सोयाबीन की बात करने आए थे और बोरा गेहूं का ले आए,शिवराज सिंह चौहान ने जीतू पटवारी पर निशाना साधा
केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जीतू पटवारी पर निशाना साधते हुए कहा कि केवल मीडिया में दिखने के लिए नौटंकी करनी थी तो माइक लगाकर किसान किसान चिल्लाएंगे, फिर चले जाएंगे।
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति में किसान मुद्दे को लेकर गर्मी बढ़ गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के भोपाल में हुए प्रदर्शन पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में पलटवार किया है। शिवराज ने मीडिया से कहा, “जीतू सोयाबीन की बात कर रहे थे और गेहूं का बोरा लेकर आ गए। किसान कहां थे? केवल माइक लगाकर नौटंकी करनी थी, तो कर ली।”
क्या था पूरा मामला?
बुधवार को पटवारी और कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक किसानों के साथ शिवराज सिंह चौहान के बंगले तक पहुंच गए थे। उन्होंने भावांतर योजना के स्थान पर किसानों को एमएसपी (Minimum Support Price) देने की मांग की थी। इस प्रदर्शन के बाद पटवारी, नायक सहित 25 कांग्रेस नेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई है।
शिवराज बोले– “लोकतंत्र है, मामा सबसे मिलेगा”
मीडिया ने जब सवाल किया कि “आपके घर कांग्रेस अध्यक्ष बोरा लेकर आ गए थे, उसमें क्या था?” तो शिवराज ने मुस्कराते हुए कहा, “मैं तो हर किसी का स्वागत करता हूं। वो आए तो मैंने कहा अंदर बुलाओ, लोकतंत्र है—मामा सबसे मिलेगा। मैं खुद बाहर से लेने गया कि किसान कहां हैं, उन्हें भी बुला लो।” फिर तंज कसते हुए बोले, “बात सोयाबीन की थी, और बोरा गेहूं का उठा लाए। कोई तथ्य नहीं, कोई तर्क नहीं। बस मीडिया में दिखने के लिए नौटंकी थी।”
जीतू पटवारी का पलटवार—“आप सच से डरते हैं, मंत्रीजी”
शिवराज सिंह चौहान के बयान का वीडियो X (पूर्व ट्विटर) पर शेयर करते हुए जीतू पटवारी ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने लिखा, “प्रिय शिवराज जी, आपकी बातों में आज भी वही फरेब की सियासत है, जिसकी सजा मेरे किसानों को भुगतनी पड़ रही है। असली मुद्दों से ध्यान भटकाना आपकी आदत है। किसान अधिकार की आवाज मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है। मैं अपना काम करता रहूंगा, फिर आऊंगा—नए सवालों के साथ।”
किसान मुद्दे पर सियासत तेज
एमएसपी और भावांतर को लेकर भाजपा-कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। एक ओर शिवराज इसे “राजनीतिक स्टंट” बता रहे हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस किसान आंदोलन को “मुद्दों की लड़ाई” कह रही है।
फिलहाल, एफआईआर और सोशल मीडिया वार के बीच यह मुद्दा प्रदेश की राजनीति में नया सियासी मोड़ ले चुका है।
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस