निठारी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट का फैसला: आरोपी बरी, जांच पर उठे सवाल , CBI और यूपी सरकार को बड़ा झटका
सुप्रीम कोर्ट ने निठारी हत्याकांड के आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया। शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। कोर्ट ने बरी किए जाने के खिलाफ सीबीआई, उत्तर प्रदेश सरकार और पीड़ित परिवारों की अपील खारिज कर दी।

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 16 अक्टूबर, 2023 के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें पंढेर और कोली को बरी कर दिया गया था और निचली अदालत की मौत की सजा को पलट दिया गया था।
नोएडा के निठारी कांड में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने निठारी केस में आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को सही माना है। सर्वोच्च अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान साफ तौर पर कहा कि निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले में कोई गड़बड़ी नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में आरोपी सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता मनीषा भंडारी ने कहा कि सीबीआई पर्याप्त सबूत पेश करने में विफल रही। उन्होंने दलील दी कि फांसी जैसी कठोर सजा तब तक नहीं दी जा सकती, जब तक पुख्ता वैज्ञानिक या प्रत्यक्षदर्शी साक्ष्य न हों। मनीषा भंडारी ने यह भी कहा कि केवल परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्धि न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। हाइकोर्ट ने 14 मामलों में एक साथ की थी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यों की पीठ में मामले की सुनवाई हुई और अब यह फैसला आया है। चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस विनोद चंद्रन की पीठ ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 16 अक्टूबर 2023 के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें सुरेंद्र कोली को 12 और मनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों में मिली फांसी की सजा को रद्द कर दिया गया था।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस एसएचए रिजवी ने 14 आपराधिक अपीलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया था। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सभी मामले परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित हैं। प्रत्यक्षदर्शी गवाहों की अनुपस्थिति में सजा नहीं दी जा सकती है।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती सीबीआई ने नोएडा के निठारी हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट की ओर से आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के खिलाफ दायर सीबीआई की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके साथ ही, मनिंदर सिंह पंढ़ेर के खिलाफ दायर याचिका को भी खारिज कर दिया गया है।