चंपालाल बोथरा ने उठाई आवाज़:CAIT टेक्सटाइल गारमेंट कमेटी ने कपड़ा उद्योग के लिए जीएसटी सुधारों की रखी जोरदार मांग, MSME और छोटे व्यापारियों को राहत देने पर दिया बल
CAIT की टेक्सटाइल गारमेंट कमेटी के राष्ट्रीय चेयरमैन चंपालाल बोथरा ने आगामी GST काउंसिल बैठक से पहले कपड़ा उद्योग के लिए तत्काल GST सुधारों की मांग की।
 
                                . कपड़ा उद्योग के लिए एक समान 5% जीएसटी की मांग
. ₹1000 की सीमा बढ़ाकर ₹10,000 करने का प्रस्ताव
. लेहंगा और सेमी-स्टिच्ड आइटम्स पर भी 5% जीएसटी लागू करने की अपील
. 100% FDI और ऑनलाइन डिस्काउंटिंग से छोटे व्यापारियों को खतरा
. MSME और महिला कारीगरों के हितों की रक्षा पर जोर
. वित्त मंत्री और अन्य नेताओं को भेजा गया पत्र
Surat,चंपालाल बोथरा राष्ट्रीय चेयरमैन टेक्सटाइल & गारमेंट कमेटी कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( CAIT) ने कहा, "भारत का टेक्सटाइल और गारमेंट उद्योग देश की अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक पहचान की रीढ़ है। यह क्षेत्र करोड़ों लोगों, खासकर MSME और
अनआर्गनाइज्ड व महिला कारीगरों , उद्यमीओ को रोज़गार देता है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का 5F विजन (Farm → Fibre → Factory → Fashion → Foreign) एक दूरदर्शी पहल है, लेकिन इसे सफल बनाने के लिए हमें जीएसटी प्रणाली की विसंगतियों को दूर करना होगा।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारा मुख्य उद्देश्य कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पाद तक एक समान 5% जीएसटी लागू करवाना है। साथ ही गारमेंट पे अभी अलग-अलग दरें और ₹1000 की छोटी सीमा MSME और छोटे व्यापारियों के लिए अनावश्यक मुश्किलें पैदा करती हैं। हमारी मांग है कि इस सीमा को बढ़ाकर ₹10,000 किया जाए। यह बदलाव न केवल व्यापारियों को राहत देगा, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी कपड़ों को किफायती बनाएगा।"
लेहंगा और सेमी-स्टिच्ड आइटम्स पर 1000/- रुपया पे 5% और उससे उपर 12% जीएसटी को लेकर उन्होंने कहा, "ये आइटम पहनने के लिए तैयार नहीं होते हैं, इसलिए इन्हें कपड़े (फैब्रिक) की श्रेणी में ही रखा जाना चाहिए और इन पर भी 5% जीएसटी लगना चाहिए। इससे लाखों कारीगरों और छोटे दुकानदारों को लाभ होगा।"
बोथरा ने 100% FDI और ऑनलाइन व्यापार के बढ़ते प्रभाव पर विशेष चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "भारत के कपड़ा उद्योग में 100% FDI की अनुमति और ई-कॉमर्स का बढ़ता वर्चस्व बड़े ग्रुपों और विदेशी ब्रांडों को बढ़ावा दे रहा है। ऐसे में, MSME और छोटे व्यापारियों का रोज़गार और अस्तित्व बनाए रखने के लिए जीएसटी में सुधार अनिवार्य हैं। सरकार को ऐसी नीतियां बनानी चाहिए, जो छोटे व्यापारियों को इन चुनौतियों के सामने टिके रहने में मदद करें।"
उन्होंने कहा, "अनियंत्रित छूट और डिस्काउंटिंग ने हमारे स्थानीय बाजार को नुकसान पहुंचाया है। सरकार को इस पर लगाम लगानी चाहिए ताकि स्वस्थ और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा बनी रहे। हमारा मानना है कि जीएसटी सुधार सिर्फ एक कर नीति नहीं है, बल्कि यह हमारे उद्योग के भविष्य, रोज़गार और देश की आर्थिक प्रगति से जुड़ा हुआ है।"
बोथरा ने बताया कि इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह , सांसद और कैट राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीण खंडेलवाल और गुजरात के वित मंत्री कनुभाई देसाई को पत्र भेजे गए हैं। बोथरा ने विश्वास जताया कि सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार करेगी और टेक्सटाइल उद्योग को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी।
 प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस
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