केंद्र–राज्य समन्वय से खाद्यान्न प्रबंधन को मिलेगा नया आयाम, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से मप्र के खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने की भेंट, महत्वपूर्ण विषयों पर हुई चर्चा
केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रहलाद जोशी से मध्यप्रदेश के खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने भेंट कर प्रदेश की खाद्यान्न प्रबंधन व्यवस्था को मजबूत, पारदर्शी और तकनीक-संचालित बनाने पर चर्चा की। बैठक में उपार्जन, भंडारण, वितरण, किसानों को समय पर भुगतान, अतिशेष गेहूं के त्वरित उठाव, लंबित भुगतान (लगभग ₹7511 करोड़) और खाद्यान्न साख सीमा को दीर्घकालीन ऋण में बदलने जैसे मुद्दे प्रमुख रहे।
केंद्र–राज्य समन्वय से खाद्यान्न प्रबंधन होगा और सुदृढ़, किसानों व उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
भोपाल। केंद्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी से नई दिल्ली में मध्यप्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने शिष्टाचार भेंट कर प्रदेश की खाद्यान्न प्रबंधन व्यवस्था को अधिक सुदृढ़, पारदर्शी एवं तकनीक-संचालित बनाने से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव खाद्य श्रीमती रश्मि अरुण शमी, आयुक्त खाद्य कर्मवीर शर्मा एवं प्रबंध संचालक मप्र राज्य नागरिक आपूर्ति निगम अनुराग वर्मा भी उपस्थित रहे।
भेंट के दौरान मंत्री राजपूत ने प्रदेश में खाद्यान्न उपार्जन, भंडारण, वितरण तथा गुणवत्ता सुधार से संबंधित नीतिगत एवं वित्तीय पहलुओं से केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया और केंद्र सरकार के स्तर पर शीघ्र निर्णय की आवश्यकता वाले प्रमुख प्रस्ताव प्रस्तुत किए।
मंत्री राजपूत ने प्रदेश में वर्तमान विकेन्द्रीकृत उपार्जन व्यवस्था के स्थान पर केन्द्रीयकृत प्रणाली लागू करने अथवा अनुमानित उपार्जन मात्रा के अनुरूप समर्थन मूल्य की एकमुश्त अग्रिम राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया, जिससे किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित हो सके और राज्य पर वित्तीय दबाव कम हो।
अतिशेष गेहूं के त्वरित उठाव और बकाया भुगतान की मांग :
खाद्य मंत्री राजपूत ने राज्य में उपार्जित अतिशेष गेहूं का एफसीआई द्वारा शीघ्र उठाव सुनिश्चित करने अथवा गोदामों में भंडारित गेहूं को यथास्थिति अधिग्रहित कर भुगतान प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ करने की आवश्यकता रेखांकित की।
मंत्री राजपूत ने मध्यप्रदेश के लिए स्वीकृत खाद्यान्न साख सीमा को 20 वर्ष के दीर्घकालीन ऋण में परिवर्तित करने तथा म.प्र. नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा प्रस्तुत लेखों के विरुद्ध लंबित लगभग 7511 करोड़ रुपये की राशि के शीघ्र भुगतान का अनुरोध किया।
डेटा प्रबंधन और पारदर्शिता पर बल :
खाद्य मंत्री राजपूत ने वर्ष 2020–21 एवं 2022–23 में वितरित खाद्यान्न से संबंधित डेटा को सेंट्रल रिपोजिटरी में अपलोड करने की लंबित कार्यवाही को प्राथमिकता से पूर्ण कराने का आग्रह किया, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर डेटा की एकरूपता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने नवाचार और तकनीकी उन्नयन का प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि ये सभी प्रस्ताव मध्यप्रदेश की खाद्यान्न प्रबंधन प्रणाली को अधिक दक्ष, आधुनिक और पारदर्शी बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे, जिससे किसानों, उपभोक्ताओं और शासन तीनों को दीर्घकालीन लाभ मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने सभी बिंदुओं पर सकारात्मक विचार-विमर्श करते हुए प्रस्तावों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस