृत्य आप कर रहे हैं वह भारतीय न्याय संहिता की धारा 356 के अंतर्गत आता है जो की एक दंडनीय अपराध है। नोटिस में स्पष्ट लिखा गया कि जो अपराध आपने किया है उसके लिए मेरा पक्षकार सक्षम न्यायालय में उचित कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है , साथ ही सार्वजनिक रूप से की गई ठीक टीका टिप्पणी, मानहानि कारक शब्दों के उच्चारण, सोशल साइट पर प्रशासन के लिए मेरे पक्षकार को तत्काल 10 करोड़ रुपए की राशि अदा की जाए।