पार्षद पतियों को लेडी कलेक्टर की फटकार :पहले कुर्सी से उठो, पीछे बैठो :बैठक में महिला पार्षदों की जगह बोल रहे थे पति,

ग्वालियर में महिला पार्षदों के स्थान पर बैठक में उनके पतियों के बोलने का मामला सामने आया है। कलेक्टर रुचिका चौहान को जब पता चला कि वह महिला पार्षदों के पति हैं, तो उन्हें फटकार लगाई और दर्शक दीर्घा में बैठा दिया।

पार्षद पतियों को  लेडी कलेक्टर की फटकार  :पहले कुर्सी से उठो, पीछे बैठो :बैठक में महिला पार्षदों की जगह बोल रहे थे पति,

नवरात्रि के पहले दिन ग्वालियर कलेक्टर का बड़ा संदेश. अपनी पार्षद पत्नियों की जगह बैठक में शामिल होने पहुंचे पार्षद पतियों को लगाई कड़ी फटकार.

ग्वालियर की जर्जर सड़कों को लेकर सोमवार को बाल भवन में बैठक बुलाई गई थी। जिसमें सभी पार्षदों और अधिकारियों को बुलाया गया था। कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय उनसे बात कर रहे थे। कलेक्टर ने सड़कों को लेकर पार्षदों से बात की, तो पार्षद के लिए तय स्थान पर बैठे लोगों ने समस्या गिनाना शुरू कर दिया। कलेक्टर ने उन्हें बीच में रोका और परिचय पूछा तो उन्होंने बताया कि वे पार्षद पति हैं।

इतना सुनकर कलेक्टर ने फटकार लगाई और पार्षदों के लिए निर्धारित स्थान से उठाकर दर्शक दीर्घा में बैठने को कहा। कलेक्टर ने साफ कहा कि अब महिलाएं सबल हैं, ऐसे में पत्नियों को ही काम करने दीजिए। नवदुर्गा के दिन चल रहे हैं ऐसे में महिला शक्ति की आवाज को दबाया नहीं जा सकता हैl बैठक में पार्षदों के साथ नगर निगम अधिकारी, PWD, मंडी बोर्ड, स्मार्ट सिटी के अधिकारी मौजूद थे।

महिलाओं को आरक्षण मिलता है वह अपनी जिम्मेदारी निभाएं कलेक्टर रुचिका चौहान ने इस मसले को लेकर कहा कि ग्वालियर नगर निगम हमारे प्रदेश के बड़े नगर निगमों में शामिल हैl यह फॉरवर्ड लुकिंग जिला रहा हैl बैठक के दौरान महिला पार्षदों के साथ उनके पति भी आए थेl हमने देखा कि यह सभी व्यवस्थाएं कुछ सोच समझकर ही डिसाइड हुई हैं कि महिलाएं जिस भी क्षेत्र को रिप्रेजेंटेट करती हैं जितना समय संभव हो उस पर काम करना चाहिए। किसी भी मीटिंग आदि में खुद ही अपनी बात रखना चाहिए, इससे महिलाओं में कॉन्फिडेंस आता हैl महिलाओं को आरक्षण मिलता है वह अपनी जिम्मेदारी निभाएं और अपना खुद का भी योगदान दें।

महापौर का बैठक में न आना बना विवाद कांग्रेस की नगर सरकार में MIC सदस्य अवधेश कौरव ने नगर निगम की व्यावहारिक कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि महापौर शहर की प्रथम नागरिक हैं। बैठक में उन्हें आमंत्रित ही नहीं किया गया। क्योंकि जिस तरह नगर निगम के ZO को बैठक में शामिल होने की सूचना दी गई। उसी तरह उन्हें पत्र भेजकर खानापूर्ति की गई। यह उनका अपमान है।