सीएम डॉ. मोहन यादव ने पावक और प्रभास को बाड़े में छोड़ा, पिंजरे से निकलते ही चीतों ने लगाई दौड़,चीतों पर रखी जाएगी 24 घंटे नजर

अफ्रीका में जन्मे 6 वर्षीय चीते प्रभाष और पावक को आज दोपहर गांधीसागर खेमला लाया गया और शाम 5.35 बजे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उन्हें बाड़े में छोड़ा। 16.4 वर्ग किमी क्षेत्र में बने बाड़े में चीतों की 24 घंटे निगरानी और देखभाल की व्यवस्था की गई है।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने पावक और प्रभास को बाड़े में छोड़ा, पिंजरे से निकलते ही चीतों ने लगाई दौड़,चीतों पर रखी जाएगी 24 घंटे नजर

कूनो से दोनों चीते प्रभाष और पावक आज दोपहर 3 बजे गांधीसागर खेमला अपने नए घर पहुंचे थे। उनको शाम 5.35 बजे तक उनके लिए बनाए गए बाड़े में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने छोड़ा। प्रभाष और पावक की उम्र 6 साल है, ये अफ्रीका में पैदा हुए हैं।

सीसीएफ ने बताया कि तीन बजे दोनों चीते गांधीसागर पहुंचे। उनको शाम को 5.35 बजे मुख्यमंत्री ने बाड़े में छोड़ा। चीतों के लिए पूरी तैयारियां कर ली गई थी।

चीतों पर रखी जाएगी 24 घंटे नजर

16.4 वर्ग किलोमीटर के बाड़े हैं। 24 घंटे उन पर निगरानी के लिए पूरी व्यवस्था की गई है। खाने से लेकर उनके स्वास्थ्य को लेकर भी टीम की नियुक्ति की गई है।

अभयारण्य में 8-10 चीतों को बसाने का इंतजाम गांधी सागर अभयारण्य में वन विभाग ने चीतों के लिए 8900 हेक्टेयर का विशेष क्षेत्र तैयार किया है। यहां 8 से 10 चीतों को बसाने की व्यवस्था की गई है।

चीतों के भोजन के लिए अभयारण्य में 150 से अधिक चीतल, 80 से अधिक चिंकारा, 50 से अधिक व्हाइट बोर्ड और 50 से अधिक नीलगाय मौजूद हैं। इसके अलावा यहां पहले से ही हिरणों की अच्छी-खासी संख्या है।

अभयारण्य के 90 चीता मित्र कूनो में हो चुके ट्रेंड गांधी सागर अभयारण्य के रेंजर अंकित सोनी ने कहा- 90 प्रशिक्षित लोगों की टीम चीतों की देखरेख करेगी। इनकी ट्रेनिंग कूनो सैंक्चुरी में पूरी हो चुकी है। वन विभाग ने 16 किलोमीटर में एक परिक्षेत्र बनाया है, जिसमें चीतों को सुरक्षित रखा जाएगा। पानी की विशेष व्यवस्था के लिए सैंक्चुरी एरिया में तालाब बनाए गए हैं।

डीएफओ संजय रायखरे ने बताया कि गांधी सागर अभयारण्य मंदसौर संसदीय क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। चीतों की आमद से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।