लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर संगोष्ठी का भव्य आयोजन  लोकमाता का जीवन शौर्य, सेवा और समर्पण का प्रतीक”- प्रभारी मंत्री

पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर का जीवन त्याग, तप, सेवा और शौर्य का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने न केवल मालवा क्षेत्र में लोककल्याणकारी शासन दिया, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवित किया। उनका अखिल भारतीय दृष्टिकोण और सामाजिक समरसता आज भी हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।

लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर संगोष्ठी का भव्य आयोजन   लोकमाता का जीवन शौर्य, सेवा और समर्पण का प्रतीक”- प्रभारी मंत्री

लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती की स्मृति में एक भव्य संगोष्ठी का आयोजन

उरई । आज राजकीय मेडिकल कॉलेज, के ऑडिटोरियम में पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती की स्मृति में एक भव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग संजय सिंह गंगवार ने मां सरस्वती व अहिल्याबाई होल्कर जी के चित्र पर पुष्प अर्पितकर कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया। 

 राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार ने अपने वक्तव्य में कहा, “पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर का जीवन त्याग, तप, सेवा और शौर्य का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने न केवल मालवा क्षेत्र में लोककल्याणकारी शासन दिया, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवित किया। उनका अखिल भारतीय दृष्टिकोण और सामाजिक समरसता आज भी हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।“लोकमाता अहिल्याबाई ने देश की एकता और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में जो योगदान दिया वह भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। तीर्थ यात्राओं की पुनर्प्रतिष्ठा और मंदिरों के निर्माण कार्यों में उनका योगदान अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि कल टाउन हॉल स्थित अमृत पार्क उद्घाटन किया था, आज उन्होंने घोषणा की है कि उक्त पार्क अब पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्याबाई होलकर के नाम से जाना जाएगा।

जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. घनश्याम अनुरागी ने कहा, “लोकमाता ने महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, कृषि एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में जो कार्य किए, वे आज के शासन और समाज के लिए मार्गदर्शक हैं। उनकी न्यायप्रियता और प्रशासनिक दक्षता अनुकरणीय है।” उन्होंने कहा कि जिला पंचायत कार्यालय में पूण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की मूर्ति की स्थापना की घोषणा की।

सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा ने कहा, “लोकमाता अहिल्याबाई ने शासन को जनकल्याण का माध्यम बनाया। मंदिरों के पुनर्निर्माण से लेकर विधवाओं और जनजातीय समाज के कल्याण तक उनके कार्यों की व्यापकता अद्वितीय है। उनके आदर्शों को आत्मसात करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।”

माधौगढ़ विधायक मूलचंद निरंजन ने कहा, “अहिल्याबाई का जीवन दर्शन युवाओं के लिए प्रेरणा है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य और विवेक से शासन किया और प्रजा की सेवा को ही अपना धर्म बनाया।”

इस अवसर पर जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय व पुलिस अधीक्षक डॉ दुर्गेश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र कुमार श्रीवास, भारत सरकार के पूर्व मंत्री भानुप्रताप सिंह वर्मा, विधान परिषद सदस्य के प्रतिनिधि आरपी निरंजन, जल शक्ति मंत्री के प्रतिनिधि अरविंद चौहान, कालपी विधायक के प्रतिनिधि आशुतोष चतुर्वेदी, नगर पालिका अध्यक्ष उरई के प्रतिनिधि विजय चौधरी, पूर्व विधायक कालपी नरेंद्र सिंह जादौन, बीजेपी जिलाध्यक्षा उर्विजा दीक्षित आदि सिहित सम्बंधित अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।