एम्बुलेंस पंचर होकर रास्ते में खड़ी रही, मरीज की मौत: नहीं थी स्टेपनी, इलाज न मिलने पर तड़प-तड़पकर तोड़ा दम
भदौरा के पास नेशनल हाइवे पर एंबुलेंस का टायर पंचर हो गया. हैरानी की बात यह है कि एंबुलेंस में स्टेपनी नहीं थी. इस लापरवाही के चलते मरीज को जरूरी इलाज मिलने में और देरी हुई. पीड़ित परिवार के फोन पर दूसरी एंबुलेंस करीब 45 मिनट बाद मौके पर पहुंची लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
गुना में मरीज को ले जा रही एंबुलेंस बीच रास्ते में हुई पंचर, करीब 1 घंटे बाद पहुंची दूसरी एंबुलेंस, मरीज की हुई मौत.
गुना।: जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की घोर लापरवाही का एक और शर्मनाक मामला सामने आया है, जहां समय पर एंबुलेंस न मिलने और उसकी तकनीकी खामी के कारण जगदीश ओझा नामक एक मरीज की जान चली गई। इस घटना के बाद पीड़ित परिवार ने स्थानीय विधायक ऋषि अग्रवाल को फोन कर मामले की जानकारी दी, जिसके बाद स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
दरअसल, रविवार को लगभग 11 बजे स्थानीय निवासी जगदीश ओझा को म्याना अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें गुना जिला अस्पताल के लिए रेफर किया, लेकिन पहली एंबुलेंस लगभग एक घंटे बाद म्याना पहुंची। इसके बाद, गुना जाते समय भदौरा के पास नेशनल हाईवे पर एंबुलेंस पंचर हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि एंबुलेंस में स्टेपनी (स्पेयर टायर) मौजूद नहीं थी। इस लापरवाही के कारण मरीज को आवश्यक उपचार मिलने में और देरी हुई। पीड़ित परिवार के फोन करने पर दूसरी एंबुलेंस लगभग 45 मिनट बाद मौके पर पहुंच सकी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जिला अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने जगदीश ओझा को मृत घोषित कर दिया।
मामले की जानकारी मिलते ही विधायक ऋषि अग्रवाल ने तत्काल नोडल अधिकारी से बात की, जिसके बाद दूसरी एंबुलेंस भेजी गई। मरीज की मौत की खबर मिलने पर विधायक अग्रवाल जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने एंबुलेंस में स्टेपनी नहीं होने पर कड़ी नाराज़गी जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर झूठे दावे कर रही है, जबकि आए दिन कहीं गाड़ी, कहीं ट्रॉली तो कहीं ऑटो में प्रसव होने और समय पर एंबुलेंस न मिलने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं।
विधायक ने बताया कि जिस एंबुलेंस से यह हादसा हुआ है, उसका चालक भी नियमित नहीं था। उन्होंने कलेक्टर और सीएमएचओ को इस गंभीर लापरवाही की जानकारी दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी अधिकारी या कर्मचारी हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
विधायक ने जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज के डायरेक्टर पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की मांग की है।
बमौरी विधायक अग्रवाल ने यह भी घोषणा की है कि वह इस गंभीर मुद्दे को विधानसभा में प्रमुखता से उठाएंगे ताकि स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था सुधारी जा सके और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
विधायक ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में एंबुलेंस सेवाओं के नाम पर 600 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है।
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस