क्या बृजभूषण परिवार की राजनीतिक रणनीति से यूपी में मचेगा सियासी भूचाल?सीएम योगी से मुलाकात, 2027 की सियासत में उथल-पुथल के आसार!

पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की, जबकि एक दिन पहले बृजभूषण खुद सीएम योगी से मिले थे. राजनीतिक अटकलें तेज, बृजभूषण ने कहा 'कोई राजनीतिक बात नहीं'.

क्या बृजभूषण परिवार की राजनीतिक रणनीति से यूपी में मचेगा सियासी भूचाल?सीएम योगी से  मुलाकात, 2027 की सियासत में उथल-पुथल के आसार!

सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बताया कि इस मुलाकात के दौरान उनके बीच क्या बात हुई. बृजभूषण के मुताबिक, वो 31 महीने बाद योगी से मिले. हालांकि, इसमें कुछ भी पॉलिटिकल नहीं था.

सीएम योगी आदित्यनाथ संग मुलाकात पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि हम दोनों (मैं और योगी) खड़ा नमक हैं. वह बड़े हैं तो झुकना उन्हीं को पड़ेगा. मेरा क्या है- कबिरा खड़ा बाजार में, सबकी मांगे खैर.... झुकना तो बड़े को ही पड़ेगा. उनकी तरफ से बुलावा आया तो चले गए मिलने. हम दोनों 55 मिनट तक बैठे. जब दिल मिल जाए तो वक्त का पता नहीं चलता. 

उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों बृजभूषण शरण सिंह परिवार की सक्रियता ने सबका ध्यान खींचा है. पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे और विधायक प्रतीक भूषण शरण सिंह मंगलवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सरकारी आवास पहुंचे और उनसे मुलाकात की. इस बैठक के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब इससे ठीक एक दिन पहले यानी सोमवार को खुद बृजभूषण शरण सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी.

हालांकि, बृजभूषण परिवार और सरकार के बीच हुई इन दोनों मुलाकातों को लेकर कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. मगर राजनीतिक पंडितों और मीडिया में इस बात को लेकर अटकलें तेज हैं कि ये बैठकें आगामी विधानसभा चुनाव या पार्टी के संगठनात्मक स्तर पर होने वाले किसी बड़े फेरबदल से संबंधित हो सकती हैं. भाजपा नेतृत्व से बृजभूषण परिवार का यह करीबी संवाद एक बार फिर सुर्खियों का केंद्र बन गया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपनी मुलाकात के बाद, पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने स्वयं मीडिया के सामने आकर स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया. उन्होंने बताया कि यह मुलाकात 31 महीने बाद हुई है और इसमें "कुछ भी राजनीतिक नहीं था." बृजभूषण ने इसे "अपना गम-शिकवा बांटना" करार दिया और जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री से उनके संबंध 56 साल पुराने हैं.

आरोपों के बाद की दूरी और अब आमंत्रण पर मुलाकात:

बृजभूषण ने यह भी बताया कि जनवरी 2023 में जब उन पर आरोप लगे थे, तभी से उनकी मुख्यमंत्री योगी से कोई बातचीत नहीं हुई थी. उन्होंने स्पष्ट किया, "जब मुझ पर आरोप लगे थे, तभी मैंने तय कर लिया था कि यह लड़ाई मेरी है और इसे मैं खुद लड़ूंगा." उसी दौरान मुख्यमंत्री योगी का एक कार्यक्रम रद्द हो गया था और तभी से बृजभूषण ने उनसे दूरी बनाए रखी थी. उन्होंने आगे कहा, "मैंने तभी ठान लिया था कि अब जब वे (मुख्यमंत्री) बुलाएंगे, तभी मिलने जाऊंगा. अब जब उन्होंने मुझे बुलाया, तो मैं मिलने चला गया." मुलाकात के विषय पर उन्होंने एक बार फिर कहा, "आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि एक परिवार के दो लोगों ने अपने गम और शिकवे साझा किए. इसमें कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है."