झांसी जिले का स्वीकृत प्रतापपुरा मौरंग खंड जालौन से हो रहा संचालित,अधिकारी मौन

झांसी जिले का स्वीकृत प्रतापपुरा मौरंग खंड जालौन से हो रहा संचालित,अधिकारी मौन

उरई । झांसी जिले से अभी हाल ही में स्वीकृत हुआ मौरंग खंड जो जालौन जिले की सीमा से संचालित किया जा रहा है । प्रतापपुरा मौरंग खंड को जालौन जिले के कोटरा व सिकरी व्यास के बीच से अवैध रास्ता बनाकर संचालित किया जा रहा है इसमें भी गुंडई व दबंगई साफ दिखाई दे रही है सत्ता के नशे में चूर मौरंग माफिया दो जिलों की सीमा से खनन करते कम देखे गए होंगे लेकिन जालौन में यह देखने को मिल सकता है झांसी से स्वीकृत खंड प्रतापपुरा को झांसी जिले की सीमा से संचालित किया जाना चाहिए क्योंकि झांसी जिले से ही एमएम 11 जारी की जाती है वहीं से सरकारी पर्ची की चेकिंग की जाती है सरकारी धर्मकांटा भी झांसी की सीमा परिधि में लगेगा जो ओवरलोड को देखेगा लेकिन सारे नियम कानून मौरंग माफिया अपनी जेब में रखकर घूमता है। मौरंग माफिया के लिए सरकारी नियम कोई मायने नहीं रखता इसीलिए प्रतापपुरा खंड संचालक ने अपने स्वीकृत खंड को झांसी की सीमा से शुरू करने की बजाए जालौन जिला चुना जहां स्वीकृत क्षेत्र के अलावा भी खनन किया जा सके ।

जबकि अभी हाल ही जालौन गरौठा भोगनीपुर क्षेत्र के सांसद नारायण दास ने लोकसभा में एक प्रश्न उठाया था कि बुंदेलखंड में बेहतशा अवैध खनन किया जा रहा है जिससे नदियों के रुख को बड़ी बड़ी मशीनों के द्वारा मोड़ा जा रहा है ये प्रश्न एक लिहाज से सही है क्योंकि कोई भी ठेकेदार खनन स्वीकृत क्षेत्र के बाहर ही करता दिखाई देता है जो उसकी कमजोरी होती है । खनन पट्टा जब स्वीकृत होता है उस समय ठेकेदार व खनिज विभाग आपस में एक इकरारनामा करते है कि जिस जिले से पट्टा स्वीकृत है उसी जिले की सीमा के अंदर खनन किया जाएगा यदि स्वीकृत क्षेत्र से बाहर खनन करते पाए जाते है तो अवैध खनन माना जाएगा जिसमें पट्टा निरस्तीकरण की कार्रवाई भी हो सकती है । इसके अलावा विभाग द्वारा प्रत्येक जिले के लक्ष्य अलग अलग निर्धारित किया जाता है इसीलिए जिस जिले से पट्टा स्वीकृत है उसी जिले से खनन करना पड़ेगा दूसरे जिले की यदि सीमा प्रयोग में लाई जाती है तो जिलाधिकारी की अनुमति आवश्यक है जो झांसी जिले के प्रतापपुरा मौरंग खंड में नहीं है । जिलाधिकारी अनुमति तो है ही नहीं है साथ ही खनिज अधिकारी को मालूम होते हुए जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी को संज्ञान में नहीं डाला गया ।